" लाल बहादुर शास्त्री जी"


आज दो अक्टूबर को जन्में भारत देश में दो लाल गांधी जी,लाल बहादुर शास्त्री दुनियां में सबसे ज्यादा महान आप दोनों को दंडवत प्रणाम।
           लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म दो अक्टूबर 
उन्नीस सौ चार को जन्म मुगल सराय में हुआ था उनके पिता शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माता राम दुलारी जी थीं अपने परिवार में सबसे छोटे थे
लाल बहादुर शास्त्री जी  भारत के दूसरे प्रधानमंत्री,
महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने अपने देश और अपने देशवासियों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। बचपन में ही पिता के देहांत के बाद मां इनके नाना के घर चली गयीं प्रर्थमिक शिक्षा मिर्जापुर में और आगे की विधा काशी विद्यापीठ में हुई। शास्त्री जी
संस्कृत भाषा में स्नातक की डिग्री हासिल की और
और शास्त्री उपाधि प्राप्त किए ।
           शास्त्री जी नेहरू जी बाद दूसरे प्रधानमंत्री      बने ,वो गांधी जी के असहयोग आंदोलन से हमेशा जुड़े रहे, अनेकों बार जेल भी गए ‌1951 में अखिल भारतीय कांग्रेस का महा सचीव नियुक्त किया गया।।
         उसके बाद नेहरू जी के मंत्री मंडल में गृहमंत्री
के तौर पर शामिल हुए।1952 में संसद में निर्वाचित होकर रेलवे व परिवहन मंत्री के रुप में निर्वाचित हुए।
 वो महिलाओं के मान सम्मान का बहुत ध्यान रखते थे उन्होंने ही पहली बार महिलाओं को बस में पहली बार
पहला कंडक्टर बनाये थे।,वो महिलाओं और पुरुषों को
बराबर का सम्मान देते थे।उनके अंदर दया की भावना भी बहुत थी उन्होंने  ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज की जगह  पानी का बौछार का इस्तेमाल शुरू करवाया था । शास्त्री जी ने ही
रेलवे में थर्डक्लास की शुरुआत की और थर्डक्लास
और फस्ट क्लास के किराए में काफि अंतर कर दिया।
जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बहुत 
राहत मिली थी । जय-जवान जय किसान का नारा भी शास्त्री जी ने ही दिया था।
             नेहरू जी के मृत्यु के पश्चात 9 जून 1964 को उनको दूसरा प्रधानमंत्री मनोनीत  किया गया ।
शास्त्री जी का शासन अद्वीतीय रहा ।वे सादगीपूर्ण और शांत स्वभाव वाले ब्यक्ति थे ,उन्हे 1966 में  देश के सर्वोच्च सम्मान "भारत रत्न"से सम्मानित किया गया।
      1965 की भारत पाकिस्तान की लड़ाई में देश
 को बहुत अच्छे से सम्भाले रहे और जवानों का भी
हौसला अफजाई करते रहे।
           शास्त्री जी जात पात के काफि खिलाफ थे 
उन्होंने अपना श्रीवास्तव सर नेम हटा कर अपनी शास्त्री उपाधि लगा ली,वो चाहते थे कि देश से जात पात का भेद भाव मिट जाये ।1964मेंजब वो प्रधानमंत्री बने उस समय देश उत्तरी अमेरिका पर अनाज के लिए आश्रीत था। उन्होंने अपने प्रथम संवाददाता सम्मेलन में कहा था
हमारी पहली प्राथमिकता खाद्य पदार्थ के बढ़ते हुए मुल्यों को रोकना है देश वासियों से भी एक दिन का उपवास रखने को कहा और जय-जवान जय किसान
का नारा दिया ।
       शास्त्री जी का विवाह1928 में  ललिता देवी जी से हुआ था ।उनकी दो बेटी  और चार बेटे थे। 
    शास्त्री जी की मृत्यु 11 जनवरी 1966  में हुआ था।
          जो शास्त्री जी ने देश के लिए किया वो आज तक दुनिया का कोई भी प्राधानमंत्री कोई भी लीडर नहीं कर पाया ,आज उनसे सीखने के उन्होंने ने हम सभी को 
अपार सफलता की सम्भावनायें दी हैं "लेसंस एंड लीडर शीप "इनकेइंसीडेंट का कम्पाईलेशन है। पवन चौधरी जी और उनके पुत्र अनिल शास्त्री जी के द्वरा दिखा गया है । शास्त्री जी के विषय में बखान करने के लिए शब्द कम पड़ जायेगा साथ में उनकी पत्नी ललिता शास्त्री जी भी बहुत महान पत्नी थीं। 


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