भा.ज.पा. सरकार के तत्कालीन रक्षा मन्त्री के आवास पर रक्षा मंत्री की करीबी मित्र श्रीमती जया जेटली जी को रिश्वत लेते हुये देश ने ही नहीं बल्कि दुनिया ने देखा था, किन्तु तब भारतीय जनतापार्टी ने इसे झूठ कहा था- प्रमोद तिवारी

कांगे्रस के वरिष्ठ नेता श्री प्रमोद तिवारी ने कहा है कि सारी दुनिया को याद होगा जब भारतीय जनतापार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष स्व. बंगारू लक्ष्मण जी को उनके कार्यालय में कैष में रिष्वत लेते हुये, तथा भा.ज.पा. सरकार के तत्कालीन रक्षा मन्त्री के आवास पर रक्षा मंत्री की करीबी मित्र श्रीमती जया जेटली जी को रिष्वत लेते हुये देष ने ही नहीं बल्कि दुनिया ने देखा था, किन्तु तब भारतीय जनतापार्टी ने इसे झंूॅठ कहा था ।
श्री तिवारी ने कहा है कि कल दिनांक- 25 जुलाई, 2020 को सी.बी.आई. अदालत के न्यायाधीष श्री वीरेन्द्र भट््ट जी ने इस मुकदमे में सजा सुना दी । इस मुकदमें में वर्ष 2006 में चार्जषीट दाखिल हुई थी और कल 25 जुलाई 2020 को मुकदमें में जीवित अभियुक्तों श्रीमती जया जेटली, श्री गोपाल पचरवाल तथा श्री एस. पी. मुरगई को अदालत ने दोषी ठहराया, और इस तरह एक न्यूज पोर्टल ‘‘तहलका डाॅट काम’’ द्वारा किये गये स्टिंग आॅपरेषन जिसे ‘‘आॅपरेषन वेस्ट ईस्ट’’ का नाम दिया गया था उसे अदालत ने सही माना और 14 साल बाद अभियुक्तों को अदालत ने दोषी ठहराया ।
श्री तिवारी ने कहा है कि आज की देष की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे स्व. बंगारू लक्ष्मण जी और भा.ज.पा. सरकार के तत्कालीन रक्षा मंत्री के आवास पर ली गयी रिष्वत को अदालत ने सही माना है । ‘‘जीरो टाॅलरेंस’’ की बात करने वाली, और पारदर्षिता की दुहाई देने वाली भारतीय जनतापार्टी ने इतिहास रचा है, और उस मुकदमें में जिसमें भा.ज.पा. के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष, अैार तत्कालीन रक्षा मंत्री के आवास पर ली गयी रिष्वत का मुकदमा विचाराधीन था उसमें सी.बी.आई. अदालत ने दोषी ठहराया है ।
श्री तिवारी ने कहा है कि मुझे पूरी उम्मीद है कि भारतीय जनतापार्टी कम से कम पारदर्षिता और ईमानदारी की बात करना कुछ दिन कम करे और इस अक्षम्य अपराध के लिये देष से क्षमा याचना करे ।
श्री तिवारी ने कहा है कि देष का संविधान पूरी तरह स्पष्ट है और मा. सर्वोच्च न्यायालय और मा. उच्च न्यायालय ने बार- बार परिभाषित भी किया है कि निर्वाचित मंत्रि परिषद के आग्रह पर महामहिम श्रीराज्यपाल, विधान सभा की बैठक आहूत करेंगे, तदानुसार मा. अध्यक्ष विधान सभा के निर्देषानुसार विधान सभा की कार्यवाही संचालित होगी।
मुझे आष्चर्य है कि राजस्थान में मंत्रि परिषद के 3 बार अनुरोध करने के बाद भी महामहिम श्रीराज्यपाल राजस्थान, विधान सभा की बैठक नहीं बुला रहे हैं, जो संवैधानिक रूप से अनिवार्य है, और इस तरह राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या हो रही है, तथा भारतीय जनतापार्टी को एक निर्वाचित स्थिर सरकार को अस्थिर करने का अवसर दिया जा रहा है, ये संविधान की नजरों में, और मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थापित विषय पर दी गयी सभी रूलिंग के प्रतिकूल है ।
नाबम रेबिया आदि बनाम डिप्टी स्पीकर एवं अन्य दिनांक- 13 जुलाई, 2016 के  प्रकरण में न्यायाधीष श्री जगदीष सिंह खेहर, न्यायाधीष श्री दीपक मिश्रा, न्यायाधीष श्री मदन बी. लूकर न्यायाधीष श्री पिनाकी चन्द्र घोष एवं न्यायाधीष श्री एन.वी. रमाना की 5 सदस्यीय संवैधानिक बेंच ने स्पष्ट कर दिया है कि सदन की बैठक बुलाने के मामले में मंत्रि परिषद की सिफारिष बाध्यकारी है ।
मुझे आषा है कि महामहिम श्रीराज्यपाल राजस्थान, गहलौत मंत्रि परिषद की सिफारिष को स्वीकार करेंगे, तथा विधान सभा की बैठक तत्काल बुलायेंगे, और लोकतंत्र तथा संविधान की रक्षा करेंगे ।


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