फाइलेरिया से बचाएगी आइवर मैक्टिन दवा 0 जनवरी से शुरू होने वाले अभियान में शामिल होगी नई दवा

स्वस्थ व्यक्ति के साथ ही मरीज को भी दी जा सकेगी यह दवा हमीरपुर, 28 दिसंबर 2020 फाइलेरिया उन्मूलन पर प्रभावी रोकथाम के लिए जनवरी माह से शुरू होने वाले अभियान में आइवर मैक्टिन दवा को शामिल किया जाएगा। यह टेबलेट फाइलेरिया की रोकथाम में प्रभावकारी है। इतना ही नहीं जिन लोगों को फाइलेरिया की शिकायत हो चुकी है, उन्हें भी इस दवा का सेवन कराया जाएगा ताकि उनकी वजह से फाइलेरिया का संक्रमण किसी दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में न होने पाए। जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि जनवरी माह में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर अभियान प्रस्तावित है। इसकी तैयारियां भी चल रही हैं। हर वर्ष अभियान के दौरान घर-घर जाकर लोगों को डीईसी और एल्बेंडाजॉल की टेबलेट खिलाई जाती है। इस बार इन दोनों दवाओं के अलावा फाइलेरिया की रोकथाम में प्रभावकारी आइवर मैक्टिन टेबलेट भी लोगों को खिलाई जाएगी। इस टेबलेट को स्वस्थ और फाइलेरिया ग्रसित दोनों को खिलाया जाएगा। इसकी खासियत यह है कि इस टेबलेट का लगातार पांच साल अभियान के दौरान सेवन करने से फाइलेरिया की संभावना नहीं रहती है और जिन्हें हो चुका है, उनसे किसी दूसरे को संक्रमण का खतरा नहीं रहता है। कैसे होता है फाइलेरिया फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है, जो गंदे पानी में पनपता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को अगर फाइलेरिया का मच्छर काट लेता है तो इसका प्रभाव दस से पंद्रह सालों में फाइलेरिया के रूप में उभरकर सामने आ सकता है। लगातार दवा का सेवन करने से फाइलेरिया से बचा जा सकता है। तीन से पांच साल के कोर्स से फाइलेरिया से निजात पाएं फाइलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को जिला मलेरिया विभाग के माध्यम से नि:शुल्क दवा मुहैया कराई जाती है। मरीज को तीन से पांच साल का कोर्स पूरा करना होता है। प्रति तीन माह में 12 दिन तक लगातार मरीज को दवा का सेवन करना होता है। ज्यादा मरीजों वाले इलाकों में विशेष निगरानी जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जनपद के सुमेरपुर ब्लाक के इंगोहटा, छानी, पचखुरा, सुमेरपुर कस्बा में फाइलेरिया के 235 मरीज चिन्हित हैं। इसी प्रकार कुरारा ब्लाक के कुसमरा, बेरी, जखेला में 90, मुस्करा ब्लाक के बिवांर, न्यूरिया, इमिलिया में 250, मौदहा ब्लाक के फत्तेपुरवा, नायकपुरवा, कम्हरिया में 138, राठ के अतरौली, राठ नगर में 90, गोहाण्ड ब्लाक में 32 और सरीला ब्लाक में 38 फाइलेरिया के मरीज हैं, जो सभी उपचाराधीन हैं। इन मरीजों को पीएचसी के माध्यम से भी दवा दी जा रही है। जहां ज्यादा मरीज मिले हैं, वहां विशेष निगरानी की जा रही है। जनवरी में शुरू होने वाले अभियान के दौरान भी इन इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जाएगी।

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