निर्यातक इकाइयां 07 दिवसों की अवधि तक आवेदन-पत्र में हुई त्रुटियां स्वयं संशोधित कर सकेंगी -डा0 नवनीत सहगल

लखनऊ: दिनांकः 22.10.2020
       उत्तर प्रदेश सरकार ने विपणन विकास सहायता योजना एवं गेटवे पोर्ट तक निर्यात हेतु भेजे गये माल के भाड़े पर अनुदान योजना संबधी शासनादेश के संसुगत अंशों में आंशिक संशोधन किया है। निर्यातकों की सुविधा के लिए दावों के प्रेषण के लिए आॅनलाइन व्यवस्था सुनिश्चित की गई। निर्यातक इकाइयां आॅनलाइन आवेदन की तिथि से 07 दिवसों की अवधि तक आवेदन-पत्र में हुई त्रुटियां स्वयं संशोधित भी कर सकेंगी। इसके उपरान्त दावा जिला उद्योग केन्द्र के पोर्टल पर प्रदर्शित होने लगेगा। उपायुक्त उद्योग द्वारा दावों के पोर्टल पर प्रदर्शित होने क तिथि से 21 दिवस की अवधि में पूर्ण पाये गये दावों का परीक्षण कर संस्तुति सहित निर्यात प्रोत्साहन ब्योरो को अग्रसारित किया जायेगा।
      यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन डा0 नवनीत सहगल ने दी। उन्होंने बताया कि नये नियम के अनुसार निर्यातक इकाइयों को कार्य सम्पादन की तिथि से अधिकत्म 120 दिनों के अंदर दावा आॅनलाइन फाइल करना होगा। मेला प्रदर्शनी श्रेणी में इस अवधि की गणना मेला समाप्त होने की तिथि से होगी। उन्होंने बताया कि नमूने प्रेषण श्रेणी में 120 दिन की अवधि की गणना दावे में सम्मिलित किये गये नमूनों में से अंतिम नमूने के प्रेषण एवं तत्संबंधी निर्गत की गई इन्वाइस की तिथि से की जायेगी। इसी प्रकार प्रचार-प्रसार श्रेणी के दावों में अवधि की गणना केटलाग प्रिंटिंग संबंधित निर्गत इन्वाइस की तिथि/वेबसाइट डेवलपमेंट की तिथि से होगी।
      अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अपूर्ण पाये गये दावों की स्थिति में उपायुक्त द्वारा पोर्टल पर दावे की अपूर्णता एवं उसका विवरण अंकित किया जायेगा। पहले दावा अपूर्ण होने पर ई-मेल, दूरभाष अथवा पत्र के माध्यम से इकाई को सूचित करने की व्यवस्था थी। उन्होंने बताया कि अपूर्ण दावों से संबंधित अभिलेख निर्यातक इकाइयों को 15 दिवसंों में अपलोड करना होगा। अन्यथा दावा स्वतः निरस्त हो जायेगा। उन्होंने बताया कि उपायुक्त उद्योग द्वारा अग्रसारित दावों पर निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो द्वारा 15 दिवस में दावे को आॅनलाइन प्राप्त किया जायेगा। निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो द्वारा दावे को आॅनलाइन प्राप्त करने पर दावा एजेण्डे में सम्मिलित हो जायेगा, जिसे योजनान्तर्गत गठित समिति की बैठक में विचारार्थ प्रस्तुत करना होगा।


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