प्रदेश सरकार फिल्म सिटी परियोजना को द्रुत गति से आगे बढ़ाने के लिए पूरी सक्रियता से कार्य करेगी: मुख्यमंत्री

फिल्म सिटी स्थापना के निर्णय के लिए फिल्म जगत की ओर से मुख्यमंत्री को हार्दिक बधाई दी गयी


 

लखनऊ: 22 सितम्बर, 2020

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश में डेडिकेटेड इन्फोटेनमेण्ट (फिल्म सिटी) जोन की स्थापना के सम्बन्ध में फिल्म जगत से जुड़े महानुभावों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री जी ने फिल्म जगत के प्रतिनिधियों के साथ इस सम्बन्ध में प्रत्यक्ष एवं वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार फिल्म सिटी परियोजना को द्रुत गति से आगे बढ़ाने के लिए पूरी सक्रियता से कार्य करेगी। ज्ञातव्य है कि इस फिल्म सिटी को डेडिकेटेड इन्फोटेनमेण्ट जोन के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां वल्र्ड क्लास डेटा सेण्टर भी बनाए जाएंगे। इससे आने वाले समय में इण्टरनेट इनेबल्ड कण्टेण्ट डिस्ट्रीब्यूशन तथा वर्चुअल रियलिटी आदि, जोकि सॉफ्टवेयर व डेटा डिपेण्डेण्ट होते हैं, के लिए फ्यूचर प्रूफ व्यवस्था प्रारम्भ से उपलब्ध हो सकेगी।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारतीय संस्कृति और परम्परा का केन्द्र बिन्दु है। प्राचीन पौराणिक काल खण्ड से लेकर अर्वाचीन समय में देश की आजादी की लड़ाई में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मभूमि, भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि, गंगा-यमुना के संगम की स्थली उत्तर प्रदेश में है। नैमिष तीर्थ जहां श्रीमद्भागवत पुराण का सर्वप्रथम वाचन हुआ, वह भी उत्तर प्रदेश में है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शुक्र तीर्थ, चित्रकूट तथा श्रृंगवेरपुर आदि भी हमारे राज्य में हैं। स्वाभाविक रूप से वैदिक काल से लेकर वर्तमान काल खण्ड तक भारतीय परम्परा, संस्कृति और सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण धरती उत्तर प्रदेश रही है। बुद्ध, महावीर और कबीर विश्व को उत्तर प्रदेश की देन हैं। गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियां भी दुनिया को उत्तर प्रदेश दे रहा है। राज्य ने प्रत्येक काल खण्ड में योगदान किया है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुम्भ के आयोजन को यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है। कुम्भ के सम्बन्ध में मान्यता है कि इस आयोजन में देवी-देवता संगम तट पर स्नान करते हैं। प्रयागराज कुम्भ के आयोजन के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री जी ने इसे एक यूनीक इवेंट के तौर पर प्रस्तुत करने तथा अतीत में इस आयोजन से जुड़ी दुव्र्यवस्था, दुर्घटना, असुरक्षा और गन्दगी की छवि को दूर करने के लिए योजना बनाकर कार्य करने की बात कही थी। इस उद्देश्य के साथ वर्तमान राज्य सरकार ने कार्य प्रारम्भ किया।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमने वर्ष 2019 के आयोजन को कुम्भ का नाम दिया, क्योंकि अधूरा हम लोगों में कुछ नहीं होता। हम आधे में नहीं, पूर्ण में विश्वास करते हैं। हमारी संस्कृति में पूर्णता से प्रारम्भ और पूर्णता से ही समापन होता है। ‘ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते।।’ यह है भारत की वास्तविक परम्परा। इसलिए कुम्भ नामकरण किया गया। प्रथम बार कुम्भ का ‘लोगो’ निर्धारित किया गया। भारतीय होने पर गौरव का अनुभव करते हुए टेक्नोलाॅजी को अपनाकर और बेहतर करने के भाव के साथ स्वच्छ और सुरक्षित कुम्भ की अवधारणा को साकार किया गया। यह आयोजन अत्यन्त सफल रहा।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वैदिक काल, रामायण काल के स्थानों सहित महाभारत काल का हस्तिनापुर भी उत्तर प्रदेश में ही है। शकुन्तला पुत्र भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा। यह हस्तिनापुर के आसपास का क्षेत्र था। इसलिए जनपद गौतमबुद्धनगर में प्रस्तावित फिल्म सिटी भारत की पहचान का प्रतीक बनेगा। यह यमुना और गंगा के बीच का भू-भाग है। इस क्षेत्र ने राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दिया है। मध्य काल में जब हमले हो रहे थे, तब भी यह क्षेत्र लड़ता रहा, जूझता रहा। देश की आजादी में भी इस क्षेत्र की भूमिका को कोई नकार नहीं सकता है। प्रथम स्वातन्त्र्य समर से लेकर उसके बाद के काल खण्ड में इस भू-भाग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। एक संस्कृति कर्मी और एक रंगकर्मी की दृष्टि से यदि फिल्म सिटी के प्रस्तावित स्थल को देखें तो यह भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा के नजदीक है। यह सम्पूर्ण क्षेत्र भारत की वैदिक, पौराणिक एवं आध्यात्मिक परम्पराओं को जोड़ता है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपार सम्भावनाओं वाला प्रदेश है। 24 करोड़ की आबादी के साथ जनसंख्या की दृष्टि से यह देश का सबसे बड़ा राज्य है। प्रकृति और परमात्मा की इस पर असीम कृपा है। हिन्दी यहां सामान्य बोल-चाल की भाषा है, लेकिन हमारे राज्य में 04 बोलियां हैं। पूरब में भोजपुरी, मध्य में अवधी, पश्चिम में ब्रज भाषा और बुन्देलखण्ड में बुन्देलखण्डी। प्रदेश की सीमा से लगे अन्य राज्यों की स्थानीय बोलियां भी हमसे जुड़ी हैं। समय की आवश्यकता है कि भारतीय सिनेमा को एक नया मंच मिले।