शासन के संकल्प हर खेत को मिले समय से पानी को अक्षरशः अनुपालन सुनिश्‍चित करायें- टी0 वेंकटेश, अपर मुख्य सचिव, सिंचाई


1.62 लाख हे0 अतिरिक्त सिंचन  क्षमता वृद्वि हेतु परियोजना अवधि को 1 वर्ष बढ़ाना परमावश्‍यक।

 

कोविड-19 की मार्गदर्शिका का पालन करते हुए अधूरे कार्यों को युद्ध स्तर पर करें पूर्ण।

 

समय-सीमा व गुणवत्ता के मानकों की अनदेखी करने वाली फर्मों के विरूद्व करें कठोर कार्यवाही।

 

 

 

 

राप्ती बेशन में बाढ़ पूर्वानुमान सूचना प्रणाली विकसित करना परियोजना की उल्लेखनीय उपलब्धि।

 

विश्‍व बैंक इम्पलिमेन्टेशन सपोर्ट रिव्यू दल ने परियोजना प्रगति को सराहा।

 

परियोजना से 7.17 लाख कृशक हो रहे हैं लाभान्वित-अर्पणा-यू0, अध्यक्श, पैक्ट/ सचिव, सिंचाई

 

 

 

 

4000 किसान सिंचाई विद्यालयों की स्थापना का लक्ष्‍य पूर्ण तथा 1561जल उपभोक्ता समितियों को सौंपा गया जल प्रबंधन का कार्य-वारिस रफी, मुख्य अभियन्ता, पैक्ट







लखनऊ, 01.07.2020

1.62 लाख हे0 अतिरिक्त सिंचन क्षमता वृद्वि हेतु परियोजना द्वितीय चरण अवधि को 1 वर्ष बढ़ाना परमावश्‍यक है। यह उदगार अपर मुख्य सचिव, सिंचाई श्री टी0 वेंकटेश ने दिनांक 01.07.2020 को शाम 05 बजे यू0पी0 प्रोजेक्ट काॅरपोरेशन सभागार में यू0पी0डब्ल्यूएस0आर0पी0 द्वितीय चरण की अधिशासी समिति की 45वीं बैठक की अध्यक्शता करते हुए व्यक्त किए। आपने कहा कि कोविड-19 के कारण निर्माण आदि कार्यों में आयी रूकावट के कारण निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण न होने के कारण परियोजना द्वितीय चरण के उददेश्‍यों की पूर्ति हेतु यह जरूरी है, कि परियोजना द्वितीय चरण का कार्यकाल अक्टूबर, 2021 तक बढ़ाने का प्रस्ताव जनहित उचित है। श्री वेंकटेश ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी, कि कोविड-19 की मार्गदर्शिका का अनुपालन करते हुए अधूरे पड़े कार्याें को अभियान चला कर युद्व स्तर पर पूर्ण करें। आपने यह भी कहा इस कार्य में जो अधिकारी लापरवाही का रूख अपनायेंगे, उनके विरूद्व कठोर कार्यवाही की जायेगी। आपने शासन के संकल्प हर खेत को मिले समय से पानी को अक्शरशः पालन करने के लिए अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि किसानों को सिंचाई हेतु समय पर पानी उपलब्ध कराना सिंचाई विभाग की नैतिक जिम्मेदारी है। अपर मुख्य सचिव, सिंचाई ने समय सीमा व गुणवत्ता के मानकों की अनदेखी करने वाले फर्मों को चिन्हित कर उनके विरूद्व कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए। आपने अधिकारियों से अपेक्शा की कि वे निरन्तर क्शेत्र का भ्रमण करते रहे और कार्यों की नियमित रूप से निगरानी करें तथा प्रयास करें कि इस विस्तार की समय सीमा में सभी कार्य समय से मानकों के अनुरूप पूर्ण हो जायें और किसानों को इस परियोजना का पूरा लाभ मिल सके।

 

