हाथरस में हुए दलित महिला के साथ बलात्कार व हत्या के विरोध में घूरपुर बाजार में चक्काजाम


सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं ने हाथों में झंडे, बैनर व तख्तियां लिए हुए घूरपुर बाजार में 14 सितम्बर 2020 को हाथरस में हुए दलित महिला के साथ बलात्कार व हत्या के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की और घूरपुर बाजार में चक्काजाम किया।
महिलाओं ने जोशो-खरोश के साथ नारे लगाए - ‘दलित विरोधी यूपी सरकार मुर्दाबाद’, ‘बैकवर्ड विरोधी यूपी सरकार मुर्दाबाद’, ‘मनुवादी यूपी सरकार मुर्दाबाद’, ‘मनुवादी यूपी पुलिस मुर्दाबाद’, ‘बलात्कारियों की रक्षा करना बंद करो’, ‘बलात्कारियों को बचाना बंद करो’, ‘उच्च जातीय ब्राह्मणवादी तंत्र मुर्दाबाद’, ‘पितृसत्ता मुर्दाबाद’, ‘मनुवाद पर हल्ला बोले, हल्ला बोलो, हल्ला बोलो’, ‘हाथरस गैंगरेप पीड़िता को न्याय दो’, ‘पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी दो, 2 करोड़ रुपये मुआवजा दो’, ‘गैंगरेप से इंकार करने वाले आईजी पियूश मोरिया को सस्पेंड करो’, ‘आधी रात को लाश जलाने का डीएम पर मुकदमा लिखो’, ‘गलत एफआईआर लिखने वाले एसओ को गिरफ्तार करो’, ‘अपराधियों की रक्षा करने वाले एसपी व डीएम को सस्पेंड करो’, भूमि सुधार लागू करो, दलितों पर उत्पीड़न बंद करो’, आदि।
महिलाओं ने इन मांगों का 11 सूत्रिए ज्ञापन मुख्य सचिव, उ0प्र0 के नाम उपजिलाधिकारी बारा श्री गौरव रंजन श्रीवास्तव को सौंपा।
सभा में भाग लेने वालों में गुलाब कली, आकृति, शबनम, विद्या निषाद, शांती, पार्वती, गुलबकली, शिवपति, शबनम, सुरसती, अनीता, शीला निषाद, सुषमा कुशवाहा, गीता पटेल, विद्या, सोनम भारतीय, उर्मिला , मंजू, मालती बिंद, रुकसाना बेगम ,महादेई आकृति सागर  तथा जय मूलनिवासी  की  सीमा यादव , संगीता भारतीय शालिनी भारतीय व अन्य शामिल थे। 
विरोध करने में बड़ी संख्या में एआईकेएमएस के कार्यकर्ता भी अपने झण्डे बैनरों के साथ शामिल रहे।


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