4 साल बराबर 4 काल,

नरेन्द्र सिंह राणा
योगी जी के राज में जन रंजन होता है और विपक्षी राज में जन रूदन होता है। शास्त्रों में वर्णित है और अपने बुजुर्गों से भी हम सब सुनते आ रहे है कि लंका विजय के बाद जब भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे थे तब बेहद खुशी से अयोध्या वासियों ने दीप जला कर भव्य व दिव्य दीपावली मनाई थी। यह त्रेतायुग की बात योगी जी ने कराल कलयुग में सच्च कर पूरी दुनिया को दिखा दी। द्वापर में वृद्धावन की होली को भी योगी जी ने ताजा कर दिया है। सतयुग में महादेव की नगरी में देव दीवाली मनी थी वैसी ही योगी जी आज बनारस में मना रहे है। अब योगी आदित्यनाथ जी की सरकार की 4 साल की उपलब्धियो की तुलना किसी अन्य राज्य की सरकार से करना और फिर यह कहना व लिखना ही पड़ेगा कि योगी जी ने 4 साल में वह वह कर दिखाया जो हो सकता था परन्तु जानबूझकर बहाने बना कर, विकल्प विहीनता की आड़ लेकर आदि आदि कारणों से पूर्ववर्ती सरकारों ने नही किया। क्या माफिया राज, गुंडागर्दी को खत्म नही किया जा सकता था बेशक किया जा सकता था लेकिन उसको समाप्त करने की इच्छा सकती चाहिए थी जो नेताओं ने माफियाओ के यहाँ गिरवी रख दी थी? गुंडागर्दी का आलम यह था कि शामली, मुजफ्फरनगर, कैराना व कांधला में श्याम 5 बजे के बाद बसे नही चलती थी क्योंकि उनको लूट लिया जाता था। लड़कियों ने स्कूलों व कालेजों में लगभग पढ़ाई के लिये चाहते हुए भी जाना छोड़ दिया था। कैराना व शामली से हिन्दुओं ने बड़ी संख्या में पलायन किया था। नोएडा, गाजियाबाद, सहारनपुर, बागपत, बड़ौत में आईएसआई सिमी व पीएफआई के काउंटर खुले थे। चंद जनपदों का नाम उल्लेख कर दिया, लेकिन इसी प्रकार के हालात सूबे में चारों और बने थे। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में माफिया खुलेआम अपना ठिकाना बनाये थे उनका साम्राज्य चलता था कभी विधायक निवासों से कभी अस्पतालो से कभी विधानसभा से। पुलिस की हनक व वर्दी उनके लिये होमगार्ड व वन विभाग की खाकी जैसी हो गयी थी। मोटी कमाई बिल्डरों से व अन्य से वो खुलेआम करते थे। सरकारों की सरपरस्ती में यह सब होता था। पुलिस अधिकारी उन पर हाथ डालने का काम नही कर पाते थे जब उनसे पूछा जाता कि माफियाओ व गुंडागर्दी पर लगाम क्यो नहीं लगाते हो तो वो तपाक से कह देते थे इनकी पकड़ 5 ज्ञक् यानि 5 कालिदास तक है अर्थात मुख्यमंत्री तक। यह सच्च भी था इसी बेबसी में प्रदेश की जनता को जीना पड़ता था। थाने बिकते थे, जिले बिकते थे, फिर भला हालात कैसे सुधरते। भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया था। स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्य की लाखों करोड़ों की सब्सिडी सब मिलकर डकार जाते थे। लोग बीमारियों से भूखमरी से बेहाल थे, मर रहे थे। गायत्री प्रजापति, बाबू सिंह कुशवाह, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, आजमखान, चाचा ऐसे नामांे व उनके कारनामो से उत्तर प्रदेश की जनता गुस्से में थी। गोरखपुर में जापानी इंसेफेलाइटिस से बच्चो की जान हजारो की संख्या में जाना आमबात हो गयी थी। नेपाल की सीमा से व अन्य सीमाओं से गौवंश की खुलेआम तस्करी होती थी। जमीनों पर कब्जे आमबात थी। सरकारी ठेको में मोटा हिस्सा सरकार व माफियाओ का 100 प्रतिशत तय था। मुलायम सिंह कह देते थे लड़को से इस उम्र में गलती हो जाती है, शिवपाल निठारीकाण्ड पर मीडिया से कह देते थे, ये तो छोटी-मोटी बात है, ऐसी तो उत्तर प्रदेश में होती रहती है इन पर बहुत ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। रसातल में डूब चुकी इस राजनीति को योगी जी भगवान श्री हरि के अवतार की भांति राक्षस को मारकर समुद्र से पृथ्वी को बाहर निकलकर लाए है। अपने विगत के 4 बरसो के सुशासन में जाने कैसे, माफियावाद, आतंकवाद, दंगा यह अभिशाप सब गद्दे के सींग की कहावत की तरह