लोन मेले/शिविरों का आयोजन कर ऋण आवेदन पत्रों में शीघ्र ऋण स्वीकृति एवं वितरण की कार्यवाही की जाय - सुरेश कुमार खन्ना

इस वर्ष 10 लाख नई एमएसएमई इकाइयों को 30 हजार करोड़ रुपये का लोन, 27 लाख लोगों को मिला रोजगार -डा0 नवनीत सहगल
लखनऊ, दिनांकः 24 मार्च, 2021 उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि प्रदेश का ऋण जमा अनुपात बढ़ाये जाने हेतु आवश्यक कार्ययोजना बना कर कार्य किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने पीएम स्वनिधि योजना में बैंकों द्वारा किये गये कार्य की सराहना की तथा ऋण वितरण हेतु लम्बित आवेदनों को शीघ्र निस्तारित करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति पर चर्चा करते हुए समस्त बैंकर्स से अनुरोध किया की इन सभी योजनाओं में और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। श्री खन्ना आज बड़ौदा हाउस, बैंक ऑफ बड़ौदा, अंचल कार्यालय में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की दिसम्बर 2020 को समाप्त तिमाही की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न विकासात्मक एवं रोजगारपरक योजनाओं तथा कार्यक्रमों के अंतर्गत बैंकों में प्राप्त ऋण आवेदन पत्रों में शीघ्र ऋण स्वीकृति एवं वितरण की कार्यवाही की जाय, इस हेतु लोन मेले/शिविरों का भी आयोजन किया जाय। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के जनपदों में ऋण जमा अनुपात बढ़ाये जाने हेतु संबंधित अग्रणी बैंकों के आंचलिक प्रबंधकों द्वारा जनपद स्तर पर ऋण जमा अनुपात में वृद्धि लाये जाने हेतु मानिटरिंग एक्शन प्लान बनाते हुए ऋण वितरण हेतु प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। राज्य स्तरीय बैकर्स समिति द्वारा भी संबंधित अग्रणी बैंकों से समन्वय करते हेतु अनुसरण सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसानों को किसान के्रडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराई जाय। अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने ऋण वितरण में 100 फीसदी से अधिक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रदेश के सभी बैकर्स को हार्दिक शुभकानाएं एवं बधाई दी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी बैंकों का परफार्मेंस बेहतर रहा है। बैकों द्वारा इस वर्ष 10 लाख नई एमएसएमई इकाइयों को 30 हजार करोड़ रुपये का लोन दिया गया, जिससे लगभग 27 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में एमएसएमई को 60 हजार करोड़ रुपये देने का लक्ष्य था, जिसके सापेक्ष बैंकों ने 61977 करोड़ रुपये ऋण वितरित कर 100 प्रतिशत से ज्यादा उपलब्धि हासिल की है। साथ ही उन्होंने एसडीजी गोल कार्यक्रम के अंतर्गत निर्धारित मानक बैंकिंग आउटलेट एवं ए0टी0एम0 को और अधिक बढ़ाने पर विशेष बल दिया। अपर मुख्य सचिव, वित्त श्रीमती एस. राधा चैहान ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ योजनाओं में हमारा प्रदेश प्रथम स्थान पर है तथा कुछ योजनाओ में हमें और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। एक ग्राम एक बी सी सखी कार्यक्रम के अंतर्गत बी. सी सखियों को अधिक से अधिक वित्तीय सेवाएँ प्रदान करने हेतु सहयोग लिये जाने की आवश्यकता है। बैठक में बैंक ऑफ बड़ौदा के कार्यपालक निदेशक श्री विक्रमादित्य सिंह खींची, केंद्र राज्य सरकार के अधिकारी गणों एवं बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक के दौरान बृजेश कुमार सिंह, महाप्रबंधक, बैंक ऑफ बड़ौदा ने दिसम्बर 2020 तिमाही के दौरान विभिन्न बैंकिंग गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत सरकार द्वारा घोषित आपातकालीन गारण्टी योजना, पी. एम. स्वनिधि योजना तथा सरकार प्रायोजित अन्य योजनाओं की प्रगति से समिति को अवगत कराया। श्री विक्रमादित्य सिंह खींची, कार्यपालक निदेशक, बैंक ऑफ बड़ौदा ने वी. सी. के माध्यम से देश व प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कोविड दृ 19 महामारी के कारण प्रभावित विभिन्न गतिविधियों को सुदृढ करने हेतु केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में बैंको द्वारा सराहनीय प्रयास किये गये है जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था मे सुधार आया है। श्री अमित अग्रवाल, अवर सचिव, वित्तीय सेवाएँ विभाग, नई दिल्ली ने अपने संबोधन में पी एम स्वनिधि योजनान्तर्गत समस्त लंबित आवेदन पत्रो को अतिशीघ्र निस्तारित किये जाने हेतु निर्देशित किया एव सुरक्षा बीमा योजनाओ के अन्तर्गत अधिक से अधिक नामांकन हेतु बी सी से सहयोग लिए जाने की अपेक्षा की। श्री शिव सिंह यादव, महानिदेशक, संस्थागत वित्त महानिदेशालय, उ.प्र. ने अपने संबोधन में प्रदेश के ऋण जमा अनुपात को बढ़ाने हेतु पूर्वांचल के जनपदों में रोजगार मेला आयोजित किये जाने से अवगत कराया। उन्होंने एक जनपद एक उत्पाद के अंतर्गत कुछ नए उत्पाद जोड़े जाने की जानकारी भी दी। श्री आर. लक्ष्मीकांथ राव, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों हेतु विभिन्न नीतियों व मानकों पर चर्चा की। डॉ डी. एस. चैहान, मुख्य महाप्रबन्धक, नाबार्ड ने समस्त कृषकों को के.सी.सी. प्रदान किये जाने हेतु अनुरोध किया।

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