स्वरचित कविताओं के माध्यम से हरितालिका पर्व को मनाया
प्रयागराज । 21 अगस्त भादों मास में सुहागिनों द्वारा मनाया जाने वाला पावन पर्व हरितालिका तीज के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय महिला रचनाकार मंच के तत्वावधान में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं वरिष्ठ रंगकर्मी ऋतन्धरा मिश्रा की अध्यक्षता में और रचना सक्सेना के संयोजन एवं रचना सक्सेना तथा चेतना सिंह के संयुक्त संचालन में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें पूरे भारतवर्ष की करीब 60 महिला साहित्यकारों नें बहुत उत्साह के साथ शामिल होकर धार्मिक भावना से ओतप्रोत स्वरचित कविताओं के माध्यम से हरितालिका पर्व को मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेलंगाना महिला काव्य मंच की अध्यक्ष डा. अर्चना पाण्डेय के द्वारा वाणी वंदना से हुआ और अध्यक्षता कर रही ऋतन्धरा मिश्रा जी के पुष्प अर्पण द्वारा हुआ।आभार ज्ञापन रचना सक्सेना ने किया। इस आयोजन में मीरा सिन्हा, अनामिका अमिताभ गौरव, मधु वैष्णव मान्या जोधपुर राजस्थान,सीमा गर्ग मंजरी ,मेरठ सीमा निगम,रायपु, रज़िया सुल्तान, जया मोहन, संतोष मिश्रा 'दामिनी',प्रयागराज, ममता कानुनगो इंदौर, कुसुम खरे'दमोह', मीना जैन दुष्यंत भोपाल, अर्चना कटारे शहडोल (म.प्र.), अर्चना जैन मण्डला मध्य प्रदेश, मीना विवेक जैन वारासिवनी, नंदिता मनीष, सोनी नागपुर, नंदिनी जोशी, इन्दू सिन्हा, नंदिता जोशी, अर्विना गहलोत, उमा सहाय
डाॅ. नीलम रावत लखनऊ, सविता गुप्ता, रूचि मटरेजा, इंदु जैन इंदु, उमा नाग, मंजु निगम
इंदू बाला, निशा"अतुल्य"अंकिता यादव इंदौर, उर्वशी, उपाध्याय'प्रेरणा, सरोज सिंह ठाकुर,अन्नपूर्णा मालवीय सुभाषिनी प्रयागराज, नवनीता दुबे नूपुर मण्डला,चेतना चितेरी, प्रयागराज नीरजा मेहता गाजियाबाद, कविता उपाध्याय प्रयागराज, रश्मि लता बिलासपुर, उपासना, अर्चना पाठक, सोनल जैन मुंबई, पुष्पलता, संतोष सोनी जोधपुर, शैलजा भट्ड़, गीता सिंह, सुधा शर्मा कानपुर डा. अर्चना पाण्डेय आदि महिला साहित्यकारों ने शिरकत की। इस अवसर पर चेतना सिंह ने सोलह शृंगार कर सखियां चली पूजन करने गौरी महादेव की,मधु वैष्णव मान्या ने खिला उपवन सतरंगी त्योहारों का मखमली स्नेह का अनूठा त्यौहार सखी रचना सक्सेना नें सोलह श्रँगार कर आई तेरे द्वार, सुहागिन रहूँ गौरा माँगू वरदान, डा. अर्चना ने पैर मेरे महावार की लाली रहे और पग पग सजी हरियाली रहे रुचि मटरेजा नें मंदार माला पहन कर,करती शिव का पूजन।
पार्वती माँ की कठिन तपस्या से, मिले पति शिव पावन, अध्यक्षता कर रही ऋतन्धरा मिश्रा ने मुझको दे दो दुआ भोले बाबा
मंदिर आने के काबिल नहीं हूं आदि पढ़कर आयोजन में चार चांद लगा दिये।
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कोरोना काल में लिखी गई कविताओं पर काव्य संग्रह का प्रकाशन
संवेदनशील मन पर कोरोना काल एक अलग प्रकार की अनुभूति दे रहा है। सृजन के लिए यह अनुभूति अभिनव और निराली रही है।इस अभिव्यक्ति को एक काव्य संग्रह के रूप में सहयोग के आधार पर प्रकाशित किया जा रहा है। रचनाकार इस में सहभागिता करना चाहते है तो दो कविताएं ,फोटो तथा संक्षिप्त परिचय तथा 350₹ सहयोग राशि प्रेषित करें। संकलन का संपादन नूतन कहानियां के संपादक सुरेन्द्र अग्निहोत्री करेगें।
रचना भेजने की अंतिम तिथि 30 अगस्त 2020 है।
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सुरेंद्र अग्निहोत्री
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