समाप्त कर दिखाया है योगी जी ने। योगी आदित्यनाथ की सरकार के 4 साल के साहसी व अद्वितीय जनहित के कार्यो की चर्चा भारत के अन्य राज्यों में तो होना अब आमबात हो गयी है परन्तु क्या कभी किसी ने दुश्मन देश पाकिस्तान से भारत के किसी राज्य की सराहना सुनी है उत्तर नहीं यह तो हो ही नही सकता लेकिन कोरोना काल मे यह हुआ है जब पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने इमरान सरकार को योगी सरकार से कोरोना को काबू करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था पाकिस्तान एक देश है और उसकी जितनी आबादी वाला भारत में एक राज्य उत्तर प्रदेश है वहां के मुख्यमंत्री ने कोरोना के हालात पर अद्वितीय नियंत्रण किया है। जब भारत मे एक राज्य जिसके पास संसाधन सीमित है पाकिस्तान के पास उस राज्य से बहुत अधिक सामर्थ है फिर वहां हमसे कम मरीज व मौतें क्यो हो रही है। दूसरा उदाहरण विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) का है जिसने मुक्तकंठ से आबादी के हिसाब से कोरोना पर नियंत्रण करने पर पूरी दुनिया को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का उदाहरण दिया। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री ने अनेक बार योगी सरकार की प्रसंसा करते हुए अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को योगी जी का उदाहरण दिया। कहावत भी है यदि इंसान चाहे तो वह अपने कर्मों से भगवान बन सकता है और निचे गिरे तो पशु से भी बदतर हो सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जैसा ही मुख्यमंत्री अन्य राज्यों की जनता भी चाहती है तभी तो देश के किसी भी राज्य में उनकी योगी जी की मांग होती है और भी देश में मुख्यमंत्री है उनकी मांग, विशाल जनसभाओं में भारी भीड़ क्यों नही होती। योगी जी दिन में सूर्य की भांति व रात में चन्दमा की तरह धरा को रोशन कर रहे है। दिन रात 24 घंटे जनसेवा में स्वंय को खपा दिया है योगेन्द्र योगी आदित्यनाथ ने। श्री हनुमानचालीसा की चैपाई, ‘‘भीम रूप धरि असुर सहारे ,राम चन्द्र के काज सवारे‘‘, हनुमान जी की भांति योगी जी पर सटीक बैठती है। माफिया, डॉन गुंडे जान की भीख मांगते है, गले मे तख्ती लटकाकर थाने में मिमियाते है बिल चैयर पर है। इस बीमारी की वैक्सीन तो संविधान में थी परंतु वैक्सिनेशन नही था। योगी जी ने वैक्सिनेशन 100 प्रतिशत कर दिया और जो बचे है उनको वेक्सीन देने का पूरा-पूरा इंतजाम है। मानवता के इतिहास में लोकप्रिय पुरूषों में सिंह (पुरूष सिंह) हंस से विवेकी तथा राजाओं के मुकुटमणी, परमवीर व कर्मवीर योगी जी हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी देश के सभी मुख्यमंत्रियों में सत्ता के उस मुकुट की मणि है। उसी की भांति ही चमक व दमक रहे है। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर एक रिटायर्ड आईपीएस ने मुझे बताया कि पूर्व की सपा व बसपा सरकार के 10 वर्ष के कार्यकाल में 10 अपराधी भी पुलिस मुठभेड़ में नहीं मारे गए, जबकि योगी सरकार के चार साल में 135 खुखांर अपराधी पुलिस मुठभेंड में मारे गए, 3049 घायल हुए तथा 16737 जेल भेजे गए। 9.33 अरब की सम्पतियां जब्त की गई। चार साल में एक भी दंगा नहीं हुआ। 4.56 लाख करोड रूपए का निवेश व करार हुआ है। चार लाख सरकारी नौकरियां दी गई। जिनमें कोई सिफारिश नहीं चली केवल योग्यता ही सर्वोपरि है। 1.50 करोड़ से अधिक निजी क्षेत्र में रोजगार मिला है। 2.61 करोड़ शौचालय बनाए गए है। 40 लाख गरीबों को मकान बनाकर दिए गए हैं 3 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, 3 एक्सप्रेसवे बन रहे है पूर्वांचल एक्सप्रेसवे व बुन्देलखण्ड पर 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका हैं। लेख के अंत में यह बात कि कुछ को रच कर विधाता भी बड़ा हो जाता है।

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