प्रदेश सरकार के विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जनपद के पारम्परिक कारीगरों का हो रहा है आर्थिक विकास - जिलाधिकारी


हमीरपुर 17 सितंबर 2020,मनुष्य के जीवन में विविध भौतिक वस्तुओं की आवश्यकता होती है और उन वस्तुओं की आपूर्ति समाज के विभिन्न पारम्परिक कारीगरों, हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित वस्तुओं से होता है। आज के मशीनरी एवं वैज्ञानिक युग में औद्योगीकरण से  परम्परागत शिल्प का ह्मस होता जा रहा है। जबकि परम्परागत शिल्पियों की दैनिक जीवन में अति आवश्यकता है। प्रदेश व जनपद में विभिन्न वर्गों के परम्परागत कारीगरी, शिल्प को बढ़ावा देने तथा लोगों को स्वरोजगार देने के उद्देश्य से ही प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के पारम्परिक कारीगरों बढ़ई, लोहार, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, कुम्हार, हलवाई, जूते-चप्पल बनाने वाले आदि स्वरोजगारियों तथा पारम्परिक हस्तशिल्पियों की कलाओं के प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन तथा उनकी आय में वृद्धि के अवसर उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना लागू किया है।*

 

*कोरोना काल में अन्य प्रदेशों में काम करने वाले उ0प्र0 के कारीगरों/श्रमिकों के वापस आने पर अब उन्हें बेरोजगारी की समस्या न आये, इसके लिए प्रदेश सरकार ने तैयारी कर ली है। लाखों की संख्या में वापस आये प्रदेश के श्रमिकों को काम-काज मिल सके इसें विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना बड़ी मददगार साबित हो रही है। कोरोना वायरस के चलते किये गये लाॅकडाउन के कारण लाखों कुशल व अकुशल श्रमिक प्रदेश में आ गये हैं। अब ऐसी स्थिति में यह लोग उन प्रदेशों/शहरों में वापस न जायं, प्रदेश में ही उनके कौशल का उपयोग करते हुए मा0 योगी आदित्यनाथ जी की सरकार विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत 06 दिन का निःशुल्क प्रशिक्षण देकर उनके स्वयं के कारोबार स्थापित करने के लिए सहायता दे रही है।*

*विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न परम्परागत उद्यमों तथा आधुनिक तरीकों के उद्यमों के लिए बढ़ईगीरी, दर्जी का कार्य, टोकरी बनाने, बाल काटने हेतु नाई का कार्य, गहने आभूषण बनाने वाले सुनार, लोहार, कुम्हारीकला, हलवाई का कार्य, जूता-चप्पल बनाने हेतु मोची का कार्य तथा अन्न हस्तशिल्प की कला को सीखने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने यह योजना संचालित की है। इस योजना का उद्देश्य है कि प्रदेश के सभी छोटे-बडे़ वर्ग के बेरोजगार लोगों को बेहतर प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें सम्बंधित उद्यम स्थापित कराकर आत्मनिर्भर बनाना है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो और वे काम-काज व रोजगार के लिए अन्य राज्यों में न जायंे। उनके कामकाज करने से उनकी और प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।*

*विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी की पात्रता भी है। इसके अन्तर्गत आवेदन करने वाला व्यक्ति उ0प्र0 का मूल निवासी हो और कम से कम 18 वर्ष का होना जरूरी है। इसमें शैक्षिक अनिवार्यता नहीं है। आवेदन करने वाला व्यक्ति बीते दो वर्षों में इस तरह की किसी अन्य योजना का लाभ न लिया हो। पंजीकरण कराने के लिए इस योजना से जुड़ी आधिकारिक साइट पर कम्प्यूटर में जाकर लिंक http//diupmsm&uosdc.gov.in पर क्लिक कर आवेदन पत्र भरा जा सकता है* *आवेदन पत्र भरते समय आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर, बैंक पासबुक खाता नम्बर की कापी, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, राशन कार्ड प्रति जैसे दस्तावेज साथ में संलग्न करने होंगे।*

*प्रदेश सरकार इस योजनान्तर्गत लाभ लेने वाले कारीगरों, श्रमिकों को तहसील अथवा मुख्यालय पर लघु या मध्यम उद्यम विभाग द्वारा 06 दिन की मुफ्त ट्रेनिंग दी जाती है।* *यह टेªनिंग इस तरह प्रैक्टिकल रूप में दी जाती है कि लाभार्थी आसानी से सीख लेता है। ट्रेनिंग के दौरान खाने-पीने, रहने की व्यवस्था सरकार द्वारा वहन किया जाता है। लाभार्थियों को सरकार की तरफ से मजदूरी दर के समान कारीगरों को वित्तीय मदद भी दी जाती है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद लाभार्थियों को उनके द्वारा चुने गये ट्रेड के अनुसार टूल किट भी प्रदान किया जाता है।* *प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना उद्यम, कारोबार स्थापित करने वाले अभ्यर्थियों को 10 हजार रू0 से लेकर 10 लाख रू0 तक की बैंकों के माध्यम से ऋण दिलाते हुए आर्थिक सहायता की जाती है। योगी सरकार इस योजना के अन्तर्गत हजारों लोगों को स्वयं का कारोबार स्थापित कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही है।

  जनपद में जिलाधिकारी डॉ ज्ञानेश्वर त्रिपाठी के कुशल नेतृत्व व निर्देशन में इस योजना के पात्र लाभार्थियों को चिन्हित कर उनको टूलकिट वितरण आदि का कार्य किया जा रहा है। जनपद में इस योजना के अंतर्गत कुसमरा के मनोज को राजमिस्त्री , रमेडी के प्रमोद कुमार को बढ़ईगिरी , पौथिया के लालाराम को कुम्भकारी ,मुख्यालय के रहुनिया धर्मशाला निवासी मन्नालाल गुप्ता को हलवाईगिरी व कुरारा के विजयपाल को लोहारगिरी हेतु निःशुल्क टूलकिट का वितरण किया जा चुका है तथा इन सभी लाभार्थियों को 06 दिन की आवासीय व निःशुल्क प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है।

   इसी प्रकार जिलाधिकारी के कुशल मार्गदर्शन में मुद्रा योजना के अंर्तगत जरूरतमंद लोगो को चिन्हित कर उन्हें स्वरोजगार हेतु बैंको के माध्यम से ऋण स्वीकृत कराया जा रहा है। इस क्रम में जनपद में 05 लाभार्थियों को अपना रोजगार खड़ा किये जाने हेतु 01-01 लाख का ऋण स्वीकृत कराया गया है इसमे रानी लक्ष्मी बाई पार्क की लक्ष्मी , पटकाना की सजल श्रीवास्तव व कुरारा की हीराबाई को अपना -,अपना ब्यूटीपार्लर संचालन हेतु 01-01 लाख का , खरौज के इमरान को बिल्डिंग कारोबार हेतु तथा कुरारा के धर्मेंद्र को होटल संचालन हेतु 01-01 लाख का ऋण स्वीकृत कराया गया है। अब ये सभी लोग इस सहायता से अपना स्वयं का कारोबार खड़ा कर सकेंगे। 

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