योग अपनावे सुंदर जीवन पावे : मर्कटासन : पीठ दर्द से मुक्ति का विशेष आसन जाने इसके और फायदे और विधि

DR RAO P SINGH संस्कृत में मर्कट का आशय बंदर होता है और इस आसन को बंदर आसन भी कहा जाता है यह आसन करते समय शरीर का आकार बंदर जैसा कर दियाजाता है इसलिए इस आसन को बंदर आसन भी कहते हैं। जिस प्रकार बन्दरो के बारे में क़हा जाता रहा है क़ी वे बीमार नही पड़ती और उनकी चपलता सदा बनी रहती है ठीक उसी प्रकार मनुष्य क़ी भी सक्रियता सदैव बनी रहेगी यदि वो स्वस्थ हो और स्वस्थता के मूल में रीढ़ क़ी हड्डी क़ी मजबूती और लचीलापन प्रमुख है । मर्कटासन के लाभ मर्कट आसन करने से हमारे पीठ का दर्द दूर हो जाता है और रीड के हड्डियों में जो विकार होता है वह विकार निरंतर अभ्यास करने से धीमे-धीमे समाप्त हो जाता है सर्वाइकल ,पेट दर्द, गैस्ट्रिक, कमर दर्द , अपचयन, कूल्हों के दर्द, अनिद्रा थकान ,इन सब मे मर्कट आसन बहुत ही लाभदायक है मर्कट आसन करने से हमारे गुर्दे, अग्नाशय और लीवर सक्रिय हो जाते हैं मर्कट आसन करने की विधि सर्वप्रथम ढीले ढाले वस्त्र पहनकर पैर को सीधा करते हुए फर्श पर लेट जाएंगे पैर का घुटना ऊपर की ओर कर ले दोनों हाथ बाहर की ओर खोल लेवे दोनों हाथ कंधे के समानांतर बिल्कुल सीधे रखे अब अपने पैर को घुटने से आहिस्ता आहिस्ता ऊपर की ओर मोडे इसके बाद दोनों पैर के घुटने को दाहिनी तरफ फर्श से लगा देंगे या क्रिया 4 से 5 सेकंड तक ऐसे ही फर्श पर स्पर्श रखेंगे चेहरा विपरीत दिशा में घुमा दें अब धीमे-धीमे दोनों पैर को ऊपर की ओर और चेहरा सामने की ओर लाए इसके बाद जैसे हमने दाहिनी ओर किया था वैसे ही हम इस क्रिया को बाई तरफ करें दोनों पैर के घुटने को धीमे-धीमे फर्श की तरफ ले जाएं और चेहरा विपरीत दिशा में ले जायें पैर के घुटने को फर्श पर स्पर्श करावे 4 से 5 सेकंड तक इसे स्थित में रहें फिर धीमे-धीमे घुटने को ऊपर की ओर लाए गर्दन को सीधा करेंगे और ऐसे ही लगातार 8 से 10 मर्कट आसन करें मर्कट आसन सावधानियां अगर कोई हर्निया का पेशेंट है तो उसको कुशल और शिक्षित योग प्रशिक्षक के पास जाकर के उस के सानिध्य में यह आसन करना चाहिए जिनके गंभीर पीठ दर्द है वह यह आसन बहुत ही सरलता पूर्वक एवं प्रशिक्षक के अंतर्गत रहकर करें

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