मालपुआ बनाना भी बहुत आसान है


मालपुआ बनाना भी बहुत आसान है। यह मा परंपरागत देसी मिठाई है, जो देश के लगभग हर हिस्से में खाई जाती है। इसमें चीनी का इस्तेमाल अधिक होता है, इसलिए यह गरिष्ठ मिठाई है। जिन्हें गरिष्ठ भोजन से परहेज है, वे इसे ज्यादा न खाएं। ___मालपुआ बनाने के लिए ढाई सौ ग्राम मैदा लें। करीब सौ ग्राम चीनी को पानी में घोलें और मैदे में मिला कर गाढा घोल तैयार करें। इस घोल को कम से कम चार घंटे के लिए रख दें। रात भर के लिए भी रख सकते हैं। पर ध्यान रखें कि फ्रिज में नहीं रखना है इसे। अब एक सपाट पेंदे वाली कड़ाही में कम से कम आधा लीटर तेल गरम करें। तेल गरम हो जाए तो कलछी से थोड़ा-थोड़ा घोल डालें, ताकि चपटे आकार के पतले पुए बन सकें। ज्यादा मोटे पुए बनेंगे, तो कच्चे रह जाएंगेइस तरह आसानी से पुए तैयार हो जाते हैं। अब बारी आती है, पुए की चाशनी कीमालपए की चाशनी दो तरह से बनाई जाती है। राजस्थान आदि में मालपुओं को चीनी की चाशनी में डुबोया खड़ी में भिगोया जाता है। चीनी की चाशनी तैयार करने के लिए पाव भर चीनी को पानी में घोल लें और तब तक गरम करते रहें चब तक कि वह एक तार गाढ़ा न हो जाए। इसकी जांच का तरीका है कि चाशनी की एक बूंद उंगली पर रखें और अंगूठे से छूते हुए देखें कि अंगुली और अंगूठे को अलग करने पर उनके बीच चीनी का तार-सा बन रहा है या नहीं। जब मालपुए बन जाएं तो इन्हें इस चाशनी में डाल दें। थोड़ी देर डूबा रहने के बाद इन्हें प्लेट में निकाल लें। अब इनके ऊपर बारीक कटे काजू और बादाम बुरक दें और खाने को परोसें। राबड़ी बनाने के लिए दूध को गरम करते हुए गाढ़ा करें। यह समय लेने वाला काम है। इस को अधिक गाढ़ा करने का आसान तरीका है कि जब दूध गरम होते-होते आधा रह जाए तो उसमें आधा डिब्बा मिल्कमेड मिला दें और थोड़ी देर चलाएं। दूध गाढ़ा हो जाए तो उसे मालपूओं के ऊपर डालें और उपर से मेवे बुरक कर फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें। इस तरह कैलोरी तो बढ़ती है, पर चीनी कम रहती है। रबड़ी वाले मालपुए ठंडा खाने में भी लजीज लगते हैं।


जनसत्ता से साभार


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,