भूजल सप्ताह समापन सप्ताह: प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किया पूरे प्रदेश को किया सम्बोधित





एनआईसी में मुख्यमंत्री के उदबोधन को सुना गया

* बीएसएस पिछले कई वर्षों से जल संरक्षण के लिए कर रहा है कार्य


 

 

ललितपुर।

भूजल सप्ताह समापन सप्ताह अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्बोधित किया। एनआईसी ललितपुर में

 जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ल, अपर जिलाधिकारी, जिला विकास अधिकारी, अधिशाषी अभियंता लघु सिंचाई  विभाग, बासुदेव सिंह मन्त्री बुंदेलखंड सेवा संस्थान ललितपुर, ग्राम प्रधान बिरधा, ब्लाक तालबेहट की मुख्यमंत्री के संबोधन कार्यक्रम में सहभागिता रही।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्षा जल के बून्द-बून्द को बचाना होगा। जल संरक्षण के प्राचीन श्रोतों को ज़िंदा करना होगा। तालाब गहरीकरण, खेत तालाब आदि जल श्रोतों को मजबूत करना होगा तभी धरती में पानी के श्रोत मजबूत होंगे। पेड़ पौधे सभी लोग लगाए। पेड़ पौधे अच्छी संख्या में होंगे तो बारिश भी अच्छी होगी। उन्होंने कहा कि जल सत्याग्रही के रूप में स्वयं सेवी संस्थाये अच्छा काम कर रही हैं आज बरसा जल बचाने की बहुत आवश्यक है जनभागीदारी बहुत ज़रूरी है तभी जल के संकट से बच पाएंगे नई पीढ़ी को शुद्ध पेयजल आपूर्ति कर सकेंगे।

 

उल्लेखनीय कि बुंदेलखंडसेवा संस्थान बिगत 17 वर्षो से मड़ावरा क्षेत्र में कार्य कर रहा है। उत्तरप्रदेश शासन द्वारा आयोजित भूजल सप्ताह के संदेश

 बरसा जल है जीवन धारा

जल संचय संकल्प हमारा

को पंचायतों तक पहुचाने के लिए बुंदेलखंडसेवा संस्थान के स्वयं सेवक अपने अपने गाँवों में  कार्य कर रहे हैं।  बुंदेलखंड सेवा संस्थान के मन्त्री बासुदेव सिंह ने बताया कि अन्त्योदय दर्शन कोमूर्त रूप देने के लिए संस्थान विगत 17  वर्षों से जिले के सबसे पिछड़े विकास से बंचित मड़ावरा ब्लाक में भूमि एवं जल संरक्षण पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहा है ।संस्थान ने अब तक बनवासी लघु एवं सीमान्त 50 किसानों की पट्टे पर मिली जमीनों में मेड़बन्दी व 50 खेत तालाब बनाया है कृषि आधारित आजीविका से जोड़ा है। सरकारी गैर सरकारी सहयोग से सोरई ,बनयाना बड़गाना बनगवां गोरा कला आदि बड़े बड़े तालाबों में गहराई बढ़ाकर जल भरण क्षमता में वृद्धि की गई है।हज़ारो किसानों को सिंचाई एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध हुई है गाँवों के भूजल स्तर में वृद्धि हुई है।

संस्थान  क्षेत्र की स्थिति परिस्थितियों की सही जानकारी शासन प्रशासन तक पहुँचा कर नई पहल करने के लिए सशक्त पैरवी करता है । विगत 2019 में संस्थान को दिदोनिया पंचायत की ग्राम सभा के दौरान ऑडी नदी की जानकारी मिली। संस्थान ने पुनर्जीवन के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह को लिखित प्रार्थना पत्र दिया नदी पुनर्जीवन की सम्भावनाओ पर विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी ने गम्भीरता पूर्वक तकनीकी परीक्षण कर के ऑडी नदी के पुनर्जीवन के लिए भागीरथी प्रयास किया जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिले की कई विभागों की टीम निरन्तरकाम किया सफ़लता मिल गई । ओडी नदी के प्रत्यक्ष रूप से 8 गाँव के 558 परिवारों रोज़गार मिला और 3500परिवारों को सिंचाई का लाभ मिला । कुल 9600 एकड़ भूमि सिंचित हुई ।

बासुदेव सिंह नेबताया कि ऑडी नदी के किनारे के गाँवों में 51हज़ार फलदार पौधों का रोपण कर संस्थान ने यह संदेश दिया है कि बरसात के पानी को  वनों एवं बगीचों के द्वारा धरती के अन्दर पानी पहुँचता है।चरागाहों, तालाबों ,खेत तालाबों  नदी ,नालों, झरनों ,पोखर, बावड़ियों ,से पानी भूगर्भ में जाता है।जिन खेतों में गोबर की खाद डाली जाती है वहाँ पानी 40 से 50गुना रीचार्ज होता है । सिंचाई के लिए पानी मिलने से किसान मचान खेती करके सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं। संस्थान के अकिंचन प्रयास अन्त्योदय दर्शन के स्वप्नों को साकार कर निराश किसानों में नया उत्साह भर रहा है ताकि किसान आने वाली आपदाओं के धैर्यपूर्वक मुकाबला कर सके।सरकार की कल्याणकारीयोजनाओं से जोड़ने का कार्य संस्थान कुशलता पूर्वकविगत 17 वर्षों से कर रहा है। संस्थान बरसात का पानी बचाने खेत में मेड़ व खेत तालाब बनाने के लिए किसानों को प्रशिक्षित करने का कार्य करता है। अन्त्योदय के लिए एक सैकड़ा गाँवों में भूमि ,जल,पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित भाव से बुंदेलखंड सेवा संस्थान कार्य कर रहा है। नदी पुनर्जीवन सहयोग के लिए शासन प्रशासन से मिला सम्मान मिला है ।

 

 

 



 




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