"द्वार पर आई हूं मैया शरण में

द्वार पर आई हूं मैया शरण में
अपने लेलो ना।
द्वेष,दंभ, पाखंड मिटाओ
काम,क्रोध सब दूर भगाओ।
चढ़ाती भावों के सब पुष्प
चरण में अपने लेलो ना।
द्वार पर आई हूं मैया
शरण में अपने लेलो ना।
ज्योतित करदो मार्ग हमारा
छाया है काला अंधियारा।
जीवन में नवगति भर दो मां
हरण तुम तम को कर लो ना।
द्वार पर आई हूं मैया शरण में
अपने ले लो ना।"


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