बुन्देल खण्ड प्रान्त की मांग बुलन्द की


हमीरपुर। बुन्देलखण्ड प्रान्त की मांग को लेकर बुन्देलखण्ड क्रांति दल ने आज एस डी एम सदर को दो सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। जिसमें कहा गया है कि बुन्देलखण्ड की जनता की परेशानी के मद्दे नजर अलग राज्य निर्माण होना जरूरी है। तभी बुन्देलखण्ड की जनता का भला हो सकता है। वरना यहां के लोग इसी तरह शोषित, उत्पीड़ित होते रहेंगे। बुन्देलखण्ड क्रांति दल प्रधान मंत्री से मिलकर अपनी मांगे उनके सामने रखना चाहता है। मगर आज तक मौका नही मिला, जबकि इसके लिए कई साल से प्रयास किया जा रहा है। अगर उनकी मांग नही मानी गयी तो वे व्यापक जनांदोलन के लिए बाध्य होंगे। जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। उन्होंने याद दिलाया कि 12 मार्च 1948 को बुन्देलखण्ड राज्य बना था। जिसे 1956 में प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने समाप्त किया था। बुन्देलखण्ड की जनसंख्या व क्षेत्रफल को देखकर पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने तीन साल में प्रथक बुन्देलखण्ड राज्य बनाने की घोषणा की थी। मगर इस पर भी कोई कार्यवाही नही हुई। 1956 के बाद कोई राज्य पुनर्गठन आयोग नही बना, फिर भी 18 नए राज्य बना दिए गए। लेकिन बुन्देलखण्ड की उपेक्षा होती रही।जिससे बुन्देलखंडियो में नाराजगी है। प्रधान मंत्री को संबोधित ज्ञापन कलेक्ट्रेट में एस डी एम को दिया गया। ज्ञापन देने वालो में जिलाध्यक्ष सत्येंद्र अग्रवाल, रामहेत यादव, धीरेंद्र शुक्ला, राजेश माथुर, अभिनव तिवारी, जगभान श्रीवास, धर्मेंद्र पांडेय प्रमुख रूप से शामिल रहे। 


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