ब्लड कैंसर से दिवंगत पति की विधवा को सेना कोर्ट से मिली स्पेशल फॅमिली पेंशन

लखनऊ/दिनांक: 06/04/2021 सैनिकों की विधवाओं से संबंधित मामलों में नियम-कानून की जटिलताओं का सहारा न ले भारत सरकार: विजय पाण्डेय विधवा याचिनी ने विषम-परिस्थितियों में किया लंबा संघर्ष: विजय पाण्डेय सेना कोर्ट, लखनऊ ने मैनपुरी निवासिनी श्रीमती राधादेवी के पति की ब्लड कैंसर से मृत्यु के करीब 28 वर्ष बाद स्पेशल फेमिली पेंशन दिए जाने का निर्णय सुनाया l पति के असामयिक निधन के पश्चात याचिनी शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से टूट चुकी थी क्योंकि उसे हर स्तर पर निराशा ही हाथ लगी, उसके बाद उसके अधिकार की इस लड़ाई को अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने अदालत के माध्यम से आगे बढ़ाया जिसमें करीब पांच वर्ष बाद सफलता मिली l प्रकरण यह था कि श्रीमती राधादेवी के पति सिपाही ज्ञान सिंह 1965 में सेना में भर्ती हुए और 18 साल की नौकरी के बाद वर्ष 1983 में सेवानिवृत्त हुए, तीन वर्ष बाद वर्ष 1986 में सेना सुरक्षा कार्प्स (डी.एस.सी.) में 10 साल के लिए दुबारा भर्ती हुए लेकिन, 16 अक्टूबर, 1993 को ब्लड कैंसर से पुणे के मिलिट्री हास्पिटल में ड्यूटी के दौरान ही उनका देहांत हो गया l भारत सरकार रक्षा-मंत्रालय ने पीड़ित विधवा याचिनी को साधारण पारिवारिक पेंशन प्रदान देकर अपने उत्तरदायित्व की इतिश्री कर ली, जिसके खिलाफ याचिनी ने विषम-परिस्थितियों में रहते हुए लंबा संघर्ष किया लेकिन उसकी सुनवाई कहीं नहीं हुई तब उसने ए०एफ़०टी०बार एसोसिएशन के पूर्वमहामंत्री और अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय के माध्यम से ओ.ए. नं. 9/2017, श्रीमती राधादेवी बनाम भारत सरकार आदि सेना कोर्ट, लखनऊ में मुकदमा दायर किया l न्यायालय में भारत सरकार द्वारा जोरदार विरोध के बीच याचिनी के अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने दलील दी कि सरकार का यह कहना कि याचिनी के पति को हुई ब्लड-कैंसर की बीमारी का नौकरी से कोई संबंध नहीं है इसलिए पेंशन रेगुलेशन के पैरा-213 और पीसीडीए(पेंशन) के सर्कुलर 626 का लाभ याचिनी को नहीं दिया जा सकता गलत है क्योंकि, भर्ती के समय उसे कोई बीमारी नहीं थी और न ही विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा किसी प्रकार का नोट ही लिखा गया था ऐसी स्थिति में इसे नौकरी से जोड़कर ही देखा जाना चाहिए, जिसे रिकार्ड आफिस ने स्वीकार भी किया है l अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने दलील देते हुए कहा कि याचिनी सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित किए गए निर्णयों धर्मवीर सिंह बनाम भारत सरकार, सुकविंदर सिंह बनाम भारत सरकार, भारत सरकार बनाम राजबीर सिंह, वीरपाल सिंह बनाम रक्षा-मंत्रालय, भारत सरकार बनाम राम अवतार, शिव दास बनाम भारत सरकार और श्रीमती मनीषा यादव बनाम भारत सरकार आदि का लाभ पाने की हकदार है l कोर्ट ने याचिनी को स्पेशल फेमिली पेंशन का हकदार मानते हुए भारत सरकार द्वारा पूर्व में पारित सभी आदेशों को निरस्त करते हुए सरकार को निर्देशित किया कि वह चार महीने के अंदर याचिनी को स्पेशल फेमिली पेंशन प्रदान करे यदि, भारत सरकार निर्धारित अवधि में आदेश का पालन करना सुनिश्चित करने में असफल रहती है तो याचिनी 8 प्रतिशत ब्याज भी पाने की हकदार होगी l

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