प्रदेश के चार जिलों में बनेगा ’’फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स’’
डा0 सहगल ने दिये ’’फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स’’ की विस्तृत रूपरेखा तैयार कर तत्काल भारत सरकार को प्रेषित करने के निर्देश
क्लस्टर के विचाराधीन प्रकरण को यथाशीघ्र निस्तारित कराते भारत सरकार से अंशदान प्राप्त करने की कार्यवाही जल्द सुनिश्चित करें-अपर मुख्य सचिव
लखनऊ:01अक्टूबर, 2020
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश के चार जिलों गोरखपुर, गाजियाबाद, आगरा तथा लखनऊ में ’’फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स’’ बनाया जायेगा। आगरा में बनने वाले काम्पलेक्स की रूप रेखा पहले ही तैयार की जा चुकी है। उन्होंने अधिकारियों को अन्य तीनों जनपदों में स्थापित होने वाले ’’फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स’’ की विस्तृत रूपरेखा तैयार करके तत्काल भारत सरकार को प्रेषित करने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि एक जिला-एक उत्पाद (ओ0डी0ओ0पी0) योजना के तहत क्लस्टर के विचाराधीन प्रकरण को यथाशीघ्र निस्तारित कराते हुए कलस्टर निर्माण हेतु भारत सरकार से अंशदान प्राप्त करने की कार्यवाही जल्द से जल्द सुनिश्चित की जाय।
डा0 सहगल आज लोकभवन में एम0एस0ई0-सी0डी0पी0 के तहत आयोजित राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनपद संतकबीर नगर में ब्रासवेयर, गोरखपुर में टेराकोटा/पाटरी, सोनभद्र में कारपेट एवं दरी तथा अलीगढ़ में बाल बियरिंग स्लाइड चैनल एण्ड अदर माॅडुलर फिटिंग एण्ड फिक्चर क्लस्टर का कार्य शीघ्र शुरू कराया जाय। उन्होंने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 के तहत स्थापित होने वाले क्लस्टर के कार्य को तीव्र गति देने के लिए ई0वाई0 जैसे प्रोफेशनल कंपनियों की सेवाएं प्राप्त की जा रही हैं। इनके कंस्लटेंट प्रोजेक्ट की कमियों को दूर करने में उद्यमियांे की मदद कर रहे हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव ने एम0एस0ई0-सी0डी0पी0 के अवसंरचना विकास योजना के अन्तर्गत नये प्रस्तावों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश के 07 औद्योगिक आस्थानों में मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ बनान हेतु स्वीकृति प्रस्तावों पर सहमति प्रदान की। इनमें तालकटोरा लखनऊ, सराय मलुही एवं खेराबाद सीतापुर, सिद्धिकपुर जौनपुर, नैनी प्रयागराज, झीझंक कानपुर देहात तथा ठण्डी सड़क फरूर्खाबाद के औद्योगिक आस्थान शामिल हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी औद्योगिक आस्थानों में सड़क, नाली आदि गुणवत्तायुक्त कार्य होना चाहिए। जिन औद्योगिक आस्थानों में इकाइयां अभी शुरू नहीं हुई उनको शीघ्र शुरू कराने के प्रयास किये जायं। इसके अलावा उन्होंने पूर्व की बैठक में प्रस्तुत किये गये प्रस्तावों के प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा की।
बैठक में उद्योग विभाग के अधिकारियों सहित एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारी शामिल थे।