अव्यवस्थाओं का गढ़ बना उत्तर प्रदेश : सपा






किसान विरोधी अध्यादेश वापस लेने, युवाओं को नौकरी और निजीकरण का विरोध*

*समाजवादी पार्टी ने तहसील स्तर पर महामहिम राज्यपाल को भेजा ज्ञापन*

ललितपुर। प्रदेश में काबिज भारतीय जनता पार्टी सरकार की गलत नीतियों के चलते कोरोना संकट बढऩे, किसान, नौजबान, बुनकर और समाज के दूसरे कमजोर वर्गों की उपेक्षा, आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास और कानून व्यवस्था ध्वस्थ होने के अलावा सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीडऩ बंद किये जाने, भ्रष्टाचार और घोटालों पर नियंत्रण किये जाने, महिलाओं, बालिकाओं को पर्याप्त सुरक्षा के साथ ही जनहित में उदासीन सरकार पर कार्यवाही किये जाने की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रदेशीय आह्वान पर जनपद की पांचों तहसीलों में ज्ञापन सौंपे गये। सदर तहसील स्तर पर सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव एड. के नेतृत्व में प्रदेश की महामहिम राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन जिला प्रशासन के जरिए भेजा गया है। 

ज्ञापन में आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में इन दिनों अराजकता की स्थिति है। कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है। कई हजार मौतें हो चुकी हैं। अस्पतालों में इलाज की सुचारू व्यवस्था नहीं है। बताया कि प्रदेश के दो मंत्री इसी संक्रमण के चलते अपनी जान गवां चुके हैं, जबकि कई संक्रमित पाये गये हैं। बेल्टीनेटर और पीपीई किट का अभाव है। जहां बेल्टीनेटर व स्टाफ नहीं है। स्वास्थ्य सेवायें चरमरा गयी है। प्रदेश में वहीं अस्पताल है, जो समाजवादी सरकार के समय बने थे। कैंसर अस्पताल भी बना है, परन्तु आज तक उसका सुचारू संचालन नहीं हो पाया है। इसके अलावा प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। किसानों को लेकर सरकार चिन्तित नहीं है। किसान विरोधी अध्यादेश को संसद में पारित कर केन्द्र सरकार ने काला अध्याय लिखने का कार्य किया है। प्रदेश में रोजगार के अभाव में शिक्षित युवा आत्महत्या करने को विवश हैं। वहीं गन्ना किसानों का बकाया धनराशि का भुगतान नहीं किया गया है। तो वहीं ओलावृष्टि, अतिवृष्टि के चलते बर्बाद हुयी फसलों का मुआवजा भी आज तक पूरा नहीं दिया गया। नोटबंदी व जीएसटी ने व्यापार चौपट कर रखा है, तो वहीं सरकारी नौकरी में भर्ती के पहले पांच वर्ष की संविदा की अनिवार्यता जनविरोधी है। समाजवादी पार्टी ने तेरह सूत्रीय मांगों को रखते हुये समस्याओं के निस्तारण की मांग उठायी। ज्ञापन देते समय जिलाध्यक्ष तिलक यादव एड., फूलसिंह नन्ना, रमेश सिंह, ज्योति सिंह लोधी, रहीश सिंह, करतार सिंह, लोहिया वाहिनी जिलाध्यक्ष आशीष अहारिया, यूथ बिग्रेड जिलाध्यक्ष इंजी.हृदेश मुखिया, युवजन सभा जिलाध्यक्ष नैपाल सिंह, विजय सिंह, विनोद कुमार, दशरथ सिंह, विजय भान सिंह, रामजीवन, शिवम मिश्रा, मोहित, जाहर सिंह, शेर सिंह, महेश टोढ़ी, सेंदपाल, मानवेन्द्र, प्रभूदयाल राजपूत, मु.आसिफ, नर्वदा प्रसाद, अजय, अरविन्द, राजकुमार, शंकर सिंह, वरूण कालरा, सुरेन्द्र पाल सिंह, रामप्रताप सिंह, जावेद अली, पंकज श्रीवास, नीलू कुशवाहा, शिवम चौधरी, शरीफ जावेद, शाहिल श्रीवास, विशाल पारोचे, अरविन्द यादव, अभिषेक श्रीवास, विक्रम यादव, पंकज यादव, सहरोज खान, अर्पित वासू, फरदीन खान, सुरेन्द्र विश्वकर्मा, आशीष राजपूत, लाल सिंह, बृजेन्द्र सिंह, मो.इकलाख मंसूरी, पंकज यादव, राजबहादुर सिंह, नरेन्द्र राजपूत, बंटी सेन, चक्रेश तोमर, उदय तिवारी आदि मौजूद रहे।

*पाली, मड़ावरा, महरौनी व तालबेहट में भी दिया गया ज्ञापन*

प्रदेशीय आह्वान पर आयोजित कार्यक्रम में पाली, मड़ावरा, महरौनी व तालबेहट तहसील में भी ज्ञापन देते हुये समस्याओं के निस्तारण की मांग उठायी गयी। पाली में जिला महासचिव कृष्ण स्वरूप निरंजन, नगर पंचायत पाली अध्यक्ष रामकुमार चौरसिया, खेमचंद्र चौरसिया, जयपाल सिंह, जितेन्द्र सिंह, प्रवीण यादव, रितुराज यादव, अखिलेश साहू, जयसिंह, कैलाश निरंजन, सुरेश सेन, खिलान सिंह, भगवत सहरिया, अंकित सेन के अलावा अनेकों पदाधिकारी मौजूद रहे।


 

 




 




 



 



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