"सब ठीक है"


उच्च पद पर आसीन महोदय के लिए आज का दिन कुछ खास था क्योंकि उन्हें सभा को संबोधित करना था। सुबह से सभी को अपना भाषण सुना-सुना कर बार-बार पूछ रहे थे सब ठीक है न। कार में बैठते ही ड्राइवर को हिदायत दे दी कि, आज कार बिल्कुल नहीं रुकनी चाहिए। थोड़ी दूर पहुंचते ही ड्राइवर को कार रोकता देख झल्ला उठे "तुम्हें मना किया था न।"
"सर रेड सिग्नल है।"
"आज कोई सिग्नल नहीं, तुम आगे बढ़ो।" जैसे ही रेड सिग्नल पर कार बढ़ी ट्रैफिक पुलिस ने कार रोक कर ड्राइवर को बाहर आने के लिए कहा। महोदय ने कार का कांच नीचे कर कहा "मुझे गणतंत्र दिवस की सभा को संबोधित करने जाना है आप इस तरह कार नहीं रोक सकते।"
"आपने ट्रैफिक के नियमों को तोड़ा है आपको इसका जुर्माना भरना होगा।"
" आप हमारी तोहीन कर रहे हैं हम कोई जुर्माना नहीं देंगे।"
यह हमारा भारत देश है।यहां लोकतंत्र है कोई तानाशाही नहीं । इसलिए
" इसका निर्णय आप कीजिए की सभा में सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुई इस घटना का वीडियो चलाना है या आपको सभा को संबोधित करना है।" उन महोदय के पैरों तले जमीन खिसक गई । हड़बड़ा कर चुपचाप जुर्माना भर आगे बढ़ गए। बगल में बैठे उनके सहकर्मी ने कहा "हां अब सब ठीक है।"


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