04 फरवरी, 2021 को चौरी -चौरा घटना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर सम्पूर्ण वर्ष को चौरी -चौरा शताब्दी महोत्सव वर्ष रूप में मनाया जायेगा
अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत है-डा0 आनन्द कुमार सिंह,निदेशक राज्य संग्रहालय
लखनऊ, दिनांक 27 फरवरी, 2021
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 04 फरवरी, 2021 को चौरी- चौरा घटना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर सम्पूर्ण वर्ष को चौरी- चौरा शताब्दी महोत्सव वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस क्रम में चौरी- चौरा शताब्दी समारोह के अवसर पर आज दिनांक 27 फरवरी, 2021 को राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा अमर शहीद चन्द्राशेखर आजाद के फोटो पर माल्यार्पण किया गया है।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक चन्द्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई,1906 में मध्य प्रदेश के झाबुआ जिलेे के भाबरा नामक स्थान पर हुआ था। सन् 1920-21 में चन्द्रशेखर आजाद गांधी जी के असहयोग आन्दोलन से जुडे़ और वे गिरफ्तार हुए एवं न्यायाधीश के समक्ष पेश किये गये। जहाॅ उन्होंने अपना नाम ‘‘आजाद‘‘ पिता का नाम ‘‘स्वतंत्रता‘‘ और ‘‘जेल‘‘ को अपना निवास बताया। उन्हें 15 कोड़ों की सजा दी गयी, हर कोड़े के वार के साथ उन्होंने ‘‘वन्दे मातरम्‘‘ का स्वर बुलन्द किया। इसके बाद वे सार्वजनिक रूप से आजाद कहलाए। बाद में क्रांतिकारी आन्दोलन उग्र होने के साथ चन्द्रशेखर आजाद हिनदुस्तान सोशलिस्ट आर्मी
से जुड़े और स्वतंत्र भारत के लिए चलाये गये कई आन्दोलन में सक्रिया भूमिका निभायी। चन्द्रशेखर आजाद ने संकल्प लिया था कि वे न कभी पकड़े जाएंगे और न ब्रिटिश सरकार उन्हें फांसी दे सकेगी। अपने इसी संकल्प को पूरा करते हुए उन्होंने 27 फरवरी, 1929 को अलफ्रेड पार्क, प्रयागराज (इलाहाबाद) में स्वयं को गोली मार कर मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
उक्त अवसर पर निदेशक डाॅ0 आनन्द कुमार सिंह, राज्य संग्रहालय लखनऊ ने बताया कि अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद हमारे लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है तथा स्वतंत्रता के अमर शहीद को पुष्पांजलि अर्पित की गयी है। उक्त अवसर पर डाॅ0 मीनाक्षी खेमका, सहायक निदेशक राज्य संग्रहालय, लखनऊ के साथ ही उ0प्र0 संग्रहालय निदेशालय, लखनऊ एवं लोक कला संग्रहालय, लखनऊ के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण , दर्शक उपस्थित थे।