अहिंसा परमो धर्म:

महात्मा गांधी बापू ने अहिंसा की नीति के जरिए न केवल को भारत को आजादी दिलाई बल्कि विश्व भर में शांति के संदेश को बढ़ावा दिया| आज 2 अक्टूबर 2020 को बापू की 151 बी जयंती मनाई जा रही है आज भी उनका अहिंसा का सिद्धांत बहुत प्रासंगिक है  "अहिंसा के सिद्धांत की सार्वभौमिक प्रासंगिकता एवं शांति, सहिष्णुता तथा संस्कृति को अहिंसा द्वारा ही सुरक्षित रखा जा सकता है |जिस तरीके से गरीबों का तिरस्कार ,मानव अधिकार के हनन  धर्म की राजनीति ,नफरत भरी भाषा और भाषण अब केवल इसे मुंह से बोलकर व कार्य करके फैलाया जा रहा है ।आज सोशल मीडिया और वर्चुअल युग ने  नफरत और उन्माद की आग और बढ़ा दी है| अब हर व्यक्ति को अपने मानसिक विकार अशांति व संस्कृति को नष्ट करने  के लिए एक मंच मिल गया है| जिससे भारत ही नहीं पूरे विश्व में अहिंसा ही एक रास्ता है जिससे विश्व में शांति कायम की जा सकती है।बापू की जयंती पर सरकार ने पिछले साल उनकी स्मृति में डाक टिकट निकाली थी ताकि अहिंसा की उपयोगिता युवा को बता सके ।भारत सरकार को चाहिए कि वो हिंसा ,नफरत ,उन्माद, धार्मिक भेदभाव,धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने वालों को सरकार अपने भाषणों से अपनी कार्यशाला लगाकर उनके मानसिक विकार को ना केवल दूर करे बल्कि उनको बताऐ अहिंसा का प्रभाव।आपके अपने जीवन में भी जो समस्या शांति से हल हो सकती है


 


वो युद्ध से नही और शांति से आप सुखी जीवन जी सकते हैं तो आप अपनी आंतरिक कलह को सामाजिक रूप से प्रकट करके देश में अव्यवस्था और उन्माद क्यों फैला रहे हैं| भारत ने भी अशांति फैलाने वालों के प्रति कई कड़े नियम कायदे कानून बनाए हैं और समय-समय पर उनका इस्तेमाल करके अपने देश में शांति  बनाए रखते हैं| मैं आग्रह करता हूं कि सभी के लिए एक बेहतर भविष्य का निर्माण करते समय हमें इस दूरी को पाटने के लिए अपनी सामर्थ्यानुसार प्रयास करने चाहिए|” हमारे भारतीय शास्त्रों में भी लिखा है मन की शांति तन की शांति होती है और जब मन और तन शांत रहता है तो आप बड़े से बड़ी समस्या पर विजय प्राप्त कर सकते हैं इसलिए अहिंसा का पालन करना चाहिए|


अहिंसा परमो धर्म:,


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