उसने कहा
उसने कहा
बदमाश बनो
दुनिया ने बनने दिया ।
उसने फिर कहा
मक्कारी करो
दुनिया ने नही रोका ।
उसने नारा दिया
भ्र ष्ट बनो मस्त रहो
दुनिया झुकने लगी ।
उसने समझाया
सात पीढ़ियों की खातिर कमाओ
लोगो की नज़रों में
दुनियादार बन बैठा ।
उसने उकसाया
जिसकी लाठी उसकी भैंस
दुनिया जय - जयकार करने लगी
उसने उपदेश दिया
आदमी बनो
दुनिया ने नकार दिया ।
-विश्वनाथ कदम