प्रयागराज के कोरांव ग्राम पंचायत भवानीपुर में मनमाने तरीके से हो रहे कार्य,योगी राज में भी किया जा रहा भ्रष्टाचार शिकायत किए जाने के बाद दी जा रही धमकियां

प्रयागराज के कोरांव तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत भवानीपुर में मनमाने तरीके से मानक के विपरीत घटिया किस का कार्य बिना किसी प्रस्ताव के किया जा रहा है। जिसके संबंध में एंटी करप्शन कमेटी एलियंस भ्रष्टाचार निर्मूलन समिति प्रयागराज के बीरेन्द्र कुमार मिश्र निवासी ग्राम व ग्राम पंचायत भवानीपुर, थाना व तहसील कोराव, जनपद प्रयागराज के द्वारा ग्राम पंचायत के विकास कार्य को लेकर शिकायती शपथ पत्र दिनांक 28 सितंबर 2020 को लोकपाल मनरेगा प्रयागराज मंडल प्रयागराज ओम प्रकाश सिंह को जांच कार्यवाही के लिए दिया गया, जिसके संबंध में लोकपाल मनरेगा के कार्यालय के पत्रांक संख्या-31 दिनांक 28 सितंबर 2020 को पत्र जारी कर जांच कार्यवाही के लिए खंड विकास अधिकारी कोरांव के पास भेजा गया जिसमें जांच दिनांक 3 अक्टूबर 2020 को किया जाना निश्चित किया गया। लोकपाल मनरेगा प्रयागराज मंडल प्रयागराज ओम प्रकाश सिंह दिनांक 3 अक्टूबर 2020 को ग्राम पंचायत भवानीपुर में जांच करने आए जहां पर ग्राम प्रधान संतोष कुमार, रोजगार सेवक अमित कुमार सिंह, तथा पंचायत सचिव राजीव मिश्रा उपस्थित थे।


राजीव मिश्रा अपने निजी गाड़ी से जांच स्थल पर आए जिसका गाड़ी नंबर-UP70CW9622 है जिसके प्लेट नंबर पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखा हुआ देखा गया है जब पंचायत सचिव राजीव मिश्रा से पूछा गया कि आप उत्तर प्रदेश सरकार प्लेट नंबर में क्यों लिखाए हैं तब राजीव मिश्रा ने जवाब दिया कि यह मेरा अधिकार है।जांच अधिकारी जब जांच करना शुरू किये तो देखा गया कि ग्राम प्रधान संतोष कुमार अपने निजी स्वार्थ के लिए गांव के आखिरी में अपने घर के पास बिना किसी प्रस्ताव के वार्ड सदस्यगण,मतदातागण की चोरी में पंचायत भवन बनवाया जा रहा है जहां पर घटिया किस्म की बालू,ईंट,सीमेंट, से कार्य करवाया जा रहा है जो कि मानक के विपरीत है, इसी तरह से बिना किसी प्रस्ताव के वार्ड सदस्यगण, मतदातागण की चोरी में सार्वजनिक शौचालय भी ग्राम प्रधान अपने घर के पास में बनवा रहे हैं जहां पर घटिया किस्म के ईट बालू सीमेंट से कार्य करवाया जा रहा है जो मानक के विपरीत है।



ग्राम पंचायत भवानीपुर में जो इंटर लॉकिंग का कार्य करवाया गया है वह भी घटिया किस्म का कार्य करवाया जा रहा है जोकि मानक के विपरीत है। जबकि ग्राम पंचायत भवानीपुर लगभग 1 वर्ष पहले ओडीएफ हो चुका था उसके बाद भी लगभग 30 शौचालय बनवाए गए हैं ग्राम प्रधान ने ठेकेदारी स्तर से अपने लोगों का शौचालय बनवाए हैं जिन शौचालय लाभार्थियों को पैसे मिले थे वह बनवा लिए, परंतु ग्राम प्रधान के द्वारा ठेकेदारी अस्तर से आधा अधूरा शौचालय बनवाया गया है जोकि बिल्कुल ही गलत है शौचालय लाभार्थियों का पूरा पैसा निकाल लिया गया परंतु शौचालय आज तक दुरुस्त नहीं करवाया गया है साथ ही साथ ग्राम प्रधान अपने निजी लाभ के लिए अपने घर के पास में दो प्रदेश करवाए हैं। ग्राम पंचायत भवानीपुर के पैसे से ग्राम प्रधान संतोष कुमार ने ग्राम पंचायत मानपुर के मजरा जियापुर में मेन रोड से रामदास मिश्रा के घर तक इंटरलॉकिंग का कार्य करवाएं हैं जोकि अत्यंत ही गलत है।जहां पर गांव के काफी लोग एकत्रित थे लोगों ने अपनी विपदा बताएं जिस पर जांच अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि आप लोगों के साथ न्याय होगा। जांच अधिकारी से जब बीरेन्द्र कुमार मिश्र ने पूछा कि आज दिनांक 3 अक्टूबर 2020 को आप ग्राम पंचायत भवानीपुर में जांच करने आए आप जांच अस्थल को देखें इसके संबंध में आप जानकारी देना चाहेंगे तब जांच अधिकारी ने आश्वासन दिया कि ऐसे भ्रष्ट ग्राम प्रधान पंचायत सचिव रोजगार सेवक के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी। जबकि ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव,रोजगार सेवक ग्राम पंचायत भवानीपुर के विरुद्ध आवास लाभार्थियों से धन उगाही के कारण दिनांक-12 अक्टूबर 2017 को थाना कोरांव में अपराध संख्या- 469 वर्ष 2017 धारा 406,409 आई0पी0सी0 व 7,13 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। जिस के संबंध में  उच्च न्यायालय द्वारा जमानत खारिज कर दी गई थी, उसके बाद भी खाता सीज नहीं किया गया था जो कि भ्रष्टाचार में संलिप्तता का द्योतक प्रमाण है।बीरेन्द्र कुमार मिश्र व उनके परिजनों को ग्राम प्रधान संतोष कुमार ग्राम पंचायत भवानीपुर व उनके सहयोगी के द्वारा धमकियां दी जा रही है कि मेरे खिलाफ में कार्यवाही यदि की गई तो मैं तुम्हें जान से मार दूंगा। जिससे बीरेन्द्र कुमार मिश्र व उनका परिवार काफी चिंतित व परेशान है,बीरेन्द्र कुमार मिश्र बताया कि मेरे व मेरे परिवार वालों के साथ मे यदि कोई घटना घटती है तो उसके जिम्मेदार ग्राम भवानीपुर प्रधान संतोष कुमार व उनके सहयोग की होगी।




पंचायत सचिव राजीव मिश्रा से उनका पक्ष जानने के लिए अनेक बार फोन किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका है। लोकधन को अपनी जागीर समझने बाले लोगों को चाहे वह प्रधान हो या पंचायत सचिव की जांच के साथ उनकी समृद्धि की भी जांच होना चाहिए कि प्रधान या पंचायत सचिव बनने के पहले कितनी समपत्ति थी अब कितनी है?


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