कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए किये जा रहे प्रभावी प्रयासों के आशाजनक परिणाम मिल रहे हैं: मुख्यमंत्री

कानपुर नगर के मण्डलायुक्त तथा जनपद सम्भल, गाजीपुर, महोबा, अयोध्या, बाराबंकी, मथुरा, जालौन आदि के जिलाधिकारियों व नोडल अधिकारियों से संवाद कर कोविड प्रबन्धन, बचाव व उपचार के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये लखनऊ: 20 मई, 2021 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि है प्रदेश में कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए किये जा रहे प्रभावी प्रयासों के आशाजनक परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति के दृष्टिगत यह खतरा अभी टला नहीं है। हमें यह याद रखना चाहिए कि उत्तर प्रदेश कई राज्यों तथा नेपाल राष्ट्र की सीमा से जुड़ा है। ऐसे में, किसी भी स्तर पर लापरवाही या शिथिलता न बरती जाए। वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए प्रभावी तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त जनपदों के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों, नोडल व स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि टीम वर्क के माध्यम से कोरोना प्रबन्धन के बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं। प्रदेश में आज 20 मई को कुल 1,16,434 एक्टिव केस ही हैं। 30 अप्रैल के 3 लाख 10 हजार 783 एक्टिव केस की पीक को देखें तो मात्र 20 दिनों में एक्टिव केस में 62.5 फीसदी की कमी आई है। वर्तमान में रिकवरी दर 91.8 फीसदी हो गई है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण में जिला प्रशासन के अधिकारियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, निगरानी समितियों, आर0आर0टी0 और स्वच्छताकर्मियों की सर्वाधिक भूमिका है। उनका योगदान सराहनीय है। इसे और प्रभावी बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए। उन्हें कोरोना संक्रमित मरीजों तथा मेडिकल किट के सम्बन्ध में सूची प्रदान की जाए, जिससे वे फीडबैक ले सकें। यह सूची इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर के पास भी उपलब्ध रहे। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियां स्क्रीनिंग के कार्य को प्रभावी ढंग से करते हुए कोविड संक्रमित तथा लक्षणयुक्त मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराएं। संदिग्ध व लक्षणयुक्त संक्रमितों की टेस्टिंग शीघ्रता से हो। आर0आर0टी0, इन संक्रमित व्यक्तियों के सम्बन्ध में उनकी स्थिति के अनुसार होम आइसोलेशन, क्वारण्टीन तथा अस्पताल में भर्ती की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों में वेंटिलेटर्स तथा आॅक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध कराये गये हैं। ये उपकरण क्रियाशील रहें। उन्होंने नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया कि इनकी क्रियाशीलता तथा इनके उपयोग के सम्बन्ध में रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि सभी सी0एच0सी0, पी0एच0सी0 तथा हेल्थ वेलनेस सेण्टर प्रभावी रूप से क्रियाशील किये जाएं। वहां पर स्वच्छता व साफ-सफाई के कार्य सहित डाॅक्टर्स, पैरामेडिक्स, दवाओं आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। गांवों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। स्वच्छता समितियों का गठन हो। उन्होंने कहा कि ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ के दृष्टिगत टीम वर्क के साथ कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्षा के कारण वाॅटर लाॅगिंग या जल जमाव की शिकायतें न मिलें। जल जमाव को रोके जाने के प्रबन्ध किये जाएं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों के लिए आॅक्सीजन प्लाण्ट्स की स्थापना के लिए स्वीकृति दी गयी है। यह आॅक्सीजन प्लाण्ट्स भारत सरकार, राज्य सरकार तथा अन्य संगठनों व सी0एस0आर0 के माध्यम से स्थापित किये जा रहे हैं। यदि कहीं इनके सम्बन्ध में अतिरिक्त आवश्यकता है तो उसका प्रस्ताव शीघ्र मुख्य सचिव को प्रेषित किया जाए। विशेषज्ञों के आकलन के दृष्टिगत सभी जिलों को हर तरह की चुनौती के लिए तैयार रहना होगा। सभी मेडिकल काॅलेजों में 100 बेड का पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) वाॅर्ड तैयार किया जाए। जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता से पूरा कराएं। उन्होंने कहा कि पीकू के निर्माण की कार्यवाही प्रभावी ढंग से शीघ्रता के साथ प्रत्येक जनपद में की जाए। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा पिछले तीन-चार वर्षाें से कार्य भी किया गया है। पोस्ट कोविड वाॅर्ड की भी स्थापना कर मरीजों का इलाज सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति के अनुरूप विगत 24 घंटों में प्रदेश में 02 लाख 91 हजार 156 टेस्ट किए गए। टेस्टिंग में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टेस्टिंग करने वाला राज्य है। हमें टेस्टिंग और तेज करनी होगी। 