आचार्य शुक्ल की जयंती व विश्व पशु दिवस पर कार्यक्रम सम्पन्न

संत कबीर नगर। प्रगतिशील सेवा सांस्थान के तत्वावधान में रविवार को विश्व पशु दिवस और "हिंदी साहित्य का इतिहास" के रचयिता आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जयंती धूमधाम से मनाई गई। वक्ताओं उनके जीवन पर प्रकाश डाला तथा पशुओं की रक्षा का संकल्प लिया।

           ऑन लाइन पटल पर आयोजित कार्यक्रम में संस्थान की सचिव/निदेशक श्रीमती अनुसिया सिंह ने आचार्य रामचंद्र शुक्ल के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता नवनीत मिश्र ने आचार्य शुक्ल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी साहित्य का व्यवस्थित इतिहास लिखने वाले आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जन्म चार अक्तूबर 1884 को बस्ती जिले के अगोना गांव में हुआ था। वह हिंदी आलोचक, निबंधकार, साहित्य, इतिहासकार, कथाकार और कवि थे।

          श्री मिश्र ने विश्व पशु दिवस को रेखांकित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में हर जीव में ईश्वर का अंश देखा जाता है, पर्यावरण हितैषी पशुओं की रक्षा करना हमारा दायित्व है। उन्होने कहा की साथ ही पशु पारिस्थितिकी तंत्र का अभिन्न अंग हैं, उनमें भी संवेदनाएँ होती हैं, उनके भी अधिकार होते हैं। गाय-बैल जैसे पशु तो हमारे भारत जैसे कृषि प्रधान देश के अर्थतंत्र पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं।

        इस अवसर पर आवारा पशुओं की सेवा और रक्षा का संकल्प लिया। 

      कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने किया तथा संचालन बी एन शर्मा ने किया।

         कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विवेक दुबे, प्रदीप चौबे, मनोज राय, सुनील मिश्र, मनोरथ यादव सहित शताधिक लोग जुड़े रहे।

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