31 दिसम्बर तक तीनों कानूनों की वापसी न हो तो बलियावासी और समाजवादी आर पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी करें - रामगोविंद चौधरी
- कारपोरेट से खेती, बारी और किसानी को बचाने के लिए समाजवादी पार्टी हर स्तर पर किसानों के साथ
- मंगलवार को सरकार वापस ले तीनों कृषि कानून और दे न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा- नेता प्रतिपक्ष
बलिया। नेता प्रतिपक्ष, उत्तर प्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि 31 दिसम्बर तक भारत सरकार विवादस्पद तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी शक्ल नहीं देती है तो बागी बलिया के निवासी और समाजवादी पार्टी के साथी - मानेंगे नहीं, मारेंगे नहीं - नारे के साथ आर पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी करें। इस मामले में और अधिक विलम्ब न तो किसानों के हित में है और न देश के।
सोमवार को बाँसडीह ब्लाक के सैदपुरा ग्राम में आयोजित किसान घेरा चौपाल को सम्बोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष, उत्तर प्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि भारत किसानों का देश है। किसानी इस देश की आत्मा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ इसे पुलिस के बल पर कारपोरेट का देश बनाना चाहते हैं। दोनों माननीय इस देश की आत्मा को कुचलना चाहते हैं। इसे किसी कीमत पर सफल नहीं होने देना है। इस देश की आत्मा की रक्षा के लिए हमलोग बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए तैयार रहें। दिल्ली बार्डर पर डटे किसानों को सैल्यूट करते हुए उन्होंने कहा है कि आप किसान कारपोरेट की जंजीरों को तोड़ने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस लड़ाई में केवल बागी बलिया नहीं, इस देश का हर किसान आंदोलनकारी किसानों के साथ है। वह 29 दिसम्बर मंगलवार के प्रस्ताव पर नज़र गड़ाए है। भारत सरकार के पास अवसर है। वह चाहे तो इस अवसर पर तीनों कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी शक्ल देकर मंगलवार को ऐतिहासिक मंगलवार बना सकती है । उन्होंने कहा कि कारपोरेट के मोह में भारत सरकार उक्त एलान नहीं करती है तो किसान संगठन 31 दिसम्बर से राष्ट्रीय स्तर पर आर पार की लड़ाई की घोषणा करें। इस आर पार की लड़ाई में समाजवादी पार्टी हर स्तर पर किसानों के साथ रहेगी।
नेता प्रतिपक्ष, उत्तर प्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा कि यह देश है वीर जवानों का, मजदूरों और किसानों का, भारत सरकार इस देश को कारपोरेट का देश बनाने की जिद छोड़े और कारपोरेट की गुलामी करने की जगह किसानी और किसान की रक्षा करने का संकल्प ले।