कोरोना विभीषिका पर अंकुश के लिए शादी ब्याहों पर लगे सख्त पाबंदी

विश्व हिन्दू महासंघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की मांग
ललितपुर। वैश्विक महामारी कोरोना की त्रासदी से जहां पूरा देश जूझ रहा है। अनेक लोग इसमें कालकलवित हो रहे हैं। इसके निजाद के लिए लाकडाउन लगाकर भीड और व्यवस्थाओं को नियंत्रित करने के लिए जहां कवायतें हो रही हैं। वही अक्षय तृतीया पर होने वाली शादी व्याहों के चलते आवाजाही बजारों में बनी हुई है, जिसके चलते व्यापारी जहां लुका छिपी का खेल खेलकर धंधा कर रहे हैं। वहीं शहर में होने वाली भीड भी दिनों दिन थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में विश्व हिन्दू महासंघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मांग की है कि प्रदेश में अक्षय तृतीया पर होने वाली शादियों पर पूर्णत: रोक लगाई जाए। झांसी मण्डल के प्रभारी पवन जैन का कहना है कि पौराणिक मान्यता में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया के रूप् में मनाया जता है इस दिन शुभ कार्यो का फल भी शुभ बताया है। भगवान परशुराम का जन्मदिन होने के साथ साथ धरती की सबसे पावन माने जाने वाली गंगा नदी इसी दिन स्वर्ग से धरती पर आई। अनेक मान्यताओं के साथ साथ इस दिन वैवाहिक कार्य इस दिन सम्पन्न कराने की मान्यता है। ऐसे में जहां सम्पूर्ण बाजार बंदी और तरह तरह की पावंदियां लगा रखी है वहीं शादी व्याह शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में भले ही सीमित लोगों के बीच हो रहे हो लेकिन ऐसे में शादी व्याह की खरीददारी हर प्रकार की होती है। जिसके चलते खरीददारी के लिए बाजारों में लोगों की आवाजाही रहती है और लोग किसी प्रकार अपने सामान के लिए दुकानदारों से सम्पर्क करते है। झांसी मण्डल प्रभारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि पूरे प्रदेश में शादी व्याहों को पूर्णरूप से करोना काल में प्रतिबंधित किया जाए जिससे गांव एवं बाजारों में लगने वाली शादी व्याहों की भीड पर अंकुश लग सके। जिलाध्यक्ष हरिकिशोर नरवरिया का कहना है कि बजारों में दुकानदार लुका छिपी करके सामान बेच रहे हैं और पकडे जाने के भय से इधर उधर भागते हैं जिस कारण बाजारों में भीड है जिसको रोकने के लिए शादी व्याहों पर पूर्ण रूप से पावंदी लगाना जरूरी है। गौरतलब रहे कि अक्षय तृतीया के बारे में मान्यता है कि महर्षि वेद व्यास ने महाभारत भी इसी दिन लिखना प्रारम्भ किया था। इसी दिन महाभारत के युधिष्ठर को अक्षय पात्र की प्राप्ति हुई थी, जिसमें कभी भोजन समाप्त नहीं होता था। इस पात्र के द्वारा युधिष्ठर अपने राज्य के निर्धन एवं भूखे लोगों को भोजन देकर उनकी सहायता करते थे। अक्षय तृतीया के दिन की मान्यता है इस दिन सोना खरीदना या कोई वस्तु खरीदना जरूरी है उसके साथ ही कहीं ज्यादा महत्व दान करने का है। जिला संयोजक सुरेश बाबू जैन एड. ने अक्षय तृतीया पर जैन मान्यता का जिक्र करते हुए बताया कि कि इस दिन प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव ने एक वर्ष की तपस्या के उपरान्त राजा श्रेयांस के यहां गन्ने का रस पिलवाकर उपवास पूर्ण करवाया था। इस दिन जैन धर्मालु एक दिन उपवास रखकर गन्ने के रस से पारणा करते हैं। जिला प्रभारी अक्षय अलया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कोरोना काल से उत्पन्न विषम परिस्थिति को देखते हुए शादी ब्याहों को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने की मांग की है। विश्व हिन्दू महासंघ के महामंत्री महेश पटैरिया, अरूण लोहिया, अजय जैन साइकिल, धु्रव साहू, विवेक व्यास, रामबाबू राजपूत, आलोक रिछारिया, संजीव सौरया, मनोज चौबे, सुख सिंह परमार, दीपक सिंघई बाबी, महेश सतभैया, डा.दीपक पस्तोर, रवीन्द्र जैन मुनमुन आदि ने भी जनहित में करोना महामारी पर अंकुश के लिए शादी व्याहों पर पावंदी की मांग की।

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