अपराधों का प्रदेश बन गया उत्तर प्रदेश : तिलक यादव


बढ़ती लूट, हत्या और दुराचार की घटनाओं से आमजन दहशत में

*प्रदेशीय आह्वान पर सपा ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन*

ललितपुर। उत्तर प्रदेश में खाकी के खत्म होते इकबाल और तेजी से बढ़ते अपराधों के खिलाफ सोमवार को समाजवादी पार्टी ने प्रदेशीय आह्वान पर जिलाध्यक्ष तिलक यादव के नेतृत्व में प्रदेश की महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। ज्ञापन में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये जाने और हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार की प्रतिदिन बढ़ रहीं घटनाओं पर अंकुश लगाये जाने की मांग प्रबलता से उठायी गयी।

ज्ञापन में बताया कि प्रदेश की भाजपा सरकार अपराधों पर नियंत्रण पाने में पूर्णतया विफल है। प्रदेश में बेलगाम अपराध और बेखौफ अपराधी सत्ता संरक्षण में पल रहे है। जनता अपने को असुरक्षित मान रही है। चारों तरफ भय और आतंक का माहौल है। भाजपा राज में सर्वाधिक असुरक्षित महिलाएं एवं बच्चिया है। महिलाओं के साथ 2017 में 56011 वर्ष 2018 में 59445 वर्ष 2019 में 59853 अपराध हुए है। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार पूरे भारत में अपराधों के सापेक्ष 143 प्रतिशत अपराध संख्या उत्तर प्रदेश में होने से उसे अपराधों के मामले में प्रथम स्थान प्राप्त होता है। ध्वस्त कानून व्यवस्था का आलम तो यह है कि बलिया में 15 अक्टूबर 2020 को दिनदहाड़े राशन दुकान के आवंटन की पंचायत में हुए विवाद में भाजपा नेता ने एक युवक को गोली मार दी। इस समय एसडीएम और सीओ भी मौजूद थे। पुलिस की पकड़ में आने के बाद भी आरोपी को भाग जाने दिया गया। हाथरस में दलित बेटी के साथ दुष्कर्म और उसकी नृशंस हत्या के बाद आधी रात को पुलिस ने उसका शव जला दिया। पुलिस प्रशासन का यह रवैया भी अत्यंत शर्मनाक रहा है। न केवल हाथरस अपितु बलरामपुर आजमगढ़, बुलन्दशहर, भदोही, लखनऊ, बाराबंकी, बागपत, मेरठ, फतेहपुर, अलीगढ़, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, मथुरा, महाराजगंज और प्रयागराज में भी हैवानियत की घटनाओं से प्रदेश की बदनामी हुई है। पुलिस की लीपापोती और अपराधियों को सत्ता द्वारा संरक्षण से कानून मानने वाले नागरिक विचलित हैं। सपाईयों ने राज्यपाल महोदया से ऐसी स्थितियों को जल्द ही सुधार कराये जाने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देशित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। ज्ञापन देते समय पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा, पूर्व विधायक फेरनलाल अहिरवार, कृष्ण स्वरूप निरंजन, ज्योति सिंह, गीता मिश्रा, रमेश सिंह, यादवेन्द्र सिंह दादा, आशीष अहारिया, इंजी.हृदेश यादव मुखिया, संजू बरार, नीलेश झां, प्रकाश नारायण पाल, सुरेन्द्र पाल सिंह, जितेन्द्र बंट, शिवम मिश्रा, नीलू कुशवाहा, नरेन्द्र यादव, रोहित यादव, यादवेन्द्र देवरान, रामप्रताप सिंह, जगदीश कुशवाहा, रवि खटीक, गौरव विश्वकर्मा, मु.शरीफ जावेद, नरेन्द्र राजपूत, पुष्पेन्द्र यादव, मोहित, पंकज श्रीवास, मो.अखलाख मंसूरी, दीपक सेन, सत्येन्द्र सिंह यादव, पुष्पेन्द्र जुगपुरा, प्रमोद, सुरेश कुमार सेन, तिलक पाली, भान सिंह, अजब सिंह, गनेश प्रसाद के अलावा अनेकों पदाधिकारी मौजूद रहे

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