घर-घर पहुंची आशा-आंगनबाड़ी, बच्चों को खिलाई दवा

0 7 अक्टूबर तक चलने वाला राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान शुरू


0 शहरों में आंगनबाड़ी और ग्रामीण इलाकों में आशा बहुओं ने संभाली कमान



हमीरपुर। 28 सितंबर 2020 


कोरोना संकट के बीच सोमवार से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान की शुरुआत हो गई। स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों की बंदी की वजह से इस बार शहरों में आंगनबाड़ी और ग्रामीण इलाकों में आशा बहुओं ने अभियान की कमान संभाली। घर-घर जाकर एक से लेकर 19 साल तक के किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े दूर करने की दवा एल्बेंडाजॉल खिलाई गई।


शहर के कांशीराम कॉलोनी में जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुरेंद्र साहू, डीसीपीएम मंजरी गुप्ता, अर्बन कोआर्डिनेटर पीयूष ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान की औपचारिक शुरुआत की। कॉलोनी के बच्चों को घर-घर जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पेट के कीड़े मारने वाली दवा एल्बेंडाजॉल की टेबलेट खिलाई। जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि पेट के कीड़ों की वजह से बच्चों की सेहत प्रभावित होती है। इसलिए प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान चलाया जाता है। इस बार कोरोना की वजह से घर-घर जाकर एक से 19 साल तक के बालक-बालिकाओं को दवा खिलाई जा रही है। 


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आरके सचान ने अभिभावकों से अपील की है कि वह अपने बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा अवश्य खिलाएं। इस दवा से किसी भी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.रामअवतार ने बताया कि किसी भी तरह की बीमारी होने पर बच्चे को दवा नहीं खिलानी है। यदि किसी भी तरह उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नहीं। पेट में कीड़े ज्यादा होने पर दवा खाने के बाद सिरदर्द , उल्टी, मिचली, थकान होना, या चक्कर आना महसूस होना एक सामान्य प्रक्रिया है। 


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