मौसमी बीमारियों से बचाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग

ग्राम स्वास्थ्य समितियों के माध्यम से गांवों में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव


कोरोना के बाद मौसम के उतार-चढ़ाव से फैलने वाली बीमारियां बनी चुनौती 



हमीरपुर। 17 अगस्त 2020


कोरोना वायरस संक्रमण के बीच बारिश के मौसम में दूसरी संक्रामक बीमारियों ने जनमानस की परेशानी बढ़ा दी है। खासतौर पर डेंगू बुखार की दस्तक ने कोरोना के बाद सबसे ज्यादा दिक्कतें खड़ी कर दी हैं। स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने की जद्दोजहद में लगा हुआ है। आम लोगों को डेंगू बुखार के कारण और निवारण को लेकर जागरूक किया जा रहा है। ग्राम स्वास्थ्य समितियों के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। 


उमस भरी गर्मी ने इस वक्त आम जनमानस को हलाकान कर रखा है। कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश के बाद अचानक निकलने वाली धूप बेचैनी पैदा किए हुए है। इसकी वजह से बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसी के साथ ही पानी के भराव की वजह से पैदा होने वाली मच्छरों की वजह से मलेरिया के साथ-साथ डेंगू बुखार भी पांव पसार रहा है। जिससे निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना है। इसके लिए ग्रामीण इलाकों में ग्राम स्वास्थ्य समितियों के माध्यम से एंटी लार्वा दवा का घर-घर और गली-कूंचों में छिड़काव कराया जा रहा है ताकि लोगों को मौसमी बुखार के साथ-साथ खतरनाक डेंगू बुखार से बचाया जा सके। 


जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि संक्रमित वयस्क मादा मच्छर के काटने से मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू और चिकुनगुनिया तथा जापानी इंसेफिलाइटिस जैसी बीमारियां फैलती हैं। इन सभी बुखारों की नि:शुल्क उपचार की अस्पतालों में व्यवस्थाएं हैं। डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर मकानों में खुली टंकियों, पुराने टायरों, खाली डिब्बों, कूलरों, फ्रिज के पीछे की पानी वाली ट्रे, गमलों, खाली बोतलों, मनीप्लांट आदि जिसमें साफ पानी इकट्ठा हो, उसी में पनपता है। अधिक ठंड होने पर स्वत: समाप्त हो जाता है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें इस वक्त कोरोना के साथ-साथ इस मौसम में फैलने वाले बुखारों पर नियंत्रण पाने को लगी हुई हैं। ग्रामीण-शहरी इलाकों में दवा का छिड़काव और फॉगिंग भी कराई जा रही है। 


 


डेंगू से कैसे करें बचाव 


बीमारी के लक्षण पाए जाने पर अस्पताल में दिखाएं


सामान्य जांच में प्लेटलेट्स के कम होने पर डेंगू की जांच कराएं


पूरी आस्तीन के कपड़े व मोजे पहनें व शरीर को ढककर रखें


डेंगू के मरीज को मच्छरदानी में रखें


बुखार उतारने के लिए तत्काल पैरासिटामाल टैबलेट दें या पानी की पट्टी का इस्तेमाल करें


घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। पानी अगर इकट्ठा हो तो उसमें मिट्टी का तेल या जला मोबिल आयल डाल दें।


घरों में कूलर, बाल्टी, घड़ों तथा ड्रम का पानी साप्ताहिक अंतराल पर बदलते रहें। 



क्या न करें


गैर डिग्रीधारक डॉक्टरों के चक्कर में पड़कर धन और समय बर्बाद न करें।


एस्प्रीन, कार्टीसोन तथा डोपामीन (एंटी बायोटिक्स, स्टीरायड, दर्द निवारक) दवा का उपयोग न करें।


बुखार के बहुत अधिक घबराहट होने पर लापरवाही न करें।



लक्षण


तेज बुखार के साथ बदन दर्द, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द व जोड़ों में दर्द, महीन दाने या खराश, जी मिचलाना व उल्टी आना।



डेंगू के गंभीर लक्षण


बुखार के साथ शरीर में लाल दाने निकल आते हैं। कुछ रोगियों के रक्त में प्लेटलेट की कमी के कारण मुंह, नाक, मलमूत्र द्वारा एवं योनि से रक्तस्राव होने लगता है, जिसे डेंगू हीमरेजिक बुखार कहते हैं। इसके एक और प्रकार में रोगी शॉक में चला जाता है। जिसे डेंगूशॉक सिंड्रॉम के नाम से जाना जाता है और मृत्यु का कारण बनता है। 


 


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