अनलॉक ब्यवस्था के तहत प्रदेश में तेजी से आगे बढ़ी आर्थिक गतिविधियां

 


 माह सितम्बर, 20 में वाणिज्य कर विभाग का राजस्व संग्रह हुआ 5334.82 करोड़ रुपए


 वर्तमान वर्ष के सितम्बर माह में गत वर्ष के इसी माह के राजस्व संग्रह से 6.7 प्रतिशत अधिक


 


 



लखनऊ: 08 अक्टूबर, 2020,कोविड-19 के दृष्टिगत चरणबद्ध अनलॉक ब्यवस्था के तहत प्रदेश में  आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। सितम्बर 2020 में वाणिज्य कर विभाग का राजस्व संग्रह 5334.82 करोड़ रुपए प्राप्त हुआ है़, जो गत वर्ष के इसी माह के संग्रह 4998.69 करोड रुपए से 6.7 प्रतिशत अधिक है। कमिश्नर वाणिज्य कर श्रीमती अमृता सोनी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विभाग के संग्रह में जीएसटी व वैट राजस्व का योगदान क्रमशः 3680.20 करोड़ रूपए व 1653.94 करोड़ रूपए हैं।  सितम्बर माह में 05 करोड़ रुपए से कम टर्न ओवर के डीलर्स हेतु मई, जून व जुलाई 2020 के देय रिटर्न की विस्तारित तिथि समाप्त होने के दृष्टिगत अधिकारियों के प्रयासों से अधिकाधिक रिटर्न दाखिल हुये हैं जिससे राज्य अधिक्षेत्र के व्यापारियों के देय रिटर्न मई माह के 90 प्रतिशत से अधिक एवं जून व जुलाई के 85 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दाखिल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि अगस्त माह के भी 80 प्रतिशत से अधिक रिटर्न का दाखिला इस माह कराया गया है। इस प्रकार सितम्बर माह में पूर्ववर्ती एवं नियमित माह के देय रिटर्न 17 लाख से अधिक दाखिल हुये हैं।
    कमिश्नर वाणिज्य कर द्वारा समस्त जोनल एडीशनल कमिश्नर एवं एडीशनल कमिश्नर प्रवर्तन वाणिज्य कर के साथ आज डेस्कटॉप काफ्रेन्सिंग के माध्यम से राजस्व व प्रवर्तन कार्यों की समीक्षा की गयी है, जिसमें जीएसटी राजस्व संग्रह वृद्धि हेतु नियत किये गये कार्यात्मक लक्ष्य यथा नए पंजीयन का सत्यापन, रिटर्न का दाखिला, नॉन फाइलर के विरूद्ध विधिक कार्यवाही, रिटर्न की स्क्रूटनी, रेड फ्लैग डीलर्स की प्राथमिकता से स्क्रूटनी, वैट के कालबाधित वादों का निस्तारण, एसआईबी व ऑडिट के वादों का कर निर्धारण, वैट बकाया वसूली, बकाया वसूली की ब्याज माफी योजना, रिफण्ड का सत्यापन एवं प्रवर्तन कार्यों के सभी पैरामीटरवार ऑनलाइन डाटा से समीक्षा की गयी।
      कमिश्नर वाणिज्य कर ने बैठक में माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों को जोनल अधिकारियों को अवगत कराते हुये निर्देशित किया कि जीएसटी राजस्व प्रदेश का सबसे बड़ा राजस्व स्रोत होने से प्रदेश के विकासात्मक कार्यों में विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है जो सभी अधिकारियों के द्वारा किये जाने वाले निर्धारित व नियत कार्यों के बेहतर सम्पादन से ही संभव है। अतः विभाग के समस्त पदीय दायित्वों पर कार्यरत अधिकारियों द्वारा कार्य व अनुश्रवण नियमित रूप से किया जाए ताकि अधिक से अधिक राजस्व सुनिश्चित हो सकें।
   श्रीमती अमृता सोनी ने समीक्षा बैठक में समस्त जोनल अधिकारियों को निर्देश दिये कि जीएसटी के दाखिल रिटर्नों की गुणवत्तापरक स्क्रूटनी की जाए तथा प्रतिकूल पाये जाने पर विधिक कार्यवाही कराते हुये देय राजस्व जमा कराया जाए। 31 अक्टूबर, 2020 तक प्रचलित वैट ब्याज माफी वसूली योजना में अधिक से अधिक व्यापारियों को सम्मिलित करके वैट के बकाया राजस्व को जमा कराए जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी फंक्सनल पैरामीटर पर नियमित मॉनिटरिंग की जाए और जोनल व सम्भागीय स्तर पर पाक्षिक व साप्ताहिक समीक्षा भी की जाए। गत माह से चालू प्रवर्तन कार्यों के तहत सचल दल व विशेष अनुसंधान शाखा इकाईयों को संभावित करापवंचन पर अंकुश लगाने हेतु कार्यों में तीव्रता लायी जाए। ई-वे बिल सत्यापन व अन्य तकनीकी माध्यम से सूचना संग्रहित करते हुए प्रभावी प्रर्वतन कार्य सुनिश्चित कराया जाए।


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