खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी संस्थान, तंजावुर में सुविधाओं का शुभारंभ व विकास कार्यों का शिलान्यास


खेती व गांव समृद्ध होने से हासिल होगा आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य- श्री तोमर



 

 

 केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण, कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायत राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को भारतीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी संस्थान (IIFPT), तंजावुर में नई सुविधाओं का शुभारंभ तथा विकास कार्यों का शिलान्यास किया। राज्यमंत्री श्री रामेश्वर तेली विशेष अतिथि थे। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि खेती व गांवों के समृद्ध होने से आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल होगा।


        तंजावुर का आईआईएफपीटी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के अधीनस्थ संस्थान है, जो खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित करता है। इसने भारत व विदेशों में भी औद्योगिक समुदाय के साथ मजबूत संबंध बनाए हैं। संस्थान ने अनुसंधान व शैक्षणिक गतिविधियों के विस्तार के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण हेतु 14.5 एकड़ भूमि खरीदी है, जहां बुनियादी ढांचे (अनुसंधान परिसर, गेस्ट हाउस, स्टाफ क्वार्टर, बॉयज़ हॉस्टल, ऑडिटोरियम व स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स) के लिए श्री तोमर ने शिलान्यास किया। साथ ही, श्री तोमर ने छात्रावास परिसर और खाद्य पेय व वर्जिन नारियल तेल प्रसंस्करण पायलट संयंत्र का उद्घाटन भी किया।


        इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि आईआईएफपीटी ने देश में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह संस्थान अनुसंधान प्रयोगशालाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि किसानों के बीच और समाज में भी सेवाएं दे रहा है। श्री तोमर ने कहा कि कृषि उत्पादन के लिए समृद्ध संसाधनों के साथ भारत कई खाद्य वस्तुओं के उत्पादन में वैश्विक रूप से उभर रहा है। भारतीय खाद्य उद्योग, वैश्विक विकास में मोर्चों के विस्तार की अपार संभावनाओं से मजबूत होते हुए बड़े पैमाने पर विकास के लिए पूरी तरह तैयार है। भारतीय खाद्य और किराना बाजार विश्व में छठां सबसे बड़ा क्षेत्र है और खुदरा क्षेत्र 70% बिक्री में योगदान देता है। देश के कुल खाद्य बाजार का 32% खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र है, जो इसे देश के सबसे बड़े उद्योगों में से एक बनाता है, वहीं उत्पादन, खपत, निर्यात और अपेक्षित विकास के मामले में 5वें स्थान पर है।


        श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में केंद्र सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण को प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में और आत्मनिर्भर भारत पहल में फोकस क्षेत्रों में से एक के रूप में पहचाना है। सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि कृषि क्षेत्र में तेजी से विकास हो तथा किसानों की आय दोगुनी करने में प्रमुख योगदान रहें। उन्होंने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था, अवसंरचना व्यवस्था, जनसांख्यिकी व मांग में योगदान के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।


        केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अनेक योजनाएं व कार्यक्रम शुरू किए हैं। बीस लाख करोड़ रू. के विशेष पैकेजों पर तेजी से अमल प्रारंभ करते हुए नीचे तक लाभ पहुंचाने का प्रयत्न किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र में नए कानून लाए गए हैं तथा पुराने कानून में आवश्यक सुधार के ऐतिहासिक उपाय केंद्र सरकार ने किए हैं। कृषि के क्षेत्र में मूल्य संवर्धन करने से ही आने वाले कल में किसान व खेती समृद्ध होगी, जिनसे गांव समृद्ध होंगे तो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने में हम सफल होंगे। नए रिफार्म्स खेती के साथ ही देश को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होंगे। कृषि क्षेत्र की बढ़ोत्तरी में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का बड़ा योगदान है, लेकिन इसमें निश्चित रूप से हमारे वैज्ञानिकों, छात्रों सहित अन्य सभी का योगदान भी आवश्यक है।


        विशेष अतिथि राज्यमंत्री श्री रामेश्वर तेली ने कहा कि देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र तेजी से उभरा है, जिससे बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से तैयारी की जा सकेगी। हमारी सरकार ने ऐसा वातावरण बनाया है, जिससे हमारे खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया जा सकें। उन्होंने संस्थान के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की, साथ ही किसानों व छात्रों की प्रगति अपने अनुसंधान के माध्यम से करने पर बधाई भी दी। श्री तेली ने कहा कि देश के संस्थानों में IIFPT द्वारा NIRF की 74वीं रैकिंग प्राप्त करना एक बड़ी उपलब्धि है।


        मंत्रालय की सचिव श्रीमती पुष्पा सुब्रह्मण्यम ने कहा कि नई सुविधाओं के विस्तार से संस्थान से जुड़े लोगों को सहूलियत होगी। यहां शत-प्रतिशत प्लेसमेंट होने से गौरव बढ़ा है। IIFPT के निदेशक डॉ. सी. आनंदरामकृष्णन ने स्वागत भाषण दिया। संयुक्त सचिव श्री मिन्हाज आलम ने आभार माना। कार्यक्रम में मंत्रालय व संस्थान के अधिकारी-कमर्चारी व विद्यार्थी उपस्थित थे। 


 


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