अध्यक्श, पैक्ट एवं सचिव, सिंचाई अर्पणा यू0 ने बताया कि परियोजना द्वितीय चरण प्रगति की विश्‍व बैंक के साथ निरन्तर समीक्शा उनके स्तर से की जा रही है। इस क्रम में आपने यह भी बताया कि विश्‍व बैंक की इम्पलीमेंटेशन सर्पोर्ट रिव्यू कमेटी ने परियोजना द्वितीय चरण कार्यों की सराहना की है। आपने यह भी बताया कि भारत सरकार के आर्थिक कार्य विभाग वित्त मंत्रालय तथा विश्‍व बैंक से गत दिनांे वीडियों कान्फे्रंसिंग कर परियोजना द्वितीय चरण के समयाविस्तार के औचित्य को स्पश्ठ किया गया था। उस विमर्श से समयसीमा विस्तार का प्रस्ताव अधिशासी समिति से आज अनुमोदित होने के पश्चात इसे स्टेयरिंग कमेटी के अनुमोदन के पश्चात शासन के माध्यम से भारत सरकार और विश्‍व बैंक को भेजा जायेगा।

 

अध्यक्श, पैक्ट ने राप्ती बेसिन में विकसित बाढ़ पूर्व अनुमान सूचना प्रणाली को परियोजना की ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि इस प्रणाली के क्रियाशील होने से बाढ़ आने की पूर्व सूचना समय से प्राप्त हो जायेगी जिससे बाढ़ बचाव कार्यो को और अधिक प्रभावी ढंग से करते हुए जन धन की हानि को बचाया जा सकेगा। आपने बताया कि इस परियोजना द्वितीय चरण से प्रदेश के 16 जनपदों के 7.17 लाख कृशकों को लाभान्वित किया रहा है।

 

मुख्य अभियन्ता, पैक्ट ने परियोजना द्वितीय चरण के विभिन्न घटकों की भौतिक व वित्तीय प्रगति का प्रस्तुतिकरण करते हुए बताया कि परियोजना द्वितीय चरण क्शेत्र में अधिकारियों/ विशेशज्ञों द्वारा नियमित भ्रमण कर प्रगति का आंकलन किया जा रहा है तथा साप्ताहिक रूप से विश्‍व बैंक के साथ वीडियों कान्फे्रसिंग के माध्यम से प्रगति की समीक्शा की जाती है। आपने यह भी बताया कि परियोजना द्वितीय चरण के घटक-डी के अन्तर्गत कृशि/ एफ0ए0ओ0 द्वारा परियोजना क्षेत्र में 4000 किसान सिंचाई पाठशालाओं की स्थापना के लक्श्‍य को पूर्ण कर लिया गया है तथा भूगर्भ जल अनुश्रवण हेतु परियोजना क्शेत्र में 1150 डी0डब्ल्यू0एल0आर0 की स्थापना के लक्श्‍य को भी पूर्ण कर लिया गया। किसानों को जल प्रबंधन मे स्वतंत्र रूप से सहभागिता हेतु उनका क्शमता वृद्वि प्रशिक्शण कार्य भी पूर्ण चुका है। अध्यक्श, पैक्ट के निर्देशानुसार जल उपभोक्ता समितियों का आॅन लाइन ओरियनटेंशन का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है। आपने यह भी बताया कि अब तक 1561 जल उपभोक्ता समितियों को नहरों के जल प्रबंधन का कार्य सौंपा जा चुका है। शारदा सहायक संगठन के अन्तर्गत हैदरगढ़ शाखा प्रणाली (कि0मी0 22.98) की 680 किमी0 नहरों की पुर्नस्थापना व लाइनिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। समान्तर निचली गंगा नहर (पीएलजीसी) के आधुनिकीकरण एवं पुर्नोद्वार (लाइनिंग कार्य) 96 प्रतिशत पूर्ण कर कार्य प्रगति पर है। इस नहर की क्शमता 4200 क्यूसेक से बढ़ाकर 6480 क्यूसेक हो चुकी है। बेतवा संगठन के ललितपुर जनपद में रोहणी, जावनी एवं शजलम बांध की 316 किमी0 का कार्य 68.70 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। अध्यक्ष, पैक्ट के मार्गदर्शन में सभी संगठनों एवं लाइन विभागों की नियमित समीक्शा की जाती है।

 

बैठक में विशेष सचिव प्रियंका निरंजन,प्रमुख अभियंता/विभागाध्यक्ष वीके.निरंजन सहित अन्य विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया। इनके अतिरिक्‍त विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं/ लाइन विभागों के अधिकारियों एवं पैक्ट के विशेषज्ञों ने भाग लिया।


 

 




 

 

 


 



 




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