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में फिल्म नीति लागू की है। राज्य सरकार इस नीति को और आकर्षक बनाने के सम्बन्ध में फिल्म जगत के प्रतिनिधियों से प्राप्त होने वाले सुझावों का स्वागत करेगी। हमारे लिए सिनेमा भारत की सभ्यता और संस्कृति के प्रचार-प्रसार का एक माध्यम है। आयोजन में सम्मिलित फिल्म जगत के महानुभावों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे सभी संस्कृति और भारतीय परम्परा को एक मंच देकर आने वाली पीढ़ी तक पहुंचा रहे हैं। सामान्य व्यक्ति ग्रन्थ नहीं पढ़ सकता, सामान्य व्यक्ति इतिहास के पन्नों को नहीं पलट सकता, किन्तु सिनेमा के माध्यम से वह संस्कृति और भारतीय परम्परा से जुड़ जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश को जोड़ने में भारतीय सिनेमा का महत्वपूर्ण योगदान है। भारतीय सिनेमा ने देश के बाहर भी भारत की संस्कृति और सभ्यता को पहुंचाने का कार्य किया है। भारतीय दृष्टिकोण के साथ भारत की सभ्यता और संस्कृति को पूरे देश में गौरव और मर्यादा के साथ पहुंचाना आवश्यक है। भारतीय सिनेमा को अपनी प्रस्तुतियों को उस दिशा में अग्रसर करने की जरूरत है। भारतीय फिल्म जगत के अनेक महानुभाव भी ऐसा चाहते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सिनेमा का अच्छा योगदान पीढ़ियां याद करती हैं। भारत की प्रथम फीचर फिल्म राजा हरिश्चन्द्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हरिश्चन्द्र नाटक ने गांधी जी को अत्यन्त प्रभावित किया था। अच्छी फिल्में और नाटक व्यक्ति के जीवन में व्यापक बदलाव लाते हैं। अच्छे धारावाहिकों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि घर-घर तक रामायण, महाभारत और चाणक्य की पहुंच हो गयी थी। रामायण और महाभारत धारावाहिक का प्रसारण अत्यन्त लोकप्रिय सिद्ध हुआ था। धारावाहिक चाणक्य देखकर लोगों को अपनी परम्परा और संस्कृति का एहसास होता है।  
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बेहतर कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध है। जेवर, जनपद गौतमबुद्ध नगर में एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट लगभग 5,000 एकड़ भूमि में निर्मित होने जा रहा है। इसका कार्य अगले माह प्रारम्भ होने जा रहा है। यह हवाई अड्डा ग्रीनफील्ड इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। हमारा प्रयास रहेगा कि वर्ष 2023 तक इसे फंक्शनल कर दिया जाए। इस क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए अन्य कार्य भी किये गये हैं। इस सम्पूर्ण क्षेत्र में मेट्रो तथा 4-लेन रोड कनेक्टिविटी उपलब्ध है। मेट्रो की आधुनिक सुविधाओं के साथ ही इस क्षेत्र को जोड़ने जा रहे हैं। नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तथा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के साथ बैठक की गयी हैं। यह केवल फिल्म सिटी तक ही सीमित नहीं रहेगा। हम वहां वल्र्ड क्लास इलेक्ट्राॅनिक सिटी देने जा रहे हैं। साथ-साथ वल्र्ड क्लास फाइनेंशियल सिटी भी प्रस्तावित करने जा रहे हैं, जहां हर प्रकार की आर्थिक और वित्तीय गतिविधियों का संचालन किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर एक के उत्थान और पतन का अपना समय होता है। यह धर्मचक्र है, जिसके साथ उत्थान और पतन जुड़ा है। हम उससे अलग होकर स्वयं को नहीं देख सकते। इसलिए यदि बुरा हुआ है, तो अच्छा भी हुआ है। हमें अच्छे और बुरे के बीच अच्छे पन के लिए रास्ता निकालना है। वर्ष 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश में 02 हवाई अड्डे फंक्शनल थे तथा एक एयरपोर्ट कभी-कभी संचालित होता था। आज हमारे यहां 07 एयरपोर्ट फंक्शनल हैं और 25 हवाई अड्डों पर कार्य चल रहा है। प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में वायु सेवा का विस्तार कराया जा रहा है। आजमगढ़ को वायु सेवा से जोड़ने के लिए कार्य हो रहा है। चित्रकूट में एक हवाई अड्डा बन रहा है। अयोध्या में एक बड़ा हवाई अड्डा बनने जा रहा है। कुशीनगर में नया अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा आगामी डेढ़-दो माह में फंक्शनल हो जाएगा।
फिल्म बन्धु, उ0प्र0 केे अध्यक्ष तथा अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि जनपद गौतमबुद्धनगर में प्रस्तावित फिल्म सिटी वर्तमान सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों के सकारात्मक प्रयासों से ‘ईज़ आॅफ डूईंग बिजनेस’ में उत्तर प्रदेश ने देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की फिल्म पाॅलिसी के तहत सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी।
यमुना एक्सप्रेस-वे इण्डस्ट्रियल डेवलपमेन्ट अथाॅरिटी के सी0ई0ओ0 डाॅ0 अरुणवीर सिंह ने जनपद गौतमबुद्धनगर में प्रस्तावित फिल्म सिटी के विषय में कहा कि यह क्षेत्र एन0सी0आर0 में स्थित है। इसलिए देश के सभी क्षेत्रों की यहां से अच्छी कनेक्टीविटी उपलब्ध है। यहां स्किल्ड मैन पावर सहित अन्य जरूरी सुविधाएं फिल्म निर्माताओं को मिल सकेंगी।
इस मौके पर श्री अशोक पण्डित ने फिल्म जगत की ओर से मुख्यमंत्री जी को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में फिल्म गतिविधियों के विकास की अपार सम्भावनाएं हैं। फिल्म गतिविधियों के माध्यम से देश-विदेश के लोग उत्तर प्रदेश की संस्कृति को जान सकेंगे।


