मुख्यमंत्री को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बतायी तैयारियां


ललितपुर। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय पोषण माह (सितम्बर 2020) के सफल आयोजन हेतु जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी एवं कन्वर्जेन्स विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग का आयोजन एनआईसी हॉल में अपराह्न 12 बजे से किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में जनपद ललितपुर में 0-5 बच्चों की संख्या 115771 है, जिसमें से 0-06 माह के बच्चों की संख्या 12892, 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों की संख्या 65567 तथा 03-05 वर्ष के बच्चों की संख्या 37312 है। इनमें माह अगस्त 2020 में 0-5 वर्ष के 102796 बच्चों को सामान्य श्रेणी में, 11240 बच्चों को मैम श्रेणी में तथा 1737 बच्चों को सैम श्रेणी में रखा गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समर्थ और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए हमारे द्वारा बच्चों के बचपन को सुरक्षित रखना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। पोषण माह के तहत कुपोषित बच्चों के साथ-साथ कुपोषित माँ को भी चिन्हित किया जाए। प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार लगातार तीसरे वर्ष इस राष्ट्रीय पोषण मिशन का आयोजन होने जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण मिशन के कार्यक्रम को 06 सितम्बर 2020 के बाद मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी के सम्बंध में इस वीडियो कॉन्फ्रेसिंग का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पोषण मिशन का मुख्य उद्देश्य सैम (गंभीर अल्प वजन) बच्चों का चिन्हांकन, अनुश्रवण तथा पोषण वाटिका का विकास करना है। इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने कहा कि माह सितम्बर 2020 को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया है। पोषण अभियान का शुभारम्भ प्रधानमंत्री द्वारा बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार के लक्ष्य हेतु किया गया है। पोषण अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जन आन्दोलन और सामुदायिक प्रोत्साहन आवश्यक है। वर्ष 2018 से बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं में पोषण के स्तर में सुधार के उद्देश्य हेतु राष्ट्रीय पोषण माह प्रत्येक वर्ष सितम्बर माह में मनाया जा रहा है। पोषण माह का आयोजन सम्बन्धित विभागों के कन्वर्जेन्स से मनाया जाता है। पोषण हेतु जन-आन्दोलन की गति को बनाये रखने हेतु भारत सरकार द्वारा इस वर्ष भी 01 से 30 सितम्बर 2020 तक तृतीय राष्ट्रीय पोषण माह आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत सर्वप्रथम गंभीर तीव्र कुपोषित बच्चों की प्रारंभिक पहचान आवश्यक है, जिससे प्रारम्भिक उपचार के माध्यम से गम्भीर परिणामों से बचाव किया जा सके। सैम एवं मैम बच्चों का चिन्हीकरण एवं संदर्भन किया जाना राष्ट्रीय पोषण माह के लक्ष्यों में से एक है। इस प्रक्रिया में प्रशासन द्वारा समय-समय पर निर्गत कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि स्तनपान के साथ उपरी आहार के माध्यम से बच्चों में कुपोषण के स्तर में कमी आती है। स्तनपान कराने में माताओं का सहयोग एवं स्तनपान को बढ़ावा दिया जाना एक अत्यंत महत्वपूर्ण गतिविधि है। जन्म के छ: माह तक केवल स्तनपान, दो साल तक सतत स्तनपान और उसके बाद भी स्तनपान जारी रखने से शिशु को उच्च गुणवत्ता वाली ऊर्जा एवं पोषण तत्व प्राप्त होते हैं। माँ का दूध शिशु के व्यापक विकास, मानसिक विकास, शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। छ: माह तक केवल स्तनपान को इस पोषण माह जन-मानस में बढ़ावा दिया जाएगा। इस दौरान अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.प्रताप सिंह, डीआईओएस रामशंकर, पूर्ति अधिकारी विजयप्रभा, डीपीओ पुष्पा वर्मा, सीडीपीओ नीरज सिंह उपस्थित रहे।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?