जय हो गणपति बप्पा की


गणों के स्वामी हो आप
तभी गणपति कहलाते हो
शिवजी ने गज सिर लगाया
 तभी से  गजानन हुए आप


प्रथम पूज्य हो सब देवों में
 नाम आपके होते कार्य आरम्भ
जब लेते  भक्त आपका नाम
निर्विघ्न पूर्ण होते सब काम


सुपकर्ण में कुंडल  पहने
गले में पुष्पों की माला
कटि पर पीताम्बर धारी
मूसक है आपकी सवारी


हाथी की सूंड वाले 
एक दंत वाले हो आप
सद्बुद्धि के दाता हो
दुर्बुधि का करते शमन


श्रद्धा भाव से करें हम सेवा
भर देते हैं उसकी झोली देवा
कर दो सभी मनोरथ पूर्ण
कोटि कोटि  पूनम का नमन


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