श्री नितिन देसाई ने कहा कि फिल्म उद्योग में एक बहुत बड़ी इकोनाॅमी है। मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी निर्माण के सम्बन्ध में जो कदम उठाया है, वह निश्चित ही उत्तर प्रदेश की तस्वीर को बदलेगा। इससे यहां फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, जिससे बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा। श्री विनोद बच्चन ने कहा कि भारतीय सिनेमा का अपना एक विशिष्ट महत्व है। हर कस्बे तक सिनेमा पहंुचे इसलिए थियेटर को भी बढ़ाने की आवश्यकता है। श्री अनूप जलोटा, श्री उदित नारायण, श्री शैलेश सिंह, श्री पदम देनू कुमार, श्री विजयेन्द्र प्रसाद, श्री कैलाश खेर, श्री संदीप सिंह तथा श्री मनोज जोशी ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।


इस अवसर पर श्री अनुपम खेर ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फिल्म सिटी के निर्माण के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री जी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह दिन फिल्म जगत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। श्री परेश रावल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी की दृष्टि से अपार सम्भावनाएं हैं। श्री सतीश कौशिक ने कहा कि अभी तक हिन्दी फिल्मों के लिए एक दरवाजा था, लेकिन उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बनने के बाद दूसरा दरवाजा खुल जाएगा। सुश्री सौन्दर्या ने कहा कि फिल्म निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है। श्री मनोज मुन्तशिर ने कहा कि अभी तक हिन्दी भाषा के पास सिनेमा तो था, लेकिन जमीन नहीं थी। श्री विनोद अग्निहोत्री ने कहा कि फिल्म सिटी बनने से हिन्दी फिल्मों को एक मजबूत आधार मिलेगा। इस अवसर पर न्यू जर्सी, यू0एस0ए0 से सुश्री अनामिका श्रीवास्तव ने भी मुख्यमंत्री जी से बात की। उन्होंने कहा कि फिल्में बच्चों को प्रेरित करती हैं। इसलिए इसको ध्यान में रखते हुए फिल्मों का निर्माण किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर फिल्म विकास परिषद, उ0प्र0 के अध्यक्ष श्री राजू श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी जो संकल्प करते हैं, उसे साकार करते हैं। उन्होंने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, विशेष कार्याधिकारी मुख्यमंत्री श्री संजीव सिंह, फिल्म बन्धु के सदस्य सचिव एवं सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य महानुभाव उपस्थित थे।

