नयी शिक्षा नीति में पर्यावरण संरक्षण को शामिल करें- राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल

लखनऊः 29 मई, 2021 हममें से किसी ने यह नहीं सोचा होगा कि हमें एक ऐसी महामारी का अनुभव करना होगा जो अल्प समय में विश्व भर में फैल गई। कोविड-19 नामक इस महामारी ने बल्कि पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया। हममें से कुछ लोगों ने अपनो को खो दिया है, तो कई मरीज अस्पतालों या घरों में स्वस्थ होने को प्रयासरत हैं। ये विचार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सी.आई.आई. मध्य प्रदेश भोपाल एजुकेशन एवं चांसलर आई.इ.एस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित बेविनार को सम्बोधित करते हुये राजभवन उत्तर प्रदेश से व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हम सब ईश्वर के सामने शीश झुकाकर दिवंगत आत्माओं की शांति और रोगियों के शीघ्र पूर्णरूप से स्वस्थ होने की प्रार्थना करें। ताकि यह महामारी पूरी दुनिया से हमेशा के लिए जड़ से खत्म हो जाए तथा जन जीवन पहले जैसा सामान्य हो जाए। उन्होंने कहा कि हमें मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ, आवश्यक सेवा प्रदाताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कोरोना योद्धाओं को भी धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने आम नागरिकों के जीवन की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली है। जब हममें से अधिकांश अपने घरों में आराम से बैठे थे। तब ये वही योद्धा हैं, जिन्होंने हमारी खातिर दिन-रात मेहनत की है। इन्हें धन्यवाद देने के लिए शब्द नहीं हो सकते पर हम इनके सम्मान में नतमस्तक हो सकते हैं। राज्यपाल जी ने कहा कि इस महामारी के कारण कुछ छात्र आर्थिक या पारिवारिक चुनौतियों का सामना कर रहे हों ऐसा भी हो सकता हैं। ऐसे छात्रों के लिए विद्यालयों को अधिक संवेदनशील होकर कार्य योजना तैयार करनी चाहिए। प्रयास होना चाहिए कि आर्थिक संकट के कारण कोई भी छात्र शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं हो। मैं सभी शिक्षकों, चिंतकों का आह्वन करती हूं कि इस बात पर विचार करें कि वो हमारी जनता, हमारे कौशल, हमारी मूल क्षमताओं का किस प्रकार सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जाये ताकि भारत को विश्व गुरू के रूप में प्रतिष्ठित हो। उन्होंने कहा कि कोविड-19 कोरोना ने हमारे सम्पूर्ण समाज को प्रभावित किया है। हमारे समक्ष प्रोफेशनल और पर्सनल प्राथमिकताओं में संतुलन कायम करने की नई चुनौतियां लाया है। चाहेे कुछ भी हो, फिटनेस और व्यायाम के लिए जरूर समय निकालें। अपनी शारीरिक और मानसिक तंदुरूस्ती को बेहतर बनाने के साधन के तौर पर योग का भी अभ्यास करें। हमें यह समझना होगा कि महामारी के विरूद्ध लड़ाई के लिए एक नई जीवन शैली हमें अपनाने होगी। सबसे प्रमुख बात रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की चुनौती है, जिसमें आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा तथा हमारी अन्य परम्परागत जीवन पद्धति के अनुसार अपनी दैनिक दिनचर्या को बनाना होगा। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने की सम्भवता व्यक्त की जा रही है और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ये बच्चों के लिए अधिक घातक है ऐसी स्थिति में इससे बचने के लिये स्कूल एवं कालेजों विश्वविद्यालयों चिन्तन करना चाहियें हमने दूसरी लहर में आॅक्सीजन के महत्व को समझा है हमारे प्रयासों हो कि हम अपने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण तथा पेड़-पौधों के महत्व को समझायें तथा उन्हें पौध रोपण हेतु प्रेरित करें। --------

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