महिला कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आयोजित होगा कल ‘‘शक्ति-चैम्पियन‘‘ का कार्यक्रम


ग्राम, ब्लॉक तथा जनपद स्तर पर वितरित होंगे ‘‘शक्ति चैम्पियन‘‘
के पहचान-पत्र-बैच

लखनऊ: दिनांक 26 नवम्बर, 2020

निदेशक महिला कल्याण श्री मनोज कुमार राय ने बताया कि मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत कल 27 नवम्बर 2020 को महिला कल्याण तथा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा ‘‘शक्ति-चैम्पियन‘‘ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत ग्राम, ब्लॉक तथा जनपद स्तर से जनसामान्य में से ऐसे महिला/ पुरूषों/बच्चों/अन्य जो महिलाओं तथा बच्चों के सुरक्षा, संरक्षण, व हिंसा पर रोकथाम हेतु विभाग को सहयोग करने वालो को ‘‘शक्ति चैम्पियनस‘‘ के रूप में चिन्हाकित किया जायेगा तथा पहचान-पत्र/बैच आदि का वितरण किया जायेगा। श्री राय ने ‘‘शक्ति चैम्पियनस‘‘ की भूमिका तथा दायित्व के बारे में आज यहां बताया कि किसी भी महिला, पुरुष, बालक, बालिका या थर्ड जेंडर के द्वारा ‘‘शक्ति चैम्पियन‘‘ की भूमिका एवं दायित्वों का निर्वहन किया जा सकता है। शक्ति चैम्पियन की भूमिका के तहत ग्राम या वार्ड में महिलाओं एवं बच्चों के अधिकारों/कानूनों/मुद्दों पर जागरूक करना, विभिन्न ग्राम सभा/मोहल्ला समिति की बैठक में प्रतिभाग करते हुये नियमित बैठक के आयोजन के लिए निरन्तर पैरवी की जा सकती है। बैठकों में पुलिस के प्रतिनिधित्व हेतु पैरवी करना, महिलाओं तथा बच्चों से संबंधित मुदद्ों को बैठकों में चर्चा का विषय बनाना, ग्राम स्तर पर पहले से ही गठित मंगल दल का अभिमुखीकरण करते हुए उनके द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के प्रति होने वाली हिंसा की रिपोर्टिंग हेतु पैरवी हो सकती है।
निदेशक के अनुसार मंगल दल एवं ग्राम समिति बाल विवाह, बाल श्रम, घरेलू हिंसा, बाल/महिला यौन हिंसा, बाल/महिला शोषण आदि को रोकने में अहम भूमिका निभा सकते हैं, 1090 वूमन पॉवर लाइन, 1098 चाइल्ड लाइन, 108 एम्बुलेंस सेवा, 102 स्वास्थ्य सेवा, 112 इंटीग्रेटेड हेल्प लाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, 181 महिला हेल्प लाइन का प्रचार प्रसार करना होगा। घरेलू हिंसा, दहेज शोषण, शारीरिक और मानसिक शोषण, बाल विवाह, बाल श्रम, भिक्षावृति, यौनिक हिंसा तथा छेड़छाड़ के विरोध/निगरानी करना/संबंधित हेल्प लाइन और पुलिस को रिपोर्ट करना, संबंधित पुलिस थाने/चैकी के पुलिस अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से महिला एवं बाल शोषण के रोकथाम के लिए संवाद के साथ-साथ जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पंचायत भवन, नगर निगम, सामुदायिक भवन, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, विभिन्न प्रकार के सरकारी भवन, स्कूल जैसे प्रमुख जगहों पर महिला एवं बाल सुरक्षा के मुद्दों पर जिला प्रशासन, महिला कल्याण विभाग, पुलिस विभाग के सहयोग से पोस्टर, बैनर, दीवार लेखन इत्यादि जागरुकता व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सहयोग देना, तहसील दिवस में प्रतिभाग करना और समस्त अधिकारियों को महिलाओं तथा बच्चों के मुद्दों से अवगत कराने में कार्यक्रम किए जा सकते हैं।
श्री राय ने बताया कि ‘‘शक्ति चैम्पियन‘‘ के रूप में ग्राम या वार्ड में  असुरक्षित स्थानों की मैपिंग कर संबंधित विभागों/अधिकारियों से पैरवी कर समाधान उपलब्ध कराना होगा, जिसमें विद्यालय के पास शराब की दुकान, विद्यालय के समय आस-पास असामाजिक तत्वों का इकठ्ठा होना, किसी घर में महिला या बच्चों के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा होना, आने-जाने वाले रास्ते में लाइट नहीं होने के कारण अंधेरे में असुरक्षित माहौल, विद्यालय में बाउंड्रीवाल/शौचालय/भेदभाव रहित वातावरण न होना,  तथा घरों में शौचालय न होने के बारे में अवगत कराना होगा।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,