डाॅ0 हेडगेवार ने समर्पित भाव से की थी राष्ट्रसेवा - केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ, दिनांक 01 अप्रैल 2021 उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने डाॅ0 केशव बलिराम हेडगेवार की जयन्ती पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये कहा कि डाॅ0 हेडगेवार ने निःस्वार्थ और समर्पित भाव से राष्ट्र की सेवा की थी। डाॅ0 हेडगेवार की जयन्ती पर उन्होंने आज अपने सरकारी आवास-7 कालिदास मार्ग पर उनके चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि करते हुये भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उपमुख्यमंत्री ने डाॅ0 हेडगेवार के जीवन दर्शन व सिद्धान्तों पर प्रकाश डालते हुये उनके अनुशासन, वैचारिक और प्रबन्धन मंत्रो की जानकारी दी। उन्हांेने कहा नागपुर में जन्मे डाॅ0 हेडगेवार के अन्दर देशप्रेम व समाजसेवा के प्रति गहरी संवेदनशीलता थी, उन्हें व्यक्गित पद और प्रतिष्ठा की कोई लालसा नहीं थी। उन्होने खेल खेलकर, देशभक्ति के गीत गाकर व आपसी चर्चा करके लोगों के शारीरिक व बौद्धिक विकास में अपना योगदान दिया तथा स्वतंत्रता आंदोलन में भी उनकी अहम भूमिका रही। उन्हांेने अपने व्यक्तिगत जीवन की कठिनाईयों को कभी महत्व नहीं दिया, बल्कि समाज व संगठन के लिये हमेशा समर्पित रहे। श्री मौर्य ने कहा कि डाॅ0 हेडगेवार का जीवन अनुकरणीय व युवाओं के लिये प्रेरणास्रोत है। डाॅ0 हेडगेवार कहते थे कि अपने व्यक्तिगत जीवन को निखारो और फिर अपनी इच्छा से अपना जीवन राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगाओ। श्री मौर्य ने डाॅ0 हेडगेवार के व्यक्तित्व व कृतित्व की चर्चा करते हुये कहा कि भारत माता के महान सपूत डाॅ0 हेडगेवार बहुत ही धैर्यवान, दूरदर्शी व सरल स्वभाव के थे। 13 वर्ष की उम्र में ही उनके माता-पिता का निधन हो गया था। सामान्य जनता में स्वतंत्रता की प्रखर चाह का निर्माण करने में उनका अभूतपूर्व योगदान रहा। वह बचपन से ही क्रान्तिकारी प्रवृत्ति के थे। डाॅ0 हेडगेवार ने भारत की गुलामी के कारणों को बहुत ही बारीकी से पहचाना और इसके स्थायी समाधान हेतु कार्य किया। डाॅ0 हेडगेवार का सम्पूर्ण जीवन राष्टसेवा के लिये समर्पित रहा।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,