डेंगू ज्वर के संबंध में जानकारी

 


डेंगू ज्वर मच्छर जनित उष्ण कटिबंध प्रदेशों की बीमारी है जो डेंगू वाइरस द्वारा होता है । संक्रमण के तीन से चौदह दिनों के बाद इसके लक्षणों को विशेष रूप से देखा जाता है । डेंगू वाइरस एडिस एजिप्टाई नामक मच्छरों के काटने से फैलता है । केवल मादा मच्छर ही डेंगू वाइरस फैलाता है। यह मच्छर घर के अन्दर अथवा बाहर दिन के समय काटता है और सूर्यास्त के पहले और सूर्योदय के बाद अधिक सक्रिय होता है। एडिस एजिप्टाई मच्छर घर के अन्दर और बाहर पात्र में रखे हुए जल में पैदा होते हैं और अपने प्रजनन स्थल से 200 मीटर से अधिक दर प्रायः नहीं जाते हैंये क्रिक (संकड़ी खाड़ी), दलदल, तालाब अथवा अन्य जलाशयों में प्रजनन नहीं करते।


पहचान और लक्षणः


3 से 7 दिनों तक ज्वर


• तीव्र सिरदर्द और आंखों के पीछे दर्द


• माँसपेशियों और जोड़ों में दर्द


• भूख की कमी


• उल्टी और डायरिया


• चमड़े पर चकत्ता पड़ना


• साधारणतया नाक और मसूड़ों से रक्त बहना।


कभी-कभी लंबी थकान और अवसाद के बाद स्वास्थ्य लाभ होता है। डेंगू का बार-बार होना अत्यधिक रक्त-स्राव और सदमा दे सकता है, किंतु सटीक उपचार से यह घातक नहीं हो पाता। रोग निदानः डेंग का उपचार अभिलक्षणों के आधार पर क्लिनिकली किया जाता है जो लक्षणों और शारीरिक परीक्षा पर निर्भर होता हैलेबोरेटरी जांच में जो प्रारंभिक परिवर्तन पाया जाता है वह है सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी होना, इसके बाद प्लेटलेट्स की कमी होनाNS1 एन्टीजेन और IGM एन्टीबॉडी प्रत्येक दसरे दिन लगातार प्लेटलेट्स की गणना की जाती है। उपचार: डेंग ज्वर की कोई निर्धारित उपचार नहीं है। बेड रेस्ट और एसिटामाइनोफेन (पैरासिटामल) ज्वर और दर्द उपचार के लिए दी जाती है। अधिक मात्रा में तरल का सेवन आवश्यक एस्पीरीन और NSAIDS (इबूप्रोफेन, नैप्रोक्सेन) बिल्कुल नहीं दी जा सकती हैं क्योंकि इनसे रक्त स्राव की समस्या जटिल हो सकती है। यदि प्लाज्मा की गिनती 20,000 से कम हो जाती है तो नये प्लाज्मा दिए जाते हैं। अभी डेंगू ज्वर के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं हैबीमारी से निजात पाने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा और मच्छरों से बचाव के लिए पर्यावरण प्रबंधन आवश्यक है। ज्वर से संक्रमित व्यक्ति को मच्छरों से दर रखना जरूरी है।


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