डीएपी की कीमत बढ़ाकर सब्सिडी देने का ड्रामा कर रही है सरकार, किसानों के समक्ष गम्भीर संकट-अजय कुमार लल्लू

लखनऊ 24 मई 2021। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार पर किसानों को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों व गेहूं खरीद नीति से किसानों के समक्ष भीषण संकट की स्थिति उतपन्न हो गयी है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के संकट के समय सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों का गेहूं बिना तौल के भीग गया और अब क्रय केंद्र गेहूं खरीद में अनेक प्रकार की कमियां निकालकर उन्हें बिचैलियों के हाथों बेंचने के लिये विवश कर रहे है, क्योंकि सरकारी क्रय केंद्र बिचैलियों व दलालों के माध्यम से संचालित हो रहे हैं। सरकारी पोर्टल पर किसानों की शिकायत का भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा। क्रय केंद्रों पर फर्जी पंजीकरण कर दलालों, बिचैलियों के हिसाब से गेहूं खरीद कर किसानों का शोषण किया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में डीएपी के दो बार दाम बढ़ाकर सब्सिडी की घोषणा किसानांे के साथ किया गया छल है। उन्होंने कहा कि 2014 में 413 रुपये की मिलने वाली डीएपी की 50 किलोग्राम की बोरी में 5 किलो की कटौती पहले कर चुकी सरकार अब सब्सिडी का नाटक कर सब्सिडी पूंजीपति मित्रों के हवाले करेगी और ढिंढोरा किसानांे को सब्सिडी देने का पीट रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश के लखनऊ, लखीमपुर, हरदोई, सीतापुर, शाहजहांपुर, बरेली, रायबरेली, बाराबंकी सहित प्रदेश के अनेक जनपदों में सरकारी क्रय केंद्रों पर कई-कई दिन ट्रैक्टर-ट्रालियों पर किसान अपने गेंहू तौल की प्रतीक्षा करते हैं। पिछले दिनों हुई बारिश में क्रय केंद्रों पर अपने गेंहू की तौल की प्रतीक्षा कर रहे किसानो का गेंहू भीग गया जिससे उनके गेंहू की खरीद नहीं हो पायी। यही नहीं जब प्रतीक्षारत किसानो का नम्बर आता है तो गेहूं में अनेक प्रकार की कमियां निकालकर लेने से इन्कार कर दिया जाता है, जिसके बाद केंद्रों में बैठे बिचैलियों के हाथों उसे अपनी उपज एमएसपी 1975 रुपये प्रति क्विंटल के बजाय 1400 से 1600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बेंचने के लिये विवश है। श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि किसानों को उपज का लागत मूल्य न मिलने के कारण उसके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो रहा है। यह सब सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार गांव और गरीब किसान को महामारी के संकट के साथ दलालों के चंगुल में फंसाकर उसे दोहरी मार झेलने के लिये विवश कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि खाद्य रसद विभाग द्वारा घोषित 11 एजेंसियों में 7 के ही द्वारा क्रय केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। क्रय केंद्रों पर दलालों व सत्ताधारी दल के नेताओं की सिफारिश पर किसानों की गेहूं खरीद हो रही है सामान्य किसानों का शोषण व उत्पीड़न हो रहा है और उनसे रकम वसूली हो रही है। उन्होंने कहा कि दलालों, बिचैलियों के नेक्सस ने क्रय केंद्रों को पूरी तरह नियंत्रित कर रखा है। स्थिति यह है कि दलालों, नेताओं को दलाली देकर क्रय केंद्र में किसान के गेहूं की खरीद हो सकती है या औने-पौने दामों में बिचैलिये के हाथ बेंचने की मजबूरी उसके सामने है। श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि हर मामले में झूठ बोलकर गुमराह करने वाली भाजपा सरकार कोविड काल में किसानों के साथ क्रय केंद्रों पर हो रहे शोषण व उत्पीड़न की अनदेखी कर रही है । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि किसानों को राज्य की भाजपा सरकार बेबस बनाने पर तुली हुई है। डीएपी के दामों में बढोत्तरी करने के साथ 5 किलोग्राम वजन की कटौती करने वाली सरकार अब किसानों को डीएपी पर सब्सिडी देने की नौटंकी वाली घोषणाएं कर उन्हें मूर्ख बनाने का कुत्सित प्रयास कर रही है। जबकि सच्चाई यह है कि सब्सिडी का रुपया सीधे खाद निर्माता कम्पनियों को देकर सरकार उन्हें भारी लाभ देना व किसानों को कंगाल बनाने की रणनीति पर काम कर रही है, सरकार का यह किसान विरोधी रवैया किसी भी तरह से उचित नही है। सरकार को चाहिये कि क्रय केंद्रों पर आने वाले किसानों के गेहूं खरीद सुनिश्चित की जाए। कमियां बताकर उसकी उपज दलालों, बिचैलियों के हाथों बेचने को विवश न किया जाए। किसानों की शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि भंडारण की व्यवस्था करने में पूरी तरह असफल सरकार क्रय केंद्रों में गेहूं को भीगने व भण्डारण गृह तक पहुंचाने में भी विफल हुई है और गेहूं की भारी मात्र में बर्बादी हुई है, जिससे भविष्य में किसानों के साथ साथ खाद्यान्न संकट भी उत्पन्न होगा।

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