लोक चेतना के कवि तुलसी एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम याद किए गए


 संत कबीर नगर। श्री रामचरित मानस के रचयिता महाकवि गोस्वामी संत तुलसी दास जी की जयंती एवं पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम के पूण्य तिथि के अवसर पर सोमवार को प्रभा देवी स्नात्कोत्तर महाविद्यालय में मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ गोस्वामी संत तुलसी दास जी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित करके किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉक्टर प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने कहा कि श्री रामचरित मानस यथार्थ, आदर्श और लोक-परलोक, आस्था और विचार का समागम है। मानस संस्कारों की मंजूषा है।

       डॉक्टर त्रिपाठी में गोस्वामी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि उनके जैसा कवि विश्व साहित्य में दुर्लभ है। उन्होंने वैदिक दर्शन पर प्रवचन करने के बजाय आदर्श चरित्र गढ़े। 

      कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रबंधक श्रीमती पुष्पा चतुर्वेदी ने कहा कि मानस के नारी पात्र सीता, अनुसुइया, कौशल्या, सुमित्रा, मंदोदरी, त्रिजटा तुलसी के आदर्श हैं। तो कैकेई, सूर्पनखा तथा मंथरा अभिशप्त चरित्र हैं। 

           डॉ केo एमo त्रिपाठी ने कहा कि तुलसी ने चारों ओर से हमले झेल रही भारतीय जनता को क्षरण से बचाने के लिए श्री राम जैसा संकल्पबद्ध लोकनायक प्रस्तुत किया।


         कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री वैभव चतुर्वेदी, उप प्रबंधक,प्रभा देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खलीलाबाद संत कबीर नगर ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर नमन करते हुए कहा कि राष्ट्र के लिए 1974 में पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद दूसरी बार 1998 में पोकरण में किए गए परमाणु परीक्षण में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक जैसी कई भूमिका निभाई जिसके लिए आने वाली पीढ़ी के आदर्श प्रतिमान के रूप में वे सदैव याद किए जाएंगे।

कार्यक्रम का प्रारंभ गोस्वामी तुलसीदास और अब्दुल कलाम के चित्र पर पुष्पंजलि अर्पित करके किया गया। सफल संचालन वी के मिश्र ने किया। इस अवसर पर सर्वश्री रवि प्रताप सिंह, रीतेश त्रिपाठी, राजेश कुमार पाण्डेय, नवनीत मिश्र, संजीव रंजन दिक्षित, सुजित कुमार, अलोक मौर्या सहित अनेक लोग उपस्थिति रहे।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?