सहकारिता द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं हेतु 10,000 करोड़ रुपए की आयुष्मान सहकार योजना का शुभारम्भ - पुरषोत्तम रुपाला

लखनऊ 19 अक्टूबर,2020
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत शीर्ष स्वायत्त विकास वित्त संस्थान राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने सहकारी समितियों द्वारा देश में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए एक अनूठी योजना तैयार की है। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री, श्री पुरषोत्तम रूपाला जी द्वारा आज 19 अक्टूबर 2020 को आयुष्मान सहकार योजना का शुभारम्भ किया गया । श्री रूपाला द्वारा यह घोषणा की गयी कि आने वाले वर्षों में एनसीडीसी 10000 करोड़ रूपये तक के आवधिक ऋण मुहैया कराएगा। उन्होनें यह भी कहा कि देश में चल रही महामारी ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए तत्काल आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित किया है। केंद्र सरकार द्वारा किए जाने वाले किसान कल्याण क्रियाकलापों  को मजबूत करने की दिशा में यह योजना सहायक होगी । श्री रूपाला ने कहा कि आयुष्मान सहकार योजना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। उन्होंने मौजूदा सहकारी समितियों को किसानों के लिए एक गतिविधि के रूप में स्वास्थ्य सेवा लेने का आह्वान किया।
     यह जानकारी सहकारिता विभाग की विशेष सचिव सहकारिता सुश्री संदीप कौर ने देते हुए बताया कि प्रदेश में इस योजना को लागू होने से सहकारिता के क्षेत्र में यह एक नया आविष्कार होगा। इस योजना के लाॅच अवसर पर प्रदेश के एन.सी.डी.सी. के क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ से श्री सुधाॅसु शर्मा भी जूम के माध्यम से जुडे रहे। विशेष सचिव सुश्री कौर ने बताया कि श्री संदीप कुमार नायक, एमडी, एनसीडीसी ने यह कहा कि देश में 52 के करीब अस्पताल सहकारी समितियों द्वारा इनकी संचयी शैय्या क्षमता 5,000 से अधिक है। एनसीडीसी योजना सहकारिता द्वारा स्वास्थ्य देखभाल सेवा के प्रावधान को मजबूती प्रदान करेगी।
    सुश्री कौर ने बताया कि श्री संदीप कुमार नायक एमडी द्वारा बताया गया कि एनसीडीसी की योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही अपने सभी आयामों में स्वास्थ्य प्रणालियों को आकार देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य में निवेश, स्वास्थ्य सेवाओं के संगठन, प्रौद्योगिकियों तक पहुंच, मानव संसाधन का विकास करने, चिकित्सा बहुलवाद को प्रोत्साहित करने, किसानों को सस्ती स्वास्थ्य देखभाल इत्यादि को सम्मिलित करती है । इसका स्वरूप- अस्पतालों, स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा, नर्सिंग शिक्षा, पैरामेडिकल शिक्षा, स्वास्थ्य बीमा एवं समग्र स्वास्थ्य प्रणालियों जैसे आयुष के साथ व्यापक है । आयुष्मान सहकार योजना सहकारी अस्पतालों को मेडिकल, आयुष शिक्षा में भी वित्त पोषण करेगी। माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 15 अगस्त 2020 को शुभारंभ किए गए राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के क्रम में एनसीडीसी की आयुष्मान सहकार योजना ग्रामीण क्षेत्रों में परिवर्तन लाएगी । ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सशक्त उपस्थिति के चलते, योजना का फायदा उठाने वाली सहकारिता व्यापक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में क्रांति लाएंगी। कोई भी सहकारी समिति जिसके उपनियमों में स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित गतिविधियाँ संचालित करने के उपयुक्त प्रावधान हैं, एनसीडीसी योजना से राशि प्राप्त कर सकेगी। एनसीडीसी सहायता राज्य सरकारों, केंद्र शासित क्षेत्रों के प्रशासनों के माध्यम से या योग्य सहकारिताओं को प्रत्यक्ष रूप से प्रदान की जाएगी।
सुश्री कौर ने बताया कि श्री संदीप कुमार नायम एमडी द्वारा बताया गया कि आयुष्मान सहकार में अस्पताल के निर्माण, आधुनिकीकरण, विस्तार, मरम्मत, नवीकरण, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के बुनियादी ढांचे के साथ इनको सम्मिलित किया गया है। जिसमें अस्पताल और मेडिकल, आयुष, दंत चिकित्सा, नर्सिंग , फार्मेसी , पैरामेडिकल , फिजियोथेरेपी कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम चलाने के लिए, योग कल्याण केंद्र, आयुर्वेद, एलोपैथी, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी अन्य पारंपरिक चिकित्सा स्वास्थ्य केंद्र बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य देखभाल सेवाए, विकलांग व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ, आपातकालीन चिकित्सा सेवाएँ और आघात केंद्र, फिजियोथेरेपी सेंटर, मोबाइल क्लिनिक सेवाएँ, हेल्थ क्लब और जिम, आयुष फार्मास्युटिकल विनिर्माण, औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, डेंटल केयर सेंटर, नेत्र देखभाल केंद्र, प्रयोगशाला सेवाएं, डायग्नोस्टिक्स (निदान) सेवाएं, ब्लड बैंक एवं रक्ताधान सेवाएं, पंचकर्म/थोक्कनम/क्षार सूत्र चिकित्सा केंद्र, यूनानी चिकित्सा पद्धति (इलाज बिल तदबीर) की रेजिमेंटल थेरेपी, मातृ एवं शिशु देखभाल सेवाएँ, प्रजनन और बाल स्वास्थ्य सेवाएं, किसी भी अन्य संबंधित केंद्र या सेवाओं को एनसीडीसी द्वारा सहायता के लिए उपयुक्त माना जा सकता है, टेलीमेडिसिन और दूरस्थ सहायक चिकित्सा प्रक्रिया, रसद स्वास्थ्य, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा, डिजिटल स्वास्थ्य से संबंधित सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आई.आर.डी.ए.) द्वारा मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य बीमा है।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,