राज्यपाल ने कोविड मरीजों की चिकित्सा में सराहनीय कार्य करने वाले तीन मेडिकल कालेज को सम्मानित किया

लखनऊ: 5 नवम्बर, 2020 



उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आयोजित आज राजभवन में लखनऊ स्थित कोविड अस्पताल घोषित निजी मेडिकल कालेजों की एक बैठक हुई, जिसमें मेडिकल कालेजों की समस्याओं पर चर्चा की गयी।
राज्यपाल ने कोविड मरीजों की देखभाल में सराहनीय कार्य करने के लिए मेडिकल कालेजों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब किसी को इस बीमारी के विषय में ज्यादा कुछ पता नहीं था कि इससे किस तरह से निपटना है तो ऐसी विषम परिस्थिति में सरकार के सहयोग से यहां के चिकित्सकों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कोविड मरीजों की उचित देखभाल एवं सेवा की है तथा यह उसी का परिणाम है कि यहां मरीजों की मृत्यु दर काफी कम रही। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना जैसी गम्भीर बीमारी खत्म नहीं हुई है, आप सभी को आगे भी इससे निपटने के लिये तैयार रहना होगा, क्योंकि कहीं-कहीं कोरोना मरीजों की संख्या पुनः बढ़ रही है। 
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने मेडिकल कालेजों में रिसर्च वर्क पर ज्यादा बल देते हुए कहा कि मेडिकल छात्रों को गम्भीर विषयों पर शोध करना चाहिए ताकि उनके शोध का लाभ पूरी मानवता को मिले। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी गम्भीर अनुसंधान कार्य पर विशेष बल दिया गया है। शुल्क वृद्धि के संबंध में राज्यपाल ने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई काफी खर्चीली है। यहां गरीब एवं मध्यम वर्ग के बच्चे भी मेडिकल की पढ़ाई करने आते हैं, ऐसे में इनकी आर्थिक स्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि ये बच्चे शुल्क वृद्धि को कैसे दे पायेंगे। मेडिकल कालेजों को सरकार के साथ बैठकर एक बीच का रास्ता निकालना चाहिए जिससे कालेजों की भी समस्या दूर हो और अभिभावकों पर ज्यादा भार न पड़े। आपस में मिल-बैठकर चर्चा करने से हर समस्या का समाधान निकल सकता है। 
राज्यपाल ने एरा मेडिकल कालेज द्वारा विकसित कम्प्यूटर एडेड रिवीजन एण्ड इवैल्यूएशन (ब्।त्म्) ऐप को निःशुल्क उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर कहा कि इसे अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय को उपलब्ध करायें जो अन्य मेडिकल कालेजों को उपलब्ध करायेगा। इस ऐप के माध्यम से छात्र दिन-प्रतिदिन पढ़ाई जाने वाली विषय वस्तु को आसानी से रिवीजन कर सकते हैं। उन्होंने इंटीग्रल मेडिकल कालेज के देयों का भुगतान यथाशीघ्र करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने कहा कि मेडिकल कालेजों के लिए सरकार द्वारा जो ह्वाटसग्रुप बनाया गया है, उसमें अपनी समस्याओं को दर्ज करायें, जिससे उनका निराकरण यथाशीघ्र हो सके। राज्यपाल ने प्रसाद इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ को शीघ्र फैकल्टी पूरा कर शिक्षण कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दुःख की बात है कि निजी मेडिकल कालेज मान्यता मिल जाने के बाद बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान कम तथा बचत पर ध्यान ज्यादा होता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। 
क्षय रोग से उत्तर प्रदेश को वर्ष 2025 तक मुक्ति दिलाने की दिशा में राज्यपाल ने मेडिकल कालेजों को 15-15 टी0बी0 रोग से ग्रस्त बच्चों को गोद लेकर देखभाल करने का दिया जिसे इन कालेजों ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। राज्यपाल ने कोविड मरीजों की चिकित्सा में सराहनीय कार्य करने वाले एरा मेडिकल कालेज, टी0एस0 मिश्रा मेडिकल कालेज और इंटीग्रल इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।
बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री महेश कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, लखनऊ के जिलाधिकारी श्री अभिषेक प्रकाश, राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी श्री केयूर सम्पत, अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 ए0के0 सिंह, डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति प्रो0 रवि शंकर सिंह के साथ ही प्रसाद इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज, एरा मेडिकल कालेज एण्ड हास्पिटल, इंटीग्रल इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज तथा टी0एस0 मिश्रा मेडिकल साइंसेज, लखनऊ के चैयरमैन एवं प्राचार्य भी उपस्थित थे। 


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