टाइगर रिजर्व से जनमानस को जोड़ने के उद्देश्य से आगामी 01 नवम्बर से शुरू होगा पर्यटन सत्र-2020 श्री दारा सिंह चैहान पर्यटन सत्र-2020 का आॅनलाइन करेंगे उद्घाटन

 लखनऊ 30 अक्टूबर 2020
 प्रदेश में स्थित टाइगर रिजर्व से जनमानस को जोड़ने एवं प्रकृति की व्यावहारिक जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आगामी 01 नवम्बर से पर्यटन सत्र-2020 शुरू किया जायेगा। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री दारा सिंह चैहान द्वारा प्रदेश में पर्यटन सत्र-2020 प्रारम्भ करने हेतु दुधवा टाईगर रिजर्व एवं पीलीभीत टाईगर रिजर्व में अपराह्न 12ः00 बजे से 01ः00 बजे के मध्य पर्यटन सत्र-2020 का आॅनलाइन उद्घाटन किया जायेगा।
यह जानकारी मुख्य वन संरक्षक श्री मुकेश कुमार ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पूर्व में पर्यटन सत्र 15 नवम्बर से आरम्भ हुआ करता था, परन्तु कतिपय स्रोतों से यह अनुरोध प्राप्त होने पर कि जिस प्रकार अन्य प्रदेशों में टाइगर रिजर्व 15 अक्टूबर से खोल दिये जाते है, उसी प्रकार उत्तर प्रदेश के टाइगर रिजर्वो को भी खोला जाये। इस पर सम्यक विचारोपरान्त प्रदेश सरकार द्वारा दुधवा व पीलीभीत टाइगर रिजर्व को दिनांक 01-11-2020 से पर्यटकों के भ्रमण हेतु खोले जाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए ईको पर्यटन से जुड़ने वाले लोगों की तादाद बढ़ रही है एवं लोग पर्यावरण को लेकर संवेदनशील हो रहे हैं। साथ ही वन एवं वन्य जीव के संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता भी आ रही है।
श्री मुकेश कुमार ने बताया कि ईको पर्यटन की मंशा भी यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग वन एवं वन्य जीव संरक्षण के अभियान से जुडं़े एवं सरकारी तंत्र को सहयोग पहुॅचायंे। ऐसे सुधिजनों की लम्बे समय से चल रही मांग आज पूरी हो रही है। उन्होंने बताया कि यह ऐसा संक्रमणशील वर्ष है, जिसमें पूरा विश्व कोविड-19 जैसी महामारी से जूझ रहा है। इसी कारण पिछला सत्र 18 मार्च को निर्धारित अवधि से पूर्व ही बन्द करना पड़ा था। भारत सरकार एवं राज्य सरकार के स्तर से समय-समय पर निर्गत दिशा-निर्देशों के आलोक में इस पर्यटन सत्र में पर्यटकों से अतिरिक्त सावधानियाॅ बरती जायेगी। पर्यटन सत्र के दौरान मास्क



लगाने, सामाजिक दूरी बनाये रखने एवं समय-समय पर सेनेटाइजेशन प्रक्रिया अपनाने की अपेक्षा की गई है।
मुख्य संरक्षक के अनुसार प्रदेश में 02 टाइगर रिजर्व विद्यमान हंै। दुधवा टाइगर रिजर्व वर्ष 1988 से स्थापित है, जबकि पीलीभीत टाइगर रिजर्व वर्ष 2014 में अस्तित्व में आया है। उन्होंने बताया कि वन्य जीव संरक्षण की हमारे राज्य में पूर्व से ही गौरवशाली परम्परा रही है। आज भी देश ही नहीं पूरे विश्व में दुधवा एवं पीलीभीत के साल वनों की ख्याति है। जैव विविधता के मामले में भी दोनों ही टाइगर रिजर्वो में प्रचुरता दर्शित होती रही है। दुधवा जहाॅ बाघ, तेन्दुआ, भेड़िया, हाथी, गैण्डा एवं भालू की आश्रय स्थली रहा है, वहीं यहाॅ पर बारहसिंघा का अनूठा प्राकृत्वास है।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,