सपना हुआ वर्षों में अपना...

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
प्रदेश में फिल्म निर्माण का सिलसिला सरकार द्वारा घोषित फिल्मनीति के परिणाम स्वरूप शुरू हो गया है। हालाँकि आइडियल स्टूडियो में कुछ फिल्मों का सम्पूर्ण छायांकन हुआ करता था, लेकिन  लम्बे अन्तराल से प्रदेश के बाशिन्दों की आँखों को सम्पूर्ण फिल्म का प्रदेश की सरजमीं पर निर्माण होने की बेसब्री से प्रतीक्षा थी। उत्तर प्रदेश में सिनेमा के विकास के लिए राज्य सरकार हमेशा प्रयास तो करती रही लेकिन धरातल पर सरकारी नीति को लाभ दिलाने का लिये ठोस पहल का अभाव हमेशा झलकता रहा है। वर्ष 1968 में सरकार के साथ मोहन मीकिन के बी.आर.मोहन , शामिल थे गाजियाबाद के प्रहलादगढ में 1 जून 1967 को बड़े धूम-धाम से अजन्ता अजन्ता स्ट्राडया आर फिल्म नगरी का शिलान्यास फिल्म नगरी गाजियाबाद में स्थापना करने की कवायत हुई सुनील दत्त, नौशाद, नर्गीस दत्त, तत्कालीन मुख्य मंत्री स्व. चन्द्र भानु गुप्त ने किया था उत्तर प्रदेश चल चित्र निगम लि0 तत्कालीन मुख्य मंत्री स्व. चन्द भानु गप्त  का प्रारम्भ 10 सितम्बर 1975 म उत्तर प्रदेश चलचित्र निगम प्रारम्भ 10 सितम्बर 1975 में और 29 अक्टूबर 1984 में विधिवत् अपनी  फिल्म नीतियां घोषित की और 29 अक्टूबर 1984 में विधिवत अपनी फिल्म नीति घोषित करके प्रदेश के फिल्म नीति घोषित करके प्रदेश के निर्माताओं को ऋण देने के नाम पर फार्म च ऋण देने के नाम पर फार्म आर प्रसिसिंग फीस जमा कराना प्रारम्भ अधिकतम 3 लाख रूपये- के अनुदान का किया80 प्रतिशत य.पी. में शूटिंग पर प्रावधान था। नोएडा फिल्म सिटी में अधिकतम 3 लाख रूपये- के अनुदान का स्व वीर बहादुर सिंह मुख्य मंत्री द्वारा फिल्म प्रावधान था। नोएडा फिल्म सिटी में स्व. वीर बहादुर सिंह मुख्य मंत्री द्वारा फिल्म सेन्टर उदघाटन नोयडाा काम्प्लेकस सेक्टर-16 में दिनांक किया गया था। फिल्म सिटी वर्तमान . खबरिया चैनलों तथा धारावाहिकों में मुख्य केन्द्र बन गयी है। पहली बार 2000 संशोधित फिल्म नीति के कारण  निसन्देह 15 से अधिक फिल्मों को अनुदान का  लाभ मिला इसी समय बुन्देली, अवधी, ब्रज तथा भोजपुरी फिल्मों का निर्माण हुआ। भोजपुरी सिनेमा बड़े दर्शक वर्ग के कारण पूर्वाचल में भोजपुरी सिनेमा अपने पैरो खड़े होने की कोशिश करने लगा जो कुछ हद तक कामयाब दिख रहा है। क्षेत्रीय बोलियों विकास में प्रदेश सरकार  संशेधित फिल्म नीति अब तक की सभी नीतियों सबसे सरल और फिल्म विकास के लिए किया बरदान साबित होने  वाली नीति मानी जा रही है। इस नीति के 50 तहत प्रदेश के प्रमुख 5 कलाकार होने पर का 50 लाख रूपये- का अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान स्थानीय कलाकार के लिये  है ।



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