स्वतंत्रता का सीधा सा अर्थ दासता - से मुक्ति है, किन्तु गहराई से विचार करने पर इसके कई गूढार्थ ते हैं, जो विविध आयामी और लोकोपकारी हैं। बिहार में स्वतंत्रता संघर्ष का लम्बा इतिहास है, जो वीर कुंवर सिंह से लेकर चम्पारण सत्याग्रह व सन् 1942 के करो या मरो तक चला। ___सन् 1911 ई. तक बंगाल, बिहार और उड़ीसा एक साथ थे, जिनका मुख्यालय कलकत्ता था। 1912 ई. में बिहार और उड़ीसा को बंगाल से अलग कर दिया गया। अप्रैल 1936 में उड़ीसा से बिहार भी अलग हो गया। सन् 1911 ई. में पटना (बांकीपुर) में कांग्रेस का 27वाँ अधिवेशन हुआ। रघुनाथ सिंह मधोलकर अध्यक्ष थे। सच्चिदानन्द सिन्हा महासचिव थे। प्रसिद्ध समाज सेवा मौ0 मजहरूल हक स्वागत समिति के अध्यक्ष थे। 1915 में मजहरूल हक कांग्रेस के बम्बई अधिवेशन में भी शरीक हुए थे। राजेन्द्र प्रसाद अपने छात्र जीवन और युवावस्था से ही राजनीतिक में गहरी रूचि लेने लगे थे। वे बिहारी छात्रों को संगठित कर समितियाँ बनाते और विविध प्रांतीय राजनीतिक सम्मलेनों में भाग लिया करते थे। देश के प्रथम राष्ट्रपति होने के अलावा प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में राजेन्द्र बाबू का स्थान गौरवपूर्ण है।
सभी मंत्रालय विभागों एवं सरकारी निकाय में सरकार ने सरकारी नौकरी पर प्रतिबंध लगा दिया है। आगे से सरकारी पद पर कोई भर्ती नहीं होगी केंद्र सरकार ने नोटिस जारी कर दिया है। 1 जुलाई 2020 के बाद जो भी आवेदन लिए गए हैं वह भी रद्द करने की घोषणा कर दी है।
शव खेत से बरामद, मुख्य आरोपी गिरफ्तार फतेहपुर : मलवां थाना क्षेत्र के एक गांव में बुधवार की शाम घर से शौंच को गई 20 वर्षीय शिक्षिका के वापस न लौटने पर स्वजनों ने खोजना शुरू किया। देर रात शिक्षिका का शव खेत से बरामद हुआ। शिक्षिका के स्वजनों ने दुष्कर्म की आशंका जताई है। सूचना पर डीएम संजीव सिंह, एसपी प्रशांत वर्मा सहित कई थानों का पुलिस फोर्स पहुंचा है। गांव में पीएसी तैनात की गई है। एसपी ने बताया हत्या के आरोपी पड़ोसी गांव मकनपुर के रहने वाले आदित्य रैदास को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है। घटना में अन्य लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है। जिस पर जांच चल रही है। दुष्कर्म हुआ कि नहीं यह पोष्टमार्टम के बाद स्पष्ट होगा। पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है।