प्रो. राजाराम शुक्ल, प्रो. श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी और सुनीति शर्मा जी 'सृजन ऑस्ट्रेलिया परिवार’ में शामिल

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल व प्रो. श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी सृजन ऑस्ट्रेलिया' के संरक्षक  मंडल के माननीय सदस्य के रूप में और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की निदेशक-राजभाषा श्रीमती सुनीति शर्मा सलाहकार मंडल के माननीय सदस्य के रूप में 'सृजन ऑस्ट्रेलिया परिवार’ में शामिल हुए हैं। विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित होने वाली सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका रचनाकारों को वैश्विक मंच उपलब्ध करवा रहा है। 
पत्रिका की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य सम्पादक पूनम चतुर्वेदी ने बताया  सृजन ऑस्ट्रेलिया के 'वैश्विक हिन्दी अभियान'  में अब तक ऑस्ट्रेलिया, भारत, नेपाल, श्रीलंका, ओमान, पापुआ न्यू गिनी, सिंगापुर, मॉरीशस, अमेरिका, कनाडा, नीदरलैंड, बेल्जियम आदि देशों शताधिक लब्ध प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वान अपना योगदान दे रहे हैं। ‘सृजन ऑस्ट्रेलिया’ के इस ‘वैश्विक हिंदी अभियान' में विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरीशस भी सहभागिता निभा रहा है। उन्होंने बताया कि पत्रिका के प्रबंध संपादक प्रो. सारस्वत मोहन ‘मनीषी’ और सलाहकार मंडल के अध्यक्ष डॉ श्रीनारायण ‘समीर' हैं।  
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रकार के समन्वय में सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं सृजन ऑस्ट्रेलिया के प्रधान संपादक डॉ. शैलेश शुक्ला महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया  बहुविषयक, विशेषर्ज्ञों द्वारा समीक्षित यह पत्रिका भाषा साहित्य और अनुसंधान को बढावा देने के लक्ष्य के संकल्प के साथ सम्पूर्ण विश्व से स्वयंसेवकों का गैर लाभकारी एवं पूर्णतः अव्यवसायिक मंच है। 
उन्होंने बताया कि प्रो रवींद्र कुमार, (पद्मश्री)  पूर्व कुलपति, मेरठ विश्वविद्यालय एवं मुख्य संपादक, ग्लोबल पीस अंतरराष्ट्रीय पत्रिका, प्रो. मनोज दीक्षित, पूर्व कुलपति, डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, प्रो विनोद कुमार मिश्र, महासचिव, विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरीशस, प्रो राघवेंद्र प्रसाद तिवारी कुलपति, पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय , प्रो श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी, कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्य प्रदेश, प्रो आशा शुक्ला, कुलपति, बाबा साहब भीम राव अंबेडकर विश्वविद्यालय, मऊ, उत्तर प्रदेश, डॉ विमलेश कान्ति वर्मा जी, शिक्षक, भाषाविद, हिन्दी-सेवी एवं वक्ता, दिल्ली भी पत्रिका के सरक्षंण मंडल में शामिल हैं।
 


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