सभी वर्गों को शिक्षित बनाने के पक्षधर थे ज्योतिबा फुले : तिलक यादव
समाजवादी पार्टी ने मनायी महात्मा ज्योतिबा फुले की जयन्ती
ललितपुर। समाजवादी पार्टी के तत्वाधान में रविवार को महात्मा ज्योतिबा
फुले की जयन्ती मनायी गयी। सपा कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम की
अध्यक्षता करते हुये सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव एड. ने बताया कि महात्मा
जोतिराव गोविंदराव फुले एक भारतीय समाज सुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक,
समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इन्हें
महात्मा फुले एवं जोतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है। सितम्बर 1873
में इन्होंने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया।
महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिय इन्होंने अनेक कार्य किए। समाज के सभी
वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के ये प्रबल समथर्क थे। वे भारतीय समाज में
प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध थे। इनका मूल
उद्देश्य स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना, बाल विवाह का
विरोध, विधवा विवाह का समर्थन करना रहा है। फुले समाज की कुप्रथा,
अंधश्रद्धा की जाल से समाज को मुक्त करना चाहते थे। अपना सम्पूर्ण जीवन
उन्होंने स्त्रियों को शिक्षा प्रदान कराने में, स्त्रियों को उनके
अधिकारों के प्रति जागरूक करने में व्यतीत किया। 19 वी सदी में स्त्रियों
को शिक्षा नहीं दी जाती थी। फुले महिलाओं को स्त्री-पुरुष भेदभाव से
बचाना चाहते थे। उन्होंने कन्याओं के लिए भारत देश की पहली पाठशाला पुणे
में बनाई। स्त्रियों की तत्कालीन दयनीय स्थिति से फुले बहुत व्याकुल और
दुखी होते थे इसीलिए उन्होंने दृढ़ निश्चय किया कि वे समाज में
क्रांतिकारी बदलाव लाकर ही रहेंगे। उन्होंने अपनी धर्मपत्नी सावित्रीबाई
फुले को स्वयं शिक्षा प्रदान की। सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला
अध्यापिका थीं। इस दौरान पूर्व विधायक फेरनलाल अहिरवार, पूर्व विधायक
रमेश सिंह यादव, कृष्णस्वरूप निरंजन, अमरसिंह भैरा, यूथ ब्रिगेड
जिलाध्यक्ष हृदेश मुखिया, सुरेन्द्रपाल सिंह, हरगोविंद चौरसिया, राजेश
तिवारी, महेन्द्र सिंह एड., विक्रम बरखेरा आदि मौजूद रहे।