सूक्ष्म खाद्य प्रंसस्करण उद्यमों को ब्राण्डिग और मार्केटिंग सहायता दी जायेगी


हमीरपुर 11 अगस्त 2020
    असंगठित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की समस्याओं के समाधान एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने तथा कुशल एवं अकुशल श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत ”पीएम एफ0एम0ई0-प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना” की बैठक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में  11 अगस्त को ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम सभागार, कलैक्ट्रेट परिसर में आयोजित की गयी। बैठक में जिला उद्यान अधिकारी हमीरपुर ने समिति के सदस्यों को योजना के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
योजना के लिये पूर्व से स्थापित वह इकाईयां पात्र होगी, जिसमें 10 से कम कार्मिक कार्यरत हैं। स्वामी आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक है। वह न्यूनतम कक्षा 8 उत्तीर्ण है। एक परिवार से केवल एक व्यक्ति वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकता है। अपने उद्यम का उन्नयन करने इच्छुक व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी पात्र परियोजना लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं, जो 10 लाख रू0 प्रति उद्यम है। लाभार्थी का योगदान न्यूनतम 10 प्रतिशत होना चाहिये और शेष राशि बैंक से लाभार्थी को ऋण प्राप्त करना होगा। योजना में एफ0पी0ओ0 स्वंय सहायता समूहों एवं को-आपरेटिव को 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान सहित सम्पूर्ण मूल्य से श्रखंला समेत पूंजी निवेश हेतु सहायता प्रदान की जायेगी।
कार्यशील पूंजी तथा छोटे उपकरणों की खरीद के लिये खाद्य प्रसंस्करण में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को 40000.00 रू0 की दर से प्रारम्भिक पूंजी प्रदान की जायेगी। अनुदान के रूप में प्रारंभिक पूंजी एस0एच0जी0 के संघ स्तर पर दी जायेगी, जो बदले में एस0एच0जी0 को पुनः भुगतान किये जाने हेतु एस0एच0जी0 के माध्यम से ऋण के रूप में सदस्यों को दी जायेगी।
एफ0पी0ओ0/एस0एच0जी0/सहकारिताओं, राज्य के स्वामित्व वाली और निजी उद्यमियों को सामान्य प्रसंस्करण सुविधा, प्रयोगशाला, वेयरहाउस, कोल्डस्टोरेज, पैकिंग एवं इन्क्यूवेशन सेण्टर समेत सामान्य अवसंरचना के विकास के लिये 35 प्रतिशत की दर से क्रेडिट लिंक्ड अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। सामान्य पैकेजिंग और ब्राण्डिंग विकसित करने, गुणवत्ता, नियंत्रण मानकीकरण के उपबन्ध के साथ सामान्य पैकिंग एवं ब्राण्डिग का विकास करने तथा उपभोक्ता फुटकर बिक्री के लिये खाद्य संरचना पैरामीटरों का अनुपालन करने के लिये ओ0डी0ओ0पी0 दृष्टिकोण अपनाते हुये योजना के अन्तर्गत एफ0पी0ओ0/एस0एच0जी0/सहकारिताओं अथवा सूक्ष्म खाद्य प्रंसस्करण उद्यमों को ब्राण्डिग और मार्केटिंग सहायता दी जायेगी।
ऐसी खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां जो इस योजना में लाभ प्राप्त करेगी, उन इकाईयों को अन्य योजनाओं जैसे-राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन, ग्रामीण उद्यमिता स्आर्टअप कार्यक्रम, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की ब्याज उपादान योजना, प्रधानमंत्री मुद्रायोजना, एएसपीआईआरई योजना एसएफयूआरटीआई, एमएसएमई की सार्वजानिक क्रय नीति एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की-कोल्डचेन/बैकवर्ड-फारवर्ड लिंन्केज/एग्रो क्लस्टर आदि योजनाओं एवं राज्य सरकार द्वारा लागू कयिे जाने वाले अन्य योजनाओं से भी लाभ प्राप्त कर सकते है। इन संगठनों को सहायता उनके द्वारा तैयार की गयी डी0पी0आर0 और राज्य नोडल एजेन्सी द्वारा दिये गये अनुमोदन के आधार पर दी जायेगी। ब्राण्डिंग और विपणन के लिये सहायता कुल व्यय की 50 प्रतिशत तक सीमित होगी। योजना हेतु भारत सरकार एक एम0आई0एस0 तैयार करेगी, जिसकी समस्त प्रक्रिया आॅनलाइन होगी। सहायता प्राप्त करने के इच्छुक मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण यूनिटें एफ0एम0आई0 पोर्टल पर आवेदन कर सकती है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सुझाव दिया गया कि पुरानी संचालित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को चिन्हित कर योजना में सम्मिलित किया जाये, इसके साथ ही एफ0पी0ओ0, स्वंय सहायता समूह से समन्वय स्थापित कर प्रचार-प्रसार किया जाये।
जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि कृषकों उत्पादक संगठनों व स्वंय सहायता समूहों से वार्ता कर जनपद के विशिष्ट उत्पादों को प्रसंस्करण कर उनका मूल्य वर्धन किया जाये। तथा उनके ब्राण्डिंग व विपणन में सहायता की जाये।
    बैठक में लीड बैंक प्रबंधक, जिला कृषि अधिकारी, महाप्रंबधक जिला उद्योग केन्द्र, खण्ड विकास अधिकारी सुमेरपुर, जिला अभिहित अधिकारी, डाॅ0 देव सिंह एफ0पी0ओ0, उपायुक्त स्वतः रोजगार, प्रगतिशील कृषक बलराम दादी एवं आनंद अशोक सचान ग्राम प्रधान पौथिया उपस्थित रहे।


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