राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता और शिवजी को समर्पित रहा “सावन उत्सव”


राष्ट्रीय महिला रचनाकार मंच के तत्वावधान में  सावन के उपलक्ष्य में कवयित्री रचना सक्सेना प्रयागराज के संयोजन में आनलाइन “सावन उत्सव”  का  एक शानदार आयोजन लोकगीत पर आधारित कवयित्री सम्मेलन के रूप में किया गया जो 6 ता. से प्रारम्भ होकर 11 जुलाई तक चला ।इसकी अध्यक्षता  महिला अधिवक्ता वेल्फेयर ,कवयित्री एवं वरिष्ठ रंगकर्मी /रंग निर्देशक ऋतन्धरा मिश्रा ने की एवं मुख्य अतिथि मधु शुक्ला सचिव व्यंजना आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी एवं शिक्षिका प्रयाग संगीत समिति रही ।इसका संचालन प्रयागराज की चर्चित शायरा डा. नीलिमा मिश्रा  ने किया जो अत्यन्त सराहनीय रहा।उनकी आशुकविताओं से समां बाँध दिया ।


=============================================================================



कोरोना काल में लिखी गई कविताओं पर काव्य संग्रह का प्रकाशन



संवेदनशील मन पर कोरोना काल एक अलग प्रकार की अनुभूति दे रहा है। सृजन के लिए यह अनुभूति अभिनव और निराली रही है।इस अभिव्यक्ति को एक काव्य संग्रह के रूप में सहयोग के आधार पर प्रकाशित किया जा रहा है। रचनाकार इस में सहभागिता करना चाहते है तो संपर्क करें।





संपादक नूतन कहानियां



ए-305 ओसीआर बिल्डिंग



विधान सभा मार्ग, लखनऊ 226001



wat-9415508695,8787093085,



timesshatrang@gmail.com

==============================================================================


इस आयोजन का प्रारम्भ संयोजिका रचना सक्सेना की वाणी वंदना से हुआ, तत्पश्चात  इस आयोजन में पांचों दिन अलग अलग अन्य कवयित्रियों ने अपनी वाणी वंदना से शुभारंभ करते हुऐ महफिल को लोकगीतों और कजरी से सजा दिया। जिसमे रुचि मटरेजा, रेनू मिश्रा, नीना मोहन, एवं डा० अर्चना पाण्डेय की वाणी वंदना शामिल रहीं।लेकिन पाँचों दिनों तक संचालन  डा० नीलिमा मिेश्रा ने बाखूबी किया । कार्यक्रम का समापन डा. अर्चना पाण्डेय  के आभार ज्ञापन से हुआ।इसकी विशेषता ये रही कि भारत वर्ष के विभिन्न प्रांतों की महिलाओं ने एकत्रित होकर सावन पर आधारित लोकगीतों एवं कजरी की  स्वरचित सुंदर प्रस्तुतियाँ आडियो एवं वीडियो के माध्यम  से दीं ।इस आयोजन की विशेषता यह रही कि इस कवयित्रियो ने अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में लोकगीत प्रस्तुत किये जो सराहनीय रहे भारत की एकता और अखंडता को समर्पित ये सावन महोत्सव का आयोजन अपनी सफलता के लिये सही मापदण्ड पर खरा उतरा ।


इस कवयित्री सम्मेलन मे सुधा शर्मा, रचना सक्सेना नवनीता दुबे, उर्वशी उपाध्याय,जया मोहन श्रीवास्तव, कविता उपाध्याय, मीरा सिंहा, गीता सिंह, डाॅ.रेखा सक्सेना, डॉ लीला दीवान, संतोष मिश्रा, डा.अर्चना पाण्डेय, चेतना सिंह, आशा जाकड़, डा. नीलिमा मिश्रा, प्रेमाराय, ऊषा सक्सेना, रेनू मिश्रा सरिता श्रीवास्तव, नीना मोहन, उर्मिला ग्रोवर लखनऊ, नंदिता मनीष सोनी नागपुर, अर्चना जैन मण्डला, सम्पदा मिश्रा, अनामिका अमिताभ गौरव दीपा परिहार'दीप्ति' जोधपुर, डा. सलमा जमाल जबलपुर, रुचि मटरेजा बहराइच, डा. नंदिनी जोशी, अन्नपूर्णा मालवीय, सरोज सिंह राजपूत ठाकुर छत्तीसगढ़, डा.  शारदा मिश्रा  इन्दौर मीना जैन भोपाल, सीमा गर्ग मंजरी, मेरठ, नीरजा मेहता गाजियाबाद, डॉ० उपासना पाण्डेय, अर्विना गहलोत, अर्चना कटारे शहडोल (म,प्र,), मीना विवेक जैन वारासिवनी, वर्षा अग्रवाल अलीगढ, हेमलता गोलछा, महक जौनपुरी, मधु वैष्णव मान्जोधपुर राजस्थान, सुशीला जोशी "विद्योत्तमा  " मुजफ्फरनगर, गायत्री भटेले देवासम, डाॅ. नीलम रावत लखनऊ उ.प्र., रानी सोनी"परी, ममता कानुनगो इंदौर म.प्र., इन्दू श्रीवास्तव आजमगढ़, आभा मिश्रा शोभा सहाय, कुसुम खरे, रश्मि लता मिश्रा सी जी, इंदु सिन्हा बगलौर, बीना शर्मा, योगिनी काजोल, रागिनी तिवारी स्नेह, किरन मोर, पुष्पलता लक्ष्मी, इंदू जैन इंदू मंडला मध्यप्रदेश, मंजु निगम, सविता कुमारी श्रीवास्तव, इंदू बाला, उमा सहाय, अंकिता यादव, आदि ने अपनी प्रस्तुति दी।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,