30 लाख से अधिक आबादी वाले जनपद हर दिन न्यूनतम 10 हजार टेस्ट जरूर करें। सभी जिलों में निगरानी समितियों और रैपिड रिस्पॉन्स टीम की सतत मॉनीटरिंग की जाए। गांवों में कोरोना की रोकथाम में इन समितियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। हमारे गांव अभी काफी हद तक संक्रमण से सुरक्षित हैं। सभी जिलों में आर0आर0टी0 की संख्या बढाने की कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू में सभी आवश्यक सेवाएं, निर्माण कार्य एवं औद्योगिक गतिविधियां संचालित हैं। औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्पडेस्क तथा कोविड केयर सेण्टर अनिवार्य रूप से स्थापित हों। कम्युनिटी किचन के माध्यम से जरूरतमन्दों को भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। नाॅन-कोविड मरीजों के उपचार की व्यवस्था के लिए डेडिकेटेड अस्पताल क्रियाशील रहें। महिलाओं और बच्चों के लिए भी डेडिकेटेड अस्पताल संचालित रहें। प्रत्येक जनपद में डायलिसिस की सुविधा मरीजों को उपलब्ध रहे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जांच और इलाज के सम्बन्ध में प्राइवेट लैब व निजी अस्पतालों द्वारा मनमानी और ओवर चार्जिंग की स्थिति में उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सभी कोविड सम्बन्धी जांच व उपचार के लिए रेट निर्धारित हैं। निजी एम्बुलेंसों द्वारा भी मनमाना किराया वसूली को रोका जाए। एम्बुलेंस पर रेट लिस्ट चस्पा रहे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वाॅरियर्स का मनोबल बढ़ाया जाए। ड्यूटी के दौरान उनकी मृत्यु की स्थिति में उनके परिजनों को मुआवजा दिलाने की कार्यवाही शीघ्रता से सुनिश्चित की जाए। इसी प्रकार पंचायत चुनावों के दौरान भी कोविड संक्रमित कर्मियों के सम्बन्ध में भी स्पष्ट स्थिति रखी जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 25 अप्रैल के बाद से प्रतिदिन एक लाख कोविड केस होने की आशंका व्यक्त की गयी थी, जिसे सामूहिक प्रयासों से नियंत्रित कर लिया गया है। कई जनपदों में प्रभारी अधिकारियों ने भी अच्छा कार्य किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, बुलन्दशहर आदि में कोविड प्रबन्धन के सम्बन्ध में अच्छा कार्य हुआ है। दिल्ली की अपेक्षा हमारी स्थिति बेहतर रही है। उन्होंने इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को कोविड प्रबन्धन की रीढ़ बताते हुए कहा कि इन्हें और सुदृढ़ व प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। कोविड प्रबन्धन के लिए प्रतिदिन जिलाधिकारी, सी0एम0ओ0 सहित अधिकारियों की बैठकें सुनिश्चित की जाएं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना प्रोटोकाॅल तथा आंशिक कोरोना कफ्र्यू का पूर्णतः पालन सुनिश्चित किया जाए। कहीं पर भी भीड़ एकत्रित न हो। मास्क की अनिवार्यता तथा सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरूकता उत्पन्न करते हुए इन्हें सुनिश्चित किया जाए। इस सम्बन्ध में पब्लिक एड्रेस सिस्टम निरन्तर प्रभावी रहे। सब्जी व फल मण्डियों में भीड़ की स्थिति न रहे। कोविड प्रोटोकाॅल का पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत आज से खाद्यान्न वितरण प्रारम्भ हो चुका है। इसकी माॅनीटरिंग की जाए। राशन कार्ड न होने की स्थिति में भी जरूरतमन्दों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। इस योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न वितरण हेतु राशन की दुकानों पर एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि पात्र व्यक्तियों को अनुमन्य मात्रा में खाद्यान्न प्राप्त हो। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद बनाते हुए खाद्यान्न वितरण के दौरान उन्हें राशन की दुकानों का भ्रमण करने के लिए आमंत्रित किया जाए। गेहूं क्रय केन्द्रों पर गेहूं खरीद का कार्य कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन का वृहद अभियान सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। वैक्सीन का जीरो वेस्टेज सुनिश्चित किया जाए। काॅल सेण्टर के माध्यम से जितने लोगों को वैक्सीन की डोज उपलब्ध करायी जानी है, उतने ही लोगों को बुलाया जाए। भारत सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार वैक्सीनेशन का कार्य संचालित किया जाए। कोल्ड चेन को बनाये रखते हुए वैक्सीनेशन का कार्य किया जाए। वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ाने के कार्य किये जाएं। सभी काॅमन सर्विस सेण्टर्स क्रियाशील रहें। इनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन सम्बन्धी कार्य किये जाएं। निरक्षर, दिव्यांग, निराश्रित, श्रमिक अथवा अन्य जरूरतमंद लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर पर टीकाकरण पंजीयन की सुविधा प्रदान कराई गई है। यह कार्य प्रारंभ हो गया है। कॉमन सर्विस सेंटर पर वैक्सीन पंजीयन निःशुल्क है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन कोविड संक्रमण के विरुद्ध एक प्रभावी उपाय है। इससे महामारी के नियंत्रण में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर जनपद कानपुर नगर, सम्भल, गाजीपुर, महोबा, अयोध्या, बाराबंकी, मथुरा, जालौन आदि के जिलाधिकारियों, मण्डलायुक्तों तथा नोडल अधिकारियों से संवाद किया और कोविड प्रबन्धन, बचाव व उपचार के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस के उपचार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जा रही है। इन्हें जरूरतमन्द मरीजों को उपलब्ध कराया जाए। एस0जी0पी0जी0आई0 के निदेशक प्रो0 आर0के0 धीमन ने ब्लैक फंगस के कारण, बचाव व उपचार के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, डी0जी0पी0 श्री एच0सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री आलोक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, निदेशक सूचना श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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