प्रमुख सचिव वार्ता को तैयार नही,वर्कटूरूल पर विपणन निरीक्षक और अधिकारी
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अध्यक्ष सरकार के समक्ष रखेगें मामला
लखनऊ, 12 जुलाई। यूपी फूड एण्ड सिविल सप्लाइज इन्सपैक्टर्स/आफीसर्स एसोसिएशन द्वारा प्रमुख सचिव खाद्य रसद द्वारा लम्बित समस्याओं के निराकरण के लिए भेजे गए ज्ञापन, पत्रों की उपेक्षा एवं एसोसिएशन द्वारा संवर्ग की जायज समस्याओं के निराकरण तथा विभाग के हित में प्रशासनिक सुधार के लिए वार्ता हेतु समय न देने से नाराज होकर वर्क टू रूल आन्दोलन शुरू किया गया है। इस संबध में एसोसिएशन द्वारा संवर्ग की समस्याओं की समस्याओं का ब्यौरा देते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद को भी पत्र लिखकर हस्तक्षेप की अपील की है। परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया है कि जल्द ही वे इस सम्बंध में सरकार और मुख्य सचिव से वार्ता कर समस्याओं का समाधान करायेगे। खाद्य तथा रसद मार्केटिंग अधिकारी संघ द्वारा भी लिखित समर्थन दिया गया है।
यूपी फूड एण्ड सिविल सप्लाइज इन्सपैक्टर्स/आफीसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अरूणदत्त शर्मा ने बताया कि कोविड 19 के चलते प्रदेश सरकार के दायित्वों में बढ़ोत्तरी हुई है इसके चलते एसोसिएशन कारोना काल में भी बिना किसी सुरक्षा संसाधन के लगातार सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करता आ रहा है। इस बीच एसोसिएशन ने अपने खर्च पर सेनेटाइजर, मास्क आदि सुरक्षा उपकरण की मांग की थी लेकिन ऐसा नही हुआ और इसका परिणाम यह कि प्रदेश के कई अधिकारी कारोना से संक्रमित भी हो गए। इसके विपरीत इस संवर्ग के उत्साहवर्धन की जगह निरीक्षण वर्ग में यह सामान्य धारण उत्पन्न हो गई है कि विभाग को हमारी समस्याओं से कोई सरोकार नही है। इस संवर्ग की महिला कर्मचारियों को टाॅयलट जैसी भूलभूत सुविध तक से वंचित किया जा रहा है। क्रय केन्द्रो तक की स्थापना ऐसे निर्जन क्षेत्रों में बिना संसधान कर परेशान किया जा रहा है। यही नही वर्षो तक अनावश्यक रूप से कर्मचारियों को निलम्बित कर नियमानुसार एसीपी जैसे लाभों से वंचित रखा जा रहा है। यद्धपि कारोन संकट काल में सरकार के समक्ष उपजी समस्याओं के कारण संगठन आन्दोलन के पक्ष में नही था लेकिन उच्चाधिकारियों के संवेदनहीन रवैये एवं तुगलकी फरमानों से परेशान होकर संघ के सदस्यों के आक्रोष को देखकर आन्दोलन का निर्णय लिया गया। एसोसिएशन का कहना है कि संसाधनों की कमी, विद्युत आपूर्ति, इंटरनेट जैसी समस्याओं के बीच इस संवर्ग को विभिन्न स्तरों पर सप्लाई चैन मैनेजमेंट के अन्र्तगत खाद्यान्न उठान की रियल टाइम फीडिंग के लिए बाध्य किया जा रहा है। जबकि विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी है। प्रदेश के 80 प्रतिशत गोदामों में मात्र एक-एक विपणन निरीक्षक/ क्षेत्रीय विपणन अधिकारी तैनात है। इन्ही को खाद्यान्न की प्राप्ति, तुलाई और निर्गमन के समय तुलाई कराते हुए अपने कतर््व्य का निवर्हन कर रहे है। इसके साथ ही 50 से 60 प्रतिशत गोदामों में बैठने तथा कार्यालय की व्यवस्था तक नही है। 90 प्रतिशत गोदामों में लाइट की सुविधा नही है। यही नही कई कई ंिडपो से एकसाथ पे्रेषण किया जा रहा है। वायदे के बावजूद इस संवर्ग को अब तक लैपटाप भी उपलब्ध नही कराये गए है। संघ की मांग के बावजूद गोदामों में कम्प्युटर आपरेटरों की तैनाती नही की गई और न कोई बजट